हत्या मामले में पिता-पुत्र को आजीवन कारावास की सजा
न्यायालय का फैसला जानने के लिए परिसर में काफी लोगों की लगी थी भीड़ बेटे को बचाने गए पिता के पेट में घोंपा था चाकू, अन्य लोगों को भी किया था घायल

न्यायालय का फैसला जानने के लिए परिसर में काफी लोगों की लगी थी भीड़ बेटे को बचाने गए पिता के पेट में घोंपा था चाकू, अन्य लोगों को भी किया था घायल (पेज तीन की लीड खबर) भभुआ, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश- 10 अरुण कुमार तिवारी की अदालत ने हत्या के मामले में मंगलवार को पिता व पुत्र को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनायी। अदालत ने सजायफ्ता पिता-पुत्र पर 25-25 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया। अर्थदंड की राशि जमा नहीं करने पर दोनों को दो-दो माह अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई गई। सजा पानेवालों में जिले के नुआंव थाना क्षेत्र के नुआंव निवासी दिनेश जायसवाल उर्फ पप्पू जायसवाल तथा उसके पुत्र कृष्ण जायसवाल शामिल हैं।
अपर लोक अभियोजक रामनारायण राम ने बताया कि अदालत ने जानलेवा हमला के प्रयास मामले मेंं पिता व पुत्र को दस-दस वर्ष के कारावास की सजा व पांच-पांच हजार रुपया जुर्माना लगाया है। जुर्माना की राशि नहीं देने पर एक-एक माह अतिरिक्त कारावास की बात आदेश में कही गई है। उन्होंने बताया कि इस मामले में नुआंव के प्रेमचन्द्र प्रसाद के पुत्र अखिलेश प्रसाद द्वारा नुआंव थाना में एफआईआर दर्ज कराई गई है। वाराणसी के ट्रामा सेंटर में 11 जुलाई 2020 की दोपहर 1:05 बजे उन्होंने पुलिस पदाधिकारी के समक्ष बयान दिया था। उन्होंने पुलिस अफसर को बताया था कि उनका मकान एवं जमीन गांव के काली मंदिर के बगल में हैं। 10 जुलाई 2020 की रात 9:30 बजे उनके गांव के दिनेश जायसवाल उर्फ पप्पू जायसवाल व उसके पुत्र कृष्णा जायसवाल सड़क वाली जमीन के पास खेत में कबाड़ फेंकने गए थे, जो रोप वाली जमीन थी। जब उनके पिता प्रेमचंद प्रसाद को इसकी सूचना मिली तो अपने चाचा रविशंकर जायसवाल एवं अन्य लोगों के साथ खेत पर पहुंचे और कबाड़ फेंकने से मना किया। प्रेमचंद सहित कई लोगों पर चाकू से हमला का है आरोप अखिलेश प्रसाद ने अपने बयान में कहा था कि वहां पर उपस्थित दोनों अभियुक्त अपने पास लिए चाकू से उसके पिताजी प्रेमचंद प्रसाद के पेट में घोंप दिए, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। अन्य लोगों को भी चाकू से मारकर घायल कर दिए। जब ग्रामीण उन्हें बचाने के लिए पहुंचे तो अभियुक्त पिता व पुत्र वहां से भाग गए। घायल मेरे पिता प्रेमचंद जायसवाल को अस्पताल लेकर जाने लगे। अन्य घायल लोगों को बनारस हायरे सेंटर रेफर कर दिया गया। उनके पिता प्रेमचन्द प्रसाद की मृत्यु रास्ते में ही हो गई। कोर्ट में 13 गवाहों की ली गई गवाही अपर लोक अभियोजक ने बताया हत्या के इसी मामले में अखिलेश द्वारा नुआंव थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है। अदालत ने हत्या मामले में विचारण के दौरान 13 लोगों की गवाही लेकर फैसला सुनाया गया है। हत्या एवं जानलेवा हमले में पिता व पुत्र को न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनायी। बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अजीत कुमार सिंह ने न्यायालय में अपना पक्ष रखा। न्यायालय में फैसला सुनाते समय परिसर में काफी भीड़ देखी गयी। फोटो- 27 मई भभुआ-11 कैप्शन- न्यायालय द्वारा मंगलवार को हत्या मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाने के बाद सजाफ्तार पिता-पुत्र को लेकर जेल जाती पुलिस।
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