बोले भागलपुर: बास्केट बॉल के खिलाड़ियों को मिले बेहतर सुविधा
भागलपुर में बास्केट बॉल का क्रेज बढ़ रहा है, जहां बच्चे इस खेल को अपने करियर के रूप में चुन रहे हैं। हालांकि, खिलाड़ियों को प्रशिक्षण के लिए पर्याप्त सुविधाओं का अभाव है। खेल संघ के सचिव ने सरकार से...
भागलपुर में बास्केट बॉल का क्रेज पिछले कई वर्षों से काफी तेजी से बढ़ता दिखाई दे रहा है। युवाओं के साथ बालक और बालिका वर्ग इस खेल को अपने कॅरियर के रूप चुन रहे हैं। जिससे जिला स्तर के साथ राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर भी खिलाड़ी अपनी पहचान बनाने लगे हैं। भागलपुर बास्केट बॉल संघ के साथ फिलहाल छोटे-बड़े दो सौ से अधिक बच्चे जुड़े हैं, जो सैंडिस कंपाउण्ड में बने कोर्ट में नियमित रूप से प्रैक्टिस करने आते हैं। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा पिछले कुछ वर्षों में खेलो इंडिया समेत खेलकूद से जुड़ी कई गतिविधियों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
बावजूद भागलपुर में बास्केट बॉल के खिलाड़ियों को सरकार या प्रशासनिक स्तर से किसी तरह का प्रोत्साहन एवं सुविधा का अभाव दिखाई दे रहा है। बास्केट बॉल संघ के सचिव सौरभ कुमार ने बताया कि भागलपुर में बास्केट बॉल को आगे ले जाने के लिए संघ द्वारा कई तरह से प्रयास किया जा रहा है, जिससे भागलपुर के खिलाड़ी भी बड़े टूर्नामेंट में भाग लेकर मेडल ला सकें। भागलपुर में फिलहाल बास्केट बॉल की प्रैक्टिस के लिए सैंडिस कंपाउण्ड में स्मार्ट सिटी द्वारा बनाया गया एक कोर्ट उपलब्ध है, जहां अभ्यास करने के साथ कोई भी टूर्नामेंट खेलने के लिए एजेंसी को बच्चों और बास्केट बॉल एसोसिएशन द्वारा शुल्क भुगतान करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन और खेल विभाग द्वारा एसोसिएशन और खिलाड़ियों को नि:शुल्क या न्यूनतम शुल्क पर कोर्ट उपलब्ध कराया जाना चाहिए। उन्होंने बताया नशेड़ियों के कारण कोर्ट के आसपास का माहौल असहज हो जाता है, जिससे बच्चों के मन में भय बना रहता है। पुलिस प्रशासन को नियमित गश्त के साथ जबतक बच्चियां इस कोर्ट में प्रैक्टिस करती हैं तबतक शेरनी दल की तैनाती होनी चाहिए। जिससे बच्चे भयमुक्त होकर खेल में आगे बढ़ मेडल जीत सके। चंदन सहाय ने बताया कि खेल की बेहतरी और बच्चों को उनकी रुचि के अनुरूप मंच देने के लिए अभिभावकों के साथ सरकार और प्रशासनिक स्तर भी सुविधा मुहैया कराया जाना चाहिए। जिससे बालक-बालिका अलग-अलग वर्ग में सफलता का परचम लहरा सकें। इससे भागलपुर और बिहार के छात्र-छात्राओं में भी इस खेल में आगे बढ़कर भविष्य बनाने के प्रति जागरूकता और ललक बढ़ेगी। धीरज कुमार ने बताया कि पानी की समस्या के कारण हमेशा बच्चों को परेशानी होती है। प्यास लगने पर बच्चों को पानी खरीद कर लाना पड़ता है, जो किसी भी छात्र के लिए परेशानी की बात है। अगर भागलपुर में अतिरिक्त कोर्ट की व्यवस्था हो जाय तो यहां बड़े-बड़े आयोजन किये जा सकते हैं। बाहर के बच्चे भी खेल में शामिल होकर अपनी पहचान पूरे देश में बना सकते हैं। अभिषेक झा ने बताया कि भागलपुर का बास्केट बॉल खिलाड़ी शिबू इंटरनेशनल के लिए चयनित हुआ है, जबकि दर्जनों खिलाड़ी ऐसे हैं जो नेशनल खेल चुके हैं। मेडल लाओ नौकरी पाओं का आह्वान पूरा होने के लिए खिलाड़ियों को जरूरी सुविधा मिलनी चाहिए। जिससे वो अपना शत-प्रतिशत देकर अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ सफलता का आयाम तय कर सकें। निलेश कुमार ने बताया कि कभी भी किसी भी कोर्ट का निर्माण आम तौर पर नॉथ साउथ डायरेक्शन में किया जाता है, लेकिन सैंडिस कंपाउण्ड में बास्केट बॉल बना कोर्ट ईस्ट-वेस्ट डायरेक्शन में बनाया गया जिस कारण दिन में धूप के दौरान मैच कराना संभव नहीं हो पाता है। अगर कोर्ट पर प्रशासन की ओर से शेड की व्यवस्था कर दी जाय तो यहां हर मौसम में दिन और रात में मैच कराया जा सकता है। इससे बच्चों को भी प्रैक्टिस के लिए अधिक समय मिल सकेगा। सरकार भागलपुर में अतिरिक्त बास्केट बॉल कोर्ट का निर्माण करे भागलपुर बास्केट बॉल संघ के सचिव सौरभ कुमार ने बताया कि भागलपुर बास्केट बॉल संघ को खेल विभाग और जिला प्रशासन से कई तरह के सहयोग की जरूरत है। जिससे बास्केट बॉल के खिलाड़ियों को जरूरी सुविधा के साथ बेहतर प्रशिक्षण मिल सके। गर्ल्स और ब्वॉयज कटेगरी में काफी बच्चे हैं जो भागलपुर में प्रशिक्षण ले रहे हैं, लेकिन जगह की कमी के कारण बच्चों को प्रैक्टिस के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाता है। खिलाड़ियों के लिए खुद को बेहतर साबित करने के लिए सबसे जरूरी है कि संघ को अलग से कोर्ट मुहैया कराया जाय जहां खिलाड़ियों को प्रैक्टिस के लिए पर्याप्त जगह और समय मिले। उन्होंने बताया कि पिछले आठ वर्षों से भागलपुर में यूथ बास्केट बॉल राज्य स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। लेकिन जगह की कमी के कारण यहां अलग अलग टीम का लीग मैच कराने की बजाय नॉक आउट मैच कराना पड़ता है। अगर सरकार द्वारा बास्केट बॉल के लिए अलग से सेपरेट दो कोर्ट की व्यवस्था कर दी जाय तो यहां राज्य और राष्ट्रीय स्तर का टूर्नामेंट कराया जा सकता है। कोर्ट के पास कपड़े बदलने के लिए चेंजिंग रूम की व्यवस्था हो भागलपुर बास्केट बॉल संघ के कोच और सदस्य विश्वजीत कुमार ने बताया कि बास्केट बॉल कोर्ट में बच्चों के लिए कई तरह की सुविधाओं का अभाव है। बास्केट बॉल इंडोर गेम है लेकिन यहां कोर्ट पर शेड की व्यवस्था नहीं होने के कारण कोर्ट पर गंदगी फैल जाती है, जिससे खिलाड़ियों और उनलोगों को प्रैक्टिस के दैरान काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बास्केट बॉल खिलाड़ी और बच्चे जब प्रैक्टिस के लिए कोर्ट पर आते हैं तो उनके कपड़े बदलने के लिए चेंजिंग रूम की व्यवस्था नहीं है, जिसके कारण विशेषकर लड़कियों को चेंज करने में काफी परेशानी होती है। इसको देखते हुए जिला प्रशासन या स्मार्ट सिटी के अधिकारियों द्वारा गर्ल्स और ब्वॉयज बास्केट बॉल खिलाड़ियों के लिए चेंजिंग रूम बनवाया जाना जरूरी है। उन्होंने बताया कि कोर्ट में जब कभी भी टूर्नामेंट या कोई मैच होता है तो मैच देखने के लिए भारी संख्या में खिलाड़ियों के अभिभावक और खेलप्रेमियों की भीड़ जुट जाती है। लेकिन लोग बैठकर मैच का आनंद ले सकें, इसके लिए गैलरी या कोई जगह भी नहीं है। बास्केट बॉल कोर्ट पर शेड नहीं लगे होने से खिलाड़ियों को परेशानी भागलपुर बास्केट बॉल संघ के सदस्य अभिषेक झा ने बताया कि कोर्ट पर शेड नहीं लगे होने के कारण गर्मी के दिनों में खिलाड़ियों की परेशानी और अधिक बढ़ जाती है। तेज धूप के कारण खिलाड़ियों का प्रशिक्षण और प्रैक्टिस बाधित हो जाता है। एक तो पानी के लिए कोई व्यवस्था नहीं है, जिससे खेल या प्रैक्टिस से थकान होने पर बच्चों को पीने के साथ हाथ मुंह धोने तक के लिए भी पानी नहीं मिलता है। मॉनसून के समय बारिश के डर से और गर्मी के दिनों में तेज धूप और गलत डायरेक्शन में बनाए गए बास्केट बॉल कोर्ट के कारण टूर्नामेंट नहीं हो पाता है। इसको देखते हुए बास्केट बॉल का इंडोर कोर्ट बनाया जाना चाहिए। पिछले पांच वर्षों में बिहार और भागलपुर से कई बास्केट बॉल खिलाड़ी नेशनल के लिए चयनित हुए हैं। इंडोर कोर्ट की भी व्यवस्था होनी चाहिए। अकेले भागलपुर से बालक और बालिका वर्ग में करीब सौ खिलाड़ी का चयन हुआ है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा बास्केट बॉल के उत्थान के लिए विशेष ध्यान देने की जरूरत है। जिससे बच्चे इस खेल में आगे बढ़ सकें। पेयजल की व्यवस्था नहीं होने से होती है काफी परेशानी भागलपुर बास्केट बॉल संघ के प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि सैंडिस कंपाउण्ड स्थित बास्केट बॉल कोर्ट में प्रैक्टिस करने आने वाले खिलाड़ियों, कोच और संघ के पदाधिकारियों और सहयोगियों के लिए कोर्ट के आसपास पानी की सुविधा उपलब्ध नहीं है, जबकि पीने के लिए भी पानी खरीदकर या घरों से लेकर आना पड़ता है। हाथ मुंह धोने या कोर्ट की सफाई के लिए भी पानी ढोकर या दूसरे खेलों के एसोसिएशन की मदद से पानी लाना पड़ता है। प्रैक्टिस या मैच खेलने के दौरान पेयजल की आपूर्ति नहीं होने से बच्चों और प्रशिक्षकों को काफी परेशानी होती है। कोर्ट के आसपास जंगल झाड़ी बढ़ती जा रही है, जिसकी नियमित तौर पर सफाई के साथ समय-समय पर छंटाई भी होनी चाहिए। आसापास के पेड़ पर पक्षियों का डेरा जमा रहता है और हमेशा पेड़ की टहनियों पर पक्षियों के बैठे रहने से बास्केट बॉल कोर्ट पर हमेशा गंदगी फैल जाती है। साथ ही साफ-सफाई व्यवस्था भी ठीक नहीं होने से बास्केट बॉल कोर्ट और आसपास में गंदगी और दुर्गंध फैल जाती है, जिससे प्रशिक्षकों के साथ बच्चों को भी यहां प्रैक्टिस करने में परेशानी होती है। इनकी भी सुनिए सैंडिस कंपाउण्ड में शाम के वक्त काफी संख्या में खिलाड़ियों के साथ बास्केट बॉल कोर्ट के समीप अन्य लोगों की भीड़ जुटती है। इसमें कई असामाजिक तत्व भी शामिल होते हैं, जिससे बच्चियों को कई बार असहज महसूस होता है। इसको देखते हुए पूरे कोर्ट और आसपास के इलाके में सीसीटीवी लगाया जाना चाहिए। -निलेश कुमार, सदस्य कोर्ट पर प्रैक्टिस के लिए आने वाले बास्केट बॉल खिलाड़ियों को सुरक्षित माहौल प्रदान करने की जरूरत है, जिससे लड़कों के साथ लड़कियां भी अच्छे से प्रशिक्षण प्राप्त कर आगे बढ़ सकें। नगर निगम द्वारा यहां की साफ-सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव कराना चाहिए। -धीरज कुमार, सदस्य बास्केट बॉल कोर्ट में खेलने या प्रैक्टिस करने आने वाले खिलाड़ियों के लिए चेंजिंग रूम की सबसे अधिक जरूरत है, जिससे उन्हें कपड़े बदलने में परेशानी या असहजता महसूस नहीं हो। कोर्ट में आने या जाने के दौरान सुरक्षित माहौल मिलना चाहिए, जिससे वो भयमुक्त होकर अपने खेल पर ध्यान दे सकें। -खुशी कुमारी, सदस्य शाम के समय में बास्केट बॉल कोर्ट में प्रैक्टिस के लिए समय सीमा तय कर दी गई है। स्कूली बच्चों को विद्यालय और कोचिंग से आने में देरी हो जाती है, जिससे वे समय से कोर्ट पर नहीं पहुंच पाते हैं। इसके कारण खिलाड़ियों को अभ्यास के लिए काफी कम समय मिल पाता है। -अक्षय कुमार, सदस्य बास्केट बॉल कोर्ट में शेड की व्यवस्था होनी चाहिए। अलग-अलग जगहों पर कोर्ट का निर्माण कराया जाय। जिससे अधिक संख्या में खिलाड़ियों को प्रैक्टिस करने का अवसर मिलेगा और अलग-अलग इलाके के बच्चे भी इस खेल से जुड़कर आगे बढ़ सकेंगे। इससे बड़े टूर्नामेंट में मेडल की भी संख्या बढ़ेगी। -राहिद अख्तर, संयुक्त सचिव भागलपुर में बास्केट बॉल कोर्ट की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए। अधिक कोर्ट होने से अधिक खिलाड़ियों को अभ्यास का मौका मिल सकेगा। प्रैक्टिस के लिए अधिक समय मिलने पर बेहतर खिलाड़ी तैयार होंगे, जिससे भागलपुर समेत बिहार को भी अधिक मेडल मिलेगा। -सुजीत कुमार सिंह, प्रशिक्षक संसाधन के अभाव में संगठन मजबूत नहीं है। प्रशासन अगर इस खेल पर ध्यान दे तो इस खेल के कारण भागलपुर जिले का भी नाम काफी आगे जाएगा। बास्केट बॉल संघ का अपना कार्यालय, पानी की सुविधा, गर्ल्स और ब्वॉयज के लिए चेंजिंग रूम और खिलाड़ियों के लिए सुरक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित होनी चाहिए। -अंकित कुमार झा, कोषाध्यक्ष बास्केट बॉल खेलने वाले बच्चों के अभ्यास के लिए शाम के समय में 4 से 7 बजे शाम तक ही प्रैक्टिस की अनुमति है। इसे बढ़ाकर रात 9 बजे तक प्रैक्टिस की छूट दी जानी चाहिए। बच्चों की रुचि के अनुसार उन्हें सुविधा और सुरक्षा मुहैया करानी चाहिए। जिससे आने वाले दिनों में भागलपुर के बच्चे भी मेडल की रेस में आगे जा सकें। -चंदन सहाय, सदस्य बास्केट बॉल खिलाड़ियों को कम से कम तीन घंटे तक प्रैक्टिस मिलना चाहिए। तभी खिलाड़ी मेडल के लिए तैयार हो सकेंगे। कोर्ट की सुविधा, पानी की सुविधा, सुरक्षा, साफ-सफाई और पर्याप्त समय के साथ जरूरी संसाधनों का मिलना जरूरी है। इससे अधिक संख्या में खिलाड़ी इस खेल से जुड़कर राज्य और देश में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। -इशान सिन्हा, खिलाड़ी चेंजिंग रूम नहीं होने के कारण उनलोगों को काफी परेशानी है। इसलिए प्रशासन द्वारा कोर्ट के पास चेंजिंग रूम बनवाना चाहिए, जिससे कोई भी खिलाड़ी सहज रूप से अपने प्रैक्टिस पर ध्यान दे सकें। जगह की कमी होने के कारण फूल कोर्ट प्रैक्टिस नहीं कर पाते हैं। असामाजिक तत्वों का भी जमावड़ा लगा रहता है। -श्रुति श्रीवास्तव, खिलाड़ी भागलपुर में बास्केट बॉल कोर्ट की संख्या बढ़नी चाहिए। कोर्ट पर बच्चों के लिए बेसिक सुविधाओं के होने से खिलाड़ियों का मानसिक और शारीरिक विकास होता है। इससे बच्चों को बास्केट बॉल में अपना कॅरियर बनाने का भी अवसर मिलेगा। जिससे उनका भविष्य सुरक्षित होगा। -सोनाक्षी झा, खिलाड़ी बास्केट बॉल खेल प्रैक्टिस के लिए समय की बाध्यता के कारण स्कूली बच्चों को प्रैक्टिस जल्द खत्म करनी पड़ती है, जिससे उन्हें पर्याप्त समय नहीं मिल पाता है। इसका प्रभाव उनके खेल पर पड़ता है। कोर्ट पर गंदगी फैली रहती है और पानी की भी व्यवस्था नहीं है। -अक्षत जैन, खिलाड़ी शिकायतें 1. सैंडिस कंपाउंड में बनाया गया बास्केट बॉल कोर्ट नॉर्थ साउथ डायरेक्शन की जगह ईस्ट वेस्ट डायरेक्शन में बनाया गया है, इससे धूप के समय में मैच नहीं हो सकता है। 2. भागलपुर से बास्केट बॉल में ब्वॉयज और गर्ल्स खिलाड़ियों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन प्रशासन द्वारा उन्हें कोई सहयोग नहीं मिल पाता है। 3. बास्केट बॉल कोर्ट में प्रैक्टिस करने के लिए अलग-अलग आयु वर्ग के छात्र-छात्रा आते हैं, लेकिन चेंजिंग रूम नहीं होने से खासकर लड़कियों को अधिक परेशानी होती है। 4. बास्केट बॉल कोर्ट के पास पानी की कोई व्यवस्था नहीं होने से खिलाड़ियों को पीने का पानी घर से या खरीदकर लाना पड़ता है, प्रैक्टिस पर थकान के बाद हाथ मुंह धोना भी मुश्किल होता है। 5. बास्केट बॉल इंडोर गेम है, लेकिन सैंडिस कंपाउंड में बना बास्केट बॉल कोर्ट खुला है। इससे कोर्ट पर धूल, पेड़ के पत्ते के और पक्षियों से गंदगी फैल जाती है। सुझाव 1. सैंडिस कंपाउंड बास्केट बॉल कोर्ट पर प्रैक्टिस और खेलने आने वाले सभी खिलाड़ियों के कपड़े बदलने के लिए चेंजिंग रूम की व्यवस्था अनिवार्य है। 2. मेडल लाओ नौकरी पाओ के नारे को सार्थक करने के लिए सरकार और जिला प्रशासन को खिलाड़ियों को जरूरी सुविधा मुहैया करानी होगी। 3. बास्केट बॉल खिलाड़ियों के प्रशिक्षण और प्रैक्टिस के लिए अतिरिक्त कोर्ट का निर्माण कराया जाना चाहिए, जिससे अधिक बच्चे अभ्यास कर सकें। 4.भागलपुर सैंडिस कंपाउंड स्थित बास्केट बॉल कोर्ट में शेड की व्यवस्था हो, जिससे धूप और बारिश के समय में भी खिलाड़ियों का अभ्यास बाधित नहीं हो। 5. भागलपुर में बास्केट बॉल का एक मात्र कोर्ट सैंडिस कंपाउंड में है, जहां साफ-सफाई के साथ पीने और हाथ मुंह धोने के लिए पानी की व्यवस्था होनी चाहिए।
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