हमारे जीवन के मुक्ति परमात्मा की शरण में है : देवी मीरा
प्रयागराज से पधारी हैं मां कामख्या उपासक देवी मीरा किशोरी श्री श्री 108 महावीर

भागलपुर, कार्यालय संवाददाता कथा श्रवण करने और कहने की सार्थकता है। हमारे जीवन के मुक्ति का कारण केवल एक ही है, वो है परमात्मा की शरण में जाना और भगवान का भजन करना है। हमें मानव जीवन बड़े भाग्य से प्राप्त होता है लोगों को हरि सत्संग और कथा का सौभाग्य मिलना बड़ी बात होती है। यह बातें प्रयागराज से पधारे नीरज स्वरूप महाराज की शिष्या कथा वाचिका देवी मीरा किशोरी ने गुरुवार को चंपानगर के तुलसी मिश्रा लेन स्थिति हनुमान मंदिर में नौ दिवसीय श्रीराम कथा के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि भगवान की कथा में बैठे तो केवल परमात्मा का होकर रहें।
श्री राम कथा में केवट ने भगवान के चरणों को धोकर पिया तो सारे पितरों का उद्धार कर दिया। जब भी गंगा नदी या किसी और नदी को पार करें तो कुछ द्रव्य जरूर समर्पित करना चाहिए। उसकी उतराई अवश्य देना चाहिए। इस मौके पर इस दौरान नीरज स्वरूप जी सहित प्रवेश राजहंस, सजय कुमार झा, शरत चंद्र मिश्र, प्रशांत झा, राजीव झा, परिमल ठाकुर, प्रियरंज झा, जीवन झा, गोपाल रजक, कृष्णा मिश्र, राजकृष्ण मिश्र, राजू राजहंस, राकेश कुमार, शुभम झा आदि मौजूद थे।
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