आखिर कब बनेगा बहोरना गांव में लोहागढ नदी पर पुल, बरसात में फिर होगी परेशानी
बोले बांकाबोले बांका प्रस्तुति:- मुकेश मुन्ना दो साल पूर्व बहोरना गांव के पास लोहागढ़ नदी पर बना पुल हुआ ध्वस्त फुल्लीडुमर (बांका), निज

फुल्लीडुमर (बांका), निज प्रतिनिधि बीते पौने दो साल हुए 25 सितंबर 2023 को भारी बारिश से प्रखंड के खेसर-तारापुर मार्ग में बहोरना गांव के पास लोहागढ़ नदी में आई बाढ़ से पुल ध्वस्त हो गया था। जिसका निर्माण आजतक नहीं हो सका है। उन दिनों पानी के तेज बहाव से देखते ही देखते पुल का सात पिलर बीचों-बीच धंस गया था। जिससे इस मार्ग के बहोरना, निर्झरी, योगिया, भरतशीला, परमानंदपुर, इटवा, टिटही, हस्तिनापुर, भलुआ, गुलनी कुशाहा, छात्रहार सहित दर्जनों गांव के हजारों की आबादी का खेसर बाजार एवं तारापुर से एकाएक संपर्क टूट गया। जिसके बाद ग्रामीण कार्य विभाग के अधिकारियों ने पुल के समानांतर डायवर्शन बनाकर छोड़ दिया।
जो आजतक पुल का डायवर्शन ही आवागमन का सहारा बना है। अलबत्ता यह भी की पिछले साल फिर आई बाढ़ में डायवर्शन बह गया। जिसका विभाग ने फिर मरम्मती कर चालू कर दिया। जो अबतक चल रहा है। अब गर्मी के बाद बरसात का मौसम आने वाला है। फिर पता नहीं बाढ़ में इस डायवर्शन का क्या हश्र होगा। क्योंकि फिर डायवर्शन टूटने पर यातायात ठप होना तय है। जिससे क्षेत्रीय लोग चिंतिंत हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री दिग्विजय सिंह ने दो दशक पूर्व बनवाया था पुल दो दशक पूर्व यहां क्षेत्रीय लोगों की मांग पर लोहागढ़ नदी पर 9 स्पेन वाले इस पुल का निर्माण यहां बैंक के सांसद सह पूर्व केंद्रीय मंत्री दिग्विजय सिंह के द्वारा कराया गया था। जिसके बाद बांका जिले के खेसर बाजार से मुंगेर जिला के तारापुर तक कुल 18 किलो मीटर लंबे सड़क के बहोरना गांव के पास नदी पर पुल के निर्माण से इस क्षेत्र के एक लाख से ज्यादा की आबादी के लिए यह आसान मार्ग साबित हो रहा था। परन्तु इस पुल के ध्वस्त हो जाने से खेसर एवं तारापुर के बीच एकाएक संपर्क भंग हो गया है। तत्काल सुरक्षा की दृष्टिकोण से बहोरना के ग्रामीणों ने पुल के दोनों ओर बेरियर लगा दिया है। जिससे कोई हादसा न हो। बाद में विभाग ने डायवर्शन बनवाया। बहोरना गांव के ग्रामीण जगत भारती, ब्रजेश कुमार सिंह, राहुल कुमार सिंह, संतोष कुमार सिंह, सुधीर कुमार, देवराज कुमार आदि ने जिला प्रशासन से यहां पुल निर्माण कराने की कई बार अपील की परंतु आजतक पुल का निर्माण निर्माण नहीं हुआ। जिससे क्षेत्रीय लोग आंदोलन के मूड में हैं। ध्वस्त होने के बर्षों बाद भी पुल नहीं बनने लोगों में आक्रोश फुल्लीडुमर प्रखंड के मुख्य खेसर बाजार से सीधे मुंगेर जिला के तारापुर को जोड़ने वाली इस मुख्य पथ में पुल नही बनने से आमजनों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दर्जनों गांव के हजारों लोगों का इस पथ से जाना आना होता है। इस मार्ग में प्रतिदिन सैकड़ों वाहनों का आना-जाना लगा रहता है। जहां बहोरना गांव के पास अबतक पुल नही बनने से क्षेत्रीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। खासकर सब्जी विक्रेताओं के लिये यह मार्ग सबसे सुगम है। जो तारापुर की सब्जी मंडी से सब्जी लेकर इस क्षेत्र के बाजारों में बेचते हैं। फिलहाल खेसर-तारापुर जिलानी पथ के चौड़ीकरण एवं जीर्णोद्धार का काम करोड़ों रुपये की लागत से कराया जा रहा है। परंतु ध्वस्त हुए पुल का निर्माण नहीं होना एक बहुत बड़ी समस्या बनी हुई है। नदी से लगातार अवैध बालू उठाव से पुल हुआ ध्वस्त यहां मालूम हो कि दो दशक पूर्व लोहागढ़ नदी बालू से भरी पड़ी थी। पूर्व केंद्रीय श्री सिंह द्वारा पुल निर्माण के बाद से नदी से बालू का बड़े पैमाने पर दोहन शुरू हो गया। जो लगातार नदी में बालू उठाव की वजह से पुल का बेस कमजोर हो गया। और आखिरकार पिछले 25 सितंबर 2023 को नदी में आई बाढ़ से यह पुल ध्वस्त हो गया। अब सवाल यह कि इतने दिन बीत जाने के बाद भी आखिर जनप्रतिनिधियों का इस ओर ध्यान क्यों नहीं जाता। सांसद, मंत्री, विधायक के संज्ञान में रहने के बाद भी अबतक इस महत्वपूर्ण पुल का निर्माण नहीं होने से क्षेत्रीय लोग निराश हैं। जिससे क्षेत्रीय लोगों ने जिलाधिकारी, जनप्रतिनिधियों एवं सरकार से नदी पर अविलंब पुल बनवाने की मांग है। कहते हैं जिम्मेवार ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा जल्द ही पुल निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। पुल निर्माण का कार्य टेंडर की प्रक्रिया में है। पुल निर्माण के लिए वह लगातार प्रयासरत हैं। राज्य की सरकार गांव गांव की समस्या के प्रति लगातार काम कर रही है ताकि जनता को हर समस्या का समाधान मिल सके। मनोज यादव, विधायक, बेलहर ग्रामीणों का दर्द पौने दो वर्ष बीत जाने के बाद भी बहोरना पुल का निर्माण नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है। ध्वस्त पुल के डायवर्सन में दुर्घटनाएं होती रहती है।पुल नही बनने से क्षेत्रीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। अमित कुमार सिंह, सरपंच बहोरना पंचायत ध्वस्त बहोरना पुल के डायवर्सन में कई बार वाहन पलट चुका है। जिससे लोग जख्मी हो रहे हैं। पुल नहीं बनने स दुर्घटनाएं बढ़ गई है।ध्वस्त हुए पुल का निर्माण नहीं होना एक बहुत बड़ी समस्या बनी हुई है। सुमित कुमार, बहोरना खेसर तारापुर मार्ग का बहोरना पुल का निर्माण अति आवश्यक है। जिस पर जनप्रतिनिधि एवं विभागीय अधिकारियों को अविलंब ध्यान देने की जरूरत है।पुल नही बनने से क्षेत्रीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। कुमार रतिदेव, पूर्व पंचायत समिति सदस्य पुल का निर्माण नहीं होने से बाढ़ में डायवर्शन टूटने का खतरा बना रहता है। डायवर्शन में दुर्घटना का भय बना रहता है।पुल नही बनने से क्षेत्रीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। कुमार अभिषेक, पुल ध्वस्त होने के बाद से बड़े-छोटे वाहनों को आने-जाने में डायवर्शन पर भय बना रहता है। पुल के निर्माण से रास्ता सुगम हो जाएगा।ध्वस्त हुए पुल का निर्माण नहीं होना एक बहुत बड़ी समस्या बनी हुई है। कुणाल कुमार, ग्रामीण पुल ध्वस्त होने के बाद से नदी का पानी सिंचाई डांड़ में जाना बंद हो गया है। जिससे पटवन की समस्या उत्पन्न हो गई।पुल नही बनने से क्षेत्रीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। ध्वस्त हुए पुल का निर्माण नहीं होना एक बहुत बड़ी समस्या बनी हुई है। लालबिहारी सिंह, किसान बहोरना पुल इस मार्ग का अहम हिस्सा था। जिसके ध्वस्त होने के बाद इस जगह की रौनक ही चली गई।पुल नही बनने से क्षेत्रीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। अवधेश सिंह, किसान नदी में लगातार बालू उठाव से पुल का पिलर खोखला होकर धंस गया। नहीं तो पुल अभी और कई वर्षों तक चालू रहता। ध्वस्त हुए पुल का निर्माण नहीं होना एक बहुत बड़ी समस्या बनी हुई है। मंटू कुमार, डायवर्शन में कई बार दुर्घटनाग्रस्त वाहनों के यात्रियों को उन्होंने नदी से बाहर निकाला है। डायवर्शन यात्रियों के लिये खतरा हुआ बना है।पुल नही बनने से क्षेत्रीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। आशीष कुमार सिंह , ग्रामीण बरसात का मौसम आने वाला है। अगर पुल का निर्माण शुरू नहीं हुआ तो फिर डायवर्शन बहाने का खतरा है।ध्वस्त हुए पुल का निर्माण नहीं होना एक बहुत बड़ी समस्या बनी हुई है। संतोष कुमार सिंह, पुल निर्माण नहीं होने से छात्रों को स्कूल एवं कोचिंग जाने आने में परेशानी होती है। डायवर्शन में दुर्घटना का डर बना रहता है।पुल नही बनने से क्षेत्रीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। आदित्य कुमार, स्टूडेंट नेता, अधिकारी के संज्ञान में होने के बाद भी पुल का निर्माण नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है। पल का निर्माण अनिवार्य है।पुल नही बनने से क्षेत्रीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। दयानंद सिंह, ग्रामीण
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