यूपी के 4512 सरकारी स्कूलों में 25 हजार से अधिक शिक्षकों के पद खाली, पढ़ाई हो रही प्रभावित
उत्तर प्रदेश में 4512 सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों में 25 हजार से अधिक शिक्षकों के पद खाली हैं। शिक्षकों की भारी कमी है। ऐसे में यहां पढ़ने वालों छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।

यूपी में 4512 सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। 4512 सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों में 25 हजार से अधिक शिक्षकों के पद खाली हैं। हिन्दी, अंग्रेजी से लेकर गणित, सांइस समेत दूसरे विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की भारी कमी है। लखनऊ के स्कूलों में शिक्षकों के 50 फीसदी पद खाली हैं। इसका असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा है। स्कूलों में छात्र संख्या घटकर एक चौथाई से भी कम रह गई है। यही वजह है कि यूपी बोर्ड 10 वीं और 12वीं के परीक्षा परिणामों में गिरावट आयी है। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से शिक्षकों के खाली पदों का ब्योरा शासन को भेजा गया है। वहीं उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (एकजुट) ने निदेशालय और शासन के अधिकारियों से शिक्षकों के खाली पद भरने की मांग उठायी है।
उप्र.माध्यमिक शिक्षक संघ (एकजुट) के प्रदेश अध्यक्ष सोहनलाल वर्मा का कहना है कि प्रदेश भर सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक (टीजीटी) के स्वीकृत 70803 पदों में से 20999 पद खाली हैं। वहीं प्रवक्ता के स्वीकृत 22220 पदों के सापेक्ष 4703 पद खाली हैं। प्रधानाचार्य व प्रधानाध्यापकों के 4512 पद में से 2833 पद खाली हैं। संगठन सरकार से मांग करता है कि शिक्षकों की तरह प्रधानाचार्य के पदों की भर्ती लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के आधार पर करायी जाए ताकि स्कूलों को नियमित प्रधानाचार्य मिलें।
पात्र शिक्षकों को पुराने पेंशन का लाभ दिया जाए
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सोहनलाल वर्मा ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेन्द्र देव से बुधवार मुलाकात कर कहा कि एक अप्रैल 2005 के पूर्व चयनित बचे 500 शिक्षकों को पुरानी पेंशन का आदेश जारी किया जाए। निदेशालय की ओर से पुरानी पेंशन से अच्छादित पांच हजार शिक्षकों का आदेश 31 मार्च को आदेश जारी हो गया है। अभी भी प्रदेश के 500 शिक्षक इससे वंचित हैं। इसमें लखनऊ के 67 शिक्षक शामिल हैं। जल्द आदेश जारी नहीं होने पर संगठन धरने के लिए बाध्य होगा।