सरकार की चेतावनी: पाकिस्तान से जुड़ी सोशल मीडिया पोस्ट से रहें सतर्क, बड़ा साइबर खतरा!
सरकार की चेतावनी को गंभीरता से लेते हुए हर नागरिक को सोशल मीडिया पर सच और झूठ की पहचान करनी चाहिए। इसलिए सोशल मीडिया पर फैल रही पाकिस्तान स्पोंसर गलत जानकारी को लेकर सतर्क रहने की चेतावनी दी है।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर भारत के हमले से पाकिस्तान बौखला गया है। पाकिस्तान ने भारत के कई शहरों को मिसाइल, ड्रोन और फाइटर जेट से निशाना बनाने की कोशिश की है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर सूचनाओं की बाढ़ सी आ गई है। कुछ जानकारियां सही हैं, कुछ बढ़ा-चढ़ाकर पेश की गई हैं, और कुछ पूरी तरह से झूठी और भ्रामक।
भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच, PIB Fact Check जो कि प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) का आधिकारिक फैक्ट-चेकिंग प्लेटफॉर्म है ने नागरिकों को सोशल मीडिया पर फैल रही पाकिस्तान स्पोंसर गलत जानकारी को लेकर सतर्क रहने की चेतावनी दी है।
सोशल मीडिया पर भरे रहेंगे झूठे दावे
PIB Fact Check ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा: आने वाले दिनों में आपका सोशल मीडिया Pakistan स्पोंसर दुष्प्रचार से भरा रहेगा। यह जरूरी है कि आप हर जानकारी को सावधानीपूर्वक चेक करें।
इस पोस्ट में सरकार ने फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म्स पर फैल रही भ्रामक सूचनाओं को लेकर जनता को जागरूक रहने को कहा है, खासकर ऐसी जानकारी जो भारतीय सेना या भारत-पाकिस्तान के मौजूदा हालात से जुड़ी हो।
PIB को ऐसे करें रिपोर्ट
सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि यदि वे किसी भी प्रकार की संदेहास्पद जानकारी का सामना करें, तो उसे तुरंत PIB Fact Check को रिपोर्ट करें। इसके लिए आप +91 8799711259 पर WhatsApp और factcheck@pib.gov.in पर ईमेल भेज सकते हैं।
ऐसे समय में जब देश में सैन्य अभियान और सीमाओं पर तनाव चल रहा हो, सोशल मीडिया पर गलत जानकारी का फैलना एक बड़ा खतरा बन सकता है। सरकार की चेतावनी को गंभीरता से लेते हुए हर नागरिक को सोशल मीडिया पर सच और झूठ की पहचान करनी चाहिए और संदिग्ध जानकारी को तुरंत PIB Fact Check को रिपोर्ट करना चाहिए।
ऐसे चेक करें खबर सची है या नहीं
जानकारी की सच्चाई जांचने का पहला और सबसे ज़रूरी कदम है यह देखना कि जानकारी कहां से आ रही है। क्या यह किसी प्रतिष्ठित न्यूज चैनल या वेबसाइट से है, या किसी ऐसे X (ट्विटर) अकाउंट से जिसके 50 फॉलोअर्स हैं।
अगर जानकारी बड़ी है जैसे सैन्य कार्रवाई या आतंकी हमले से जुड़ी तो भरोसेमंद समाचार प्लेटफॉर्म्स इसकी पुष्टि करेंगे। भले ही यह 100% गारंटी न हो, लेकिन किसी वेरिफाइड अकाउंट की जानकारी आमतौर पर गुमनाम अकाउंट से ज्यादा विश्वसनीय होती है। PIB Fact Check, रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) और प्रेस सूचना ब्यूरो (Press Information Bureau) जैसे आधिकारिक हैंडल अक्सर फर्जी खबरों का खंडन करते हैं।
अगर किसी ट्वीट या इमेज में यह नहीं लिखा कि वह कब लिया गया, तो उस पर शक करें। कभी-कभी पुराने वीडियो या तस्वीरों को नई घटना से जोड़कर, भड़काऊ कैप्शन के साथ शेयर किया जाता है ताकि गुस्सा भड़काया जा सके। Google News में कीवर्ड सर्च करके आप जांच सकते हैं कि वह घटना मौजूदा है या नहीं। अगर कोई पोस्ट या ट्वीट बहुत नाटकीय लग रहा हो, तो उसकी हेडलाइन को कॉपी करके गूगल पर सर्च करें। अगर वो घटना असली है, तो उसके पीछे डिजिटल सबूत जरूर मिलेंगे।
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