कटिहार:: ईश्वर भक्ति से ही मानव कल्याण संभवः स्वामी नरेशानंद
कटिहार के गामी टोला स्थित संतमत सत्संग आश्रम में ब्रह्मलीन महर्षि मेंही परमहंस का 141वां जन्मदिन धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर प्रभातफेरी निकाली गई और स्वामी नरेशानंद ने प्रवचन दिया। उन्होंने भक्ति...

कटिहार निज संवाददाता। गामी टोला स्थित संतमत सत्संग आश्रम में ब्रह्मलीन परम पूज्यपाद महर्षि मेंहीं परमहंस का 141 वां जन्मदिन धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर आकर्षक प्रभातफेरी भी निकाली गई जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। विभिन्न मार्गो से होते हुए सत्संग आश्रम में आकर संपन्न हुई। कुप्पाघाट भागलपुर से आए स्वामी नरेशानंद ने प्रवचन के दौरान बताया कि ईश्वर भक्ति से ही जीवन का कल्याण संभव है। बताया कि देश में 4000 सत्संग मंदिर है जहां आज गुरुदेव मेंही परमहंस की जयंती मनाई जा रही है। बताया कि भक्ति का अर्थ सेवा है। ईश्वर प्राप्ति के चार साधन हैं।
मानस जप, ध्यान जप, दृष्टि योग और नादानुसंधान। परमात्मा के अनेक नाम में से कोई एक नाम का जाप किया जा सकता है। सच्ची भक्ति केवल पूजा में नहीं सेवा और समर्पण में है। दृष्टि योग को ज्योति योग और नसाग्रह ध्यान भी कहते हैं। स्वामी ने बताया कि गुरुदेव का मानना था कि आध्यात्मिक व्यक्ति सदाचारी होंगे। उनकी सामाजिक नीति अच्छी होगी और जहां की सामाजिक नीति अच्छी होगी वहां की राजनीति बुरी नहीं हो सकती। बताया कि परम कल्याण के लिए सात प्रकार के व्यसनों से दूर रहना जरूरी है। झूठ, चोरी, हिंसा,नशा और व्यभिचार से दूर रहें। उन्होंने सत्संग और ध्यान प्रतिदिन करने, माता-पिता, समाज, देश और विश्व की सेवा करने के साथ-साथ हरि का भजन करने को कहा। इस अवसर पर भंडारा का भी आयोजन किया गया। बड़ी संख्या में भक्तजनों और श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। विश्वेश्वर नारायण भगत, निर्मल डालमिया, त्रिलोकचंद अग्रवाल, कमल प्रसाद रामुका, शंकर भगत, राजू गुप्ता, अखिलेश्वर आदि व्यवस्था में जुटे थे।
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