बोले पूर्णिया: प्लस टू स्कूल को मिलें विषय वार मिले शिक्षक तो सहज होगी पढ़ाई
पूर्णिया जिले के प्लस टू स्कूलों में छात्रों को शिक्षकों और संसाधनों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। 267 उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 1,15,148 छात्रों का नामांकन हुआ है, लेकिन कई विद्यालयों में...
प्लस टू स्कूल के विद्यार्थियों की परेशानी प्रस्तुति: शैलेंद्र सन्नी - 20 मिडिल स्कूलों को 2 स्कूल में किया गया है धमदाहा में उत्क्रमित - 267 उच्च माध्यमिक विद्यालय हैं 10 प्लस टू के - 1 लाख 15 हजार 148 छात्र इन स्कूलों में वर्ग 9 से लेकर 12वीं तक नामांकित हुए वर्ष 2024 में जिले में बड़ी संख्या में उच्चतर शिक्षा के लिए पंचायत वार प्लस टू स्कूल खुले जहां इंटर स्तर की पढ़ाई होती है। ऐसे सभी स्कूलों को भवन मिल गया लेकिन फैकल्टी का अभाव बना हुआ है जिसके कारण उच्चतर शिक्षा प्रभावित हो रही है। कई स्कूलों में पर्याप्त शिक्षकों की कमी बताई जा रही है तो कई स्कूलों में पर्याप्त बेंच डेस्क भी नहीं है।
जबकि वर्ष 2024 में वर्ग 9 से लेकर 12वीं तक बड़ी संख्या में छात्रों का नामांकन हुआ है। सरकार की व्यवस्था के कारण छात्रों में पढ़ने की ललक बढ़ी है। पठन-पाठन की व्यवस्था में उदासीनता छात्रों एवं अभिभावकों को खल रही है। पूर्णिया जिला भर में 10 2 के 267 उच्च माध्यमिक विद्यालय हैं। जिसमें आठ प्रोजेक्ट बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय हैं तथा दो अल्पसंख्यक उच्च माध्यमिक विद्यालय और 257 विद्यालय में बुनियादी उच्च माध्यमिक विद्यालय राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय शामिल है। इन 267 सरकारी उच्च माध्यमिक विद्यालय में गत वर्ष 2024 में वर्ग 9 में 35701 छात्र नामांकित थे तो वही वर्ग 10 में 35061 वर्ग 11 में 27102 एवं 12वीं कक्षा में 17284 छात्र नामांकित थे। जिले के अमौर, बायसी, बीकोठी, धमदाहा, भवानीपुर, रूपौली, केनगर एवं पूर्णिया ईस्ट ब्लॉक में एक-एक प्लस टू बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय है। इसके अलावा जिले के बाकी बचे अन्य प्रखंडों में प्लस टू बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय नहीं है। यहां की छात्राओं को जेनरल समान उच्च माध्यमिक विद्यालय में ही मजबूरन पढ़ना पड़ रहा है। जिले के उत्क्रमित उच्चतर विद्यालय में उचित संसाधन और शिक्षकों के अभाव के कारण एक तरफ जहां छात्रों की पढ़ाई प्रभावित है वहीं अभिभावक भी कुंठित नजर आ रहे हैं। इसका एक उदाहरण उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय महेंद्र नगर है। बताया जा रहा है कि 10 महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षक नहीं होने के कारण उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय महेंद्र नगर दियारा में छात्रों को समुचित ज्ञान नहीं मिल पा रहा है। वर्ष 2022 में उच्च माध्यमिक विद्यालय का दर्जा प्राप्त इस विद्यालय में कक्षा 11 एवं 12 में अध्यनरत कला, विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय के कई विषय के फैकल्टी नहीं है। फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी, इंग्लिश, हिंदी, हिस्ट्री, जियोग्राफी, होम साइंस, इकोनॉमिक्स एवं अकाउंट्स सहित 10 फैकल्टी के शिक्षक इस विद्यालय में पदस्थापित नहीं है, जबकि माध्यमिक परीक्षा में द्वितीय मातृभाषा के रूप में शामिल किए जाने वाला संस्कृत विषय के शिक्षक भी वर्ग 9 एवं 10 वर्ग में पदस्थापित नहीं है। सबसे बड़ी समस्या 11 वीं एवं 12 वीं क्लास के विज्ञान संकाय के छात्रों को है। इस विद्यालय में विज्ञान संकाय के छात्र अच्छी खासी संख्या में है जबकि उन्हें पढ़ने के लिए गुरु जी का अभाव है। हालांकि विद्यालय प्रबंधन वैकल्पिक व्यवस्था के तहत टीआरई वन एवं टीआरई 2 पदस्थापित हुए 9-10 शिक्षक से ही कभी-कभार 11 कक्षा की घंटी करवा रहे हैं। बावजूद इसके 11-12 शिक्षक नहीं रहने के कारण यहां के छात्रों की अभिरुचि विद्यालय में क्लास करने की वजाय बाहर ट्यूशन पढ़ने एवं ऑनलाइन क्लास करने में हैं। क्षेत्र में रहने वाले छात्र भी अब अपनी बेहतर पढ़ाई के लिए मोबाइल ऐप के जरिए ऑनलाइन से जुड़ रहे हैं। वर्ष 2014 से 2022 के बीच धमदाहा प्रखंड के 20 अलग-अलग पंचायत में मध्य विद्यालय से उच्च माध्यमिक विद्यालय में उत्क्रमित किए गए लगभग सभी विद्यालय की भी कमोवेश यही स्थिति है। जिस विषय में छात्र नामांकित हैं उस फैकल्टी के शिक्षक नहीं है तो जिस फैकल्टी के शिक्षक इस सुदूर क्षेत्र में पदस्थापित किए गए हैं उस विषय को पढ़ने में इस क्षेत्र के छात्रों की अभिरुचि नहीं है। ऐसे में दोनों ही तरीके से छात्रों की पढ़ाई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। शिकायत: 1. पर्याप्त शिक्षकों के बिना विद्यालय खुलना,छात्र एवं अभिभावकों के साथ छलावा है 2. प्रयोगशाला के अभाव में छात्रों को प्रयोगिक ज्ञान नहीं मिल पा रहा है 3. कक्षा का विधिवत संचालन नहीं होने से 11वीं 12वीं के छात्र कमजोर पड़ रहे हैं 4. लाइब्रेरी का अभाव होने से कमजोर तपके के छात्र विभिन्न विषयों के किताब को नहीं पढ़ पा रहे हैं 5. विभाग की लापरवाही की वजह से शिक्षक पदस्थापित नहीं हुए हैं सुझाव: 1. सभी विषय का शिक्षक पदस्थापित हो तो छात्रों को मिलेगा बेहतर ज्ञान 2. प्रयोगशाला में कार्य करने से छात्रों का व्यावहारिक ज्ञान बढ़ेगा 3. विभाग यथाशीघ्र विद्यालय में लाइब्रेरी बनावे 4. जिन विद्यालय में जिस विषय के छात्र नामांकित नहीं है उस विषय के शिक्षक को दूसरे विद्यालय में करें पद स्थापित 5. नामांकित छात्रों के विषय अनुसार शिक्षकों का हो समायोजन हमारी भी सुनिए: 1. व्यवस्था में गड़बड़ी के कारण एडमिट कार्ड नहीं आया। जिसकी वजह से दसवीं बोर्ड की परीक्षा में शामिल नहीं हो पाई। एक साल बर्बाद हो गया। नीतू कुमारी पूर्ववर्ती छात्र 10 2. शिक्षक के अभाव में 12वीं कक्षा ठीक से संचालित नहीं हो पा रहा है। इसलिए छात्र को विद्यालय आवर में भी कोचिंग में पढ़ना पड़ता है। सौरभ कुमार वर्ग 12 3. विद्यालय में पर्याप्त संख्या में बेंच डेस्क नहीं है। छात्रों को बैठने में परेशानी होती है। कक्षा सही तरीके से संचालित करवाने की आवश्यकता है। सोनम कुमारी वर्ग 10 4. छात्राओं को अलग से बैठने के लिए कॉमन रूम नहीं है। इसलिए हमेशा एक ही कमरे में लड़कों के साथ बैठना पड़ता है। लक्ष्मी कुमारी वर्ग 10 5. रूटीन के हिसाब से पढ़ाई हो तो सुदूर क्षेत्र की लड़कियां भी अच्छा परिणाम दे सकती है। नियमित कक्षा संचालन की आवश्यकता है। रितू भारती वर्ग 10 6. कॉमन रूम सहित लड़कियों के लिए कई अलग व्यवस्था की जरूरत है। इस विद्यालय में जिमखाना भी नहीं बनाया गया है। शिखाकुमारी वर्ग 9 7. विषय वार शिक्षक नहीं होने से ना सिर्फ विषय की पढ़ाई बाधित हो रही है बल्कि छात्रों को बाहर कोचिंग जाना पड़ रहा है। काजल कुमारी वर्ग 10 8. शारीरिक शिक्षा के अभाव में विद्यालय अवधि छात्र में अपना बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं। इसमें सुधार की जरूरत है। अभिषेक कुमार वर्ग 9 9. शिक्षक, क्लर्क एवं कंप्यूटर ऑपरेटर की आवश्यकता है। छात्रों को फार्म अपलोड करने से लेकर दूसरी सरकारी सुविधा के लिए इधर-उधर साइबर कैफे जाकर भटकना पड़ता है। दीपक कुमार सिंह अध्यक्ष विद्यालय शिक्षा समिति मध्य विद्यालय महेंद्र नगर दियारा 10. प्रयोगशाला की आवश्यकता है। विज्ञान के तीनों विषय में 20 नंबर का सवाल प्रयोगशाला से पूछा जाता है। शुभम कुमार वर्ग 10 11. छात्रों के विकास के लिए कंप्यूटर का वास्तविक ज्ञान होना आवश्यक है। नवमी दसवीं में कंप्यूटर के शिक्षक नहीं है। सूरज कुमार वर्ग 9 12. विद्यालय में लाइब्रेरी की स्थापना होना आवश्यक है। लाइब्रेरी होने से कमजोर तबके के बच्चे यहां अधिक ज्ञान अर्जित कर पाएंगे। अमन कुमार वर्ग 9 13. एडमिट कार्ड नहीं आने के कारण 10वीं का परीक्षा देने के लिए एक वर्ष बैठना पड़ा है। यह 1 वर्ष आने वाले समय में भारी पड़ सकता है। काजल कुमारी पूर्ववर्ती छात्र वर्ग 10 14. विभाग की गलती की वजह से फॉर्म को सही तरीके से कंप्यूटर पर नहीं चढ़ाया जा सका जिस कारण 12वीं की परीक्षा से वंचित रह गई हूं। लक्ष्मी कुमारी पूर्ववर्ती छात्र वर्ग 12 15. मेहनत मजदूरी कर बच्चों को पढ़ा रहे हैं। पिछले साल मैट्रिक की परीक्षा बेटी नहीं दे पाई। इस वजह से परेशान हूं। अमेरिका देवी अभिभावक 16. 11 वीं 12वीं में शिक्षक की भारी कमी है परिणाम स्वरूप विद्यालय में कक्षा का संचालन नहीं हो पा रहा है। मनोज साह अभिभावक 17. विद्यालय में विज्ञान संख्या के शिक्षकों की पदस्थापना हो उन्हें अन्यत्र कोचिंग के अलावा ऑनलाइन विज्ञान की पढ़ाई करना पड़ रहा है। नमन कुमार सिंह वर्ग 12 विज्ञान संकाय 18. विद्यालय में क्लर्क एवं कंप्यूटर ऑपरेटर की जरूरत है। फार्म सही से अपलोड नहीं हुआ। जिस वजह से बेटी 12वीं की परीक्षा से वंचित रह गई। कर्मी देवी अभिभावक 19. कक्षा संचालित कर छात्रों को गणित बेहतर तरीके से पढ़ा रहा हूं। छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए भी प्रयासरत हूं। बलराम कुमार सिंह शिक्षक गणित प्लस टू 20. अपने विद्यालय के बच्चों को बेहतर करने की भावना के साथ रूटिंग के अनुसार क्लास ले रही हूं। छात्रों को पढ़ने के लिए प्रेरित भी कर रही हूं। पूनम कुमारी शिक्षाका राजनीतिक विज्ञान प्लस टू 21. कंप्यूटर साइंस की तरफ छात्रों की अभिरुचि बढ़े इसको लेकर लगातार छात्रों से वार्तालाप कर रहा हूं। कक्षा का संचालन नियमानुकूल कर रहा हूं। राकेश कुमार पासवान शिक्षक कंप्यूटर साइंस प्लस टू 22. रूटिंग के अनुसार अपने घंटी को फॉलो कर रही हूं। छात्रों से लगातार क्लास में आने के लिए प्रेरित कर रही हूं। बेहतर ज्ञान दे सकूं इस कार्य में लगी हूं। नीतू कुमारी शिक्षिका सोशियोलॉजी प्लस टू 23. वाणिज्य संकाय में बिजनेस स्टडी एक महत्वपूर्ण विषय है। छात्रों को बेहतर बनाने के लिए अपना सर्वोत्तम प्रयास करूंगी। सीमा कुमारी शिक्षिका बिजनेस स्टडी प्लस टू बोले जिम्मेवार: 1. शिक्षकों के अभाव में वैकल्पिक व्यवस्था के तहत वर्ग 9 और 10 के शिक्षकों से भी 11 तथा 12 का क्लास करवाया जा रहा है। इसके अलावा अलग-अलग विषय के योग्य शिक्षक को भी कक्षा संचालित करने के लिए भेजते रहता हूं। सरकार द्वारा मुहैया कराई गई संसाधनों से छात्रों को अवगत कराया गया है। छात्रों को बेहतर सुविधा मिल सके इसको लेकर विभाग को विभिन्न बिंदुओं पर जानकारी भी उपलब्ध कराया हूं। सभी विषय का शिक्षक उपलब्ध होते ही छात्रों की संख्या में इजाफा होगा। ब्रजकिशोर सिंह प्रभारी प्रधानाध्यापक महेंद्र नगर दियारा 2. उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में शिक्षकों एवं संसाधनों के लिए आगामी सामान्य बोर्ड की बैठक में विचार विमर्श किया जाएगा। शिक्षा सेवा की बेहतरी के लिए सरकार प्रयासरत है। काफी कुछ सुधार हुआ है और जो बाकी है उसके लिए भी सरकार प्रयासरत है। फिर भी जिले के सभी विद्यालयों की स्थिति का आकलन कर मंत्रालय को वस्तु स्थिति से अवगत कराया जाएगा। वाहीदा सरवर, अध्यक्ष, जिला परिषद पूर्णिया
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