Challenges in Badminton Training and Development in Bhagalpur बोले भागलपुर: भागलपुर में खुले भारतीय खेल प्राधिकरण का सेंटर, Bhagalpur Hindi News - Hindustan
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बोले भागलपुर: भागलपुर में खुले भारतीय खेल प्राधिकरण का सेंटर

भागलपुर में बैडमिंटन की प्रतिभा की कमी नहीं है, लेकिन प्रशिक्षण की समस्या बनी हुई है। इंडोर स्टेडियम होने के बावजूद खिलाड़ियों को उचित प्रशिक्षण और सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। भारतीय खेल प्राधिकरण...

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरMon, 12 May 2025 08:55 PM
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बोले भागलपुर: भागलपुर में खुले भारतीय खेल प्राधिकरण का सेंटर

भागलपुर में बैडमिंटन को लेकर प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। इसके लिए इंडोर स्टेडियम भी मौजूद है, जहां कई कोर्ट बनाए गए हैं। पिछले कुछ दिनों में भागलपुर बैडमिंटन संघ और खिलाड़ियों के समक्ष प्रशिक्षण की समस्या खड़ी हुई है, जिसका समाधान किया जाना चाहिए। भागलपुर से पूर्व में भी काफी अच्छे खिलाड़ी निकले हैं जो इसी संघ की मदद से आगे बढ़ते हुए आज स्टेट के साथ नेशनल लेवल पर अच्छी जगहों पर अपनी सेवा दे रहे हैं। भागलपुर में भारतीय खेल प्राधिकरण का सेंटर खुलना चाहिए। जिससे नेशनल लेवल के कोच के साथ बच्चों के लिए टेक्निकल ट्रेनिंग की सुविधा मिल सके, जिससे प्रतिभावान खिलाड़ियों को जिला और राज्य के साथ राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता के साथ ओलंपिक के लिए तैयार किया जा सके।

भागलपुर में बैडमिंटन खेल काफी पुराने समय से खेला जा रहा है। यहां के खिलाड़ियों ने कड़ी मेहनत के बल पर कामयाबी भी हासिल की है। भागलपुर जिला बैडमिंटन संघ द्वारा खिलाड़ियों को तैयार किया गया। जिन्होंने कई अभाव के बीच संघ और अपने स्थानीय कोच की मदद से अच्छे खेल का प्रदर्शन किया। आज भागलपुर के कई पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी ऐसे हैं, जिन्होंने अपने अच्छे खेल के बल पर आगे बढ़ते हुए नौकरी प्राप्त कर अलग-अलग विभागों में अपनी सेवा दे रहे हैं। अगर पिछले कुछ वर्षों की बात करें तो भागलपुर में बैडमिंटन संघ के प्रयासों के बावजूद यहां पर खिलाड़ियों की संख्या में काफी गिरावट आई है। इसको लेकर भारतीय खेल प्राधिकरण के कोच और भागलपुर बैडमिंटन एसोसिएशन के पूर्व खिलाड़ी रहे दिवेश कुमार ने बताया कि भागलपुर में बैडमिंटन को बढ़ावा देने के लिए कोच एवं कोचिंग की व्यवस्था होने के साथ यहां बैडमिंटन खिलाड़ियों के लिए हॉस्टल की सुविधा होनी चाहिए। जिसमें कैंटिन की भी सुविधा हो। अच्छे कोचिंग सेंटर खोले जाने चाहिए जिससे खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण और प्रैक्टिस के साथ कई तरह की सुविधाओं का लाभ मिल सकेगा। पूर्व में भागलपुर बैडमिंटन एसोसिएशन के कई बैडमिंटन खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन कर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर मुकाम हासिल किया है।

बैडमिंटन के नेशनल क्वालिफायड अंपायर और पीपी सावनी यूनिवर्सिटी के स्पोर्ट्स ऑफिसर एवं भागलपुर के पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी प्रणय प्रसून ने बताया कि यह गर्व का विषय है कि खेलो इंडिया यूथ गेम्स जैसे प्रतिष्ठित आयोजन की मेजबानी बिहार कर रहा है। उसमें भी भागलपुर को बैडमिंटन प्रतियोगिता की मेजबानी मिली है। यह भागलपुर के साथ राज्य के लिए गौरव का क्षण है। भागलपुर में इंडोर बैडमिंटन स्टेडियम बनने से जहां खिलाड़ियों को बेहतर मंच मिला, वहीं संघ की निरंतर सक्रियता और आयोजन क्षमता ने भागलपुर को बैडमिंटन के नक्शे पर स्थापित कर दिया है। वहीं एचएफए खान ने बताया कि उनलोगों ने खिलाड़ियों को तैयार कर एक मुकाम तक पहुंचाने का पूरा प्रयास किया। जिसका परिणाम भी मिला, लेकिन स्मार्ट सिटी और प्रशासनिक उदासीनता के कारण अब उनलोगों को खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने से रोक दिया गया है। वहीं कोई टूनार्मेंट आयोजन करने के लिए इंडोर स्टेडियम के लिए प्रतिदिन के हिसाब से शुल्क की मांग की जाती है जो उन लोगों के लिए वहन करना मुश्किल है। राम कुमार सिंह ने बताया कि भागलपुर में एक नेशनल लेवल कोच और तकनीकी प्रशिक्षण सुविधाओं की जरूरत है, जिससे भागलपुर के होनहार खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बना सकें।

सत्यजीत सहाय ने बताया कि इंडोर स्टेडियम में बैडमिंटन संघ की निगरानी में खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने के साथ किसी भी तरह के टूर्नामेंट के आयोजन पर कोई शुल्क नहीं लगना चाहिए। ऐसा पहली बार हुआ है जब प्रशिक्षण के अभाव और खिलाड़ियों की कमी के कारण भागलपुर की टीम ने अंतरजिला बैडमिंटन प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लिया। भागलपुर में बालक, बालिका एवं पुरुष महिला वर्ग के खिलाड़ियों के लिए अंडर 11, 13, 15, 17, 19 और सीनियर वर्ग के साथ 35 प्लस के खिलाड़ियों का टूर्नामेंट आयोजित किया जाता है। लेकिन अभी जगह के अभाव में कोई भी टूर्नामेंट नहीं हो पा रहा है। मिथिलेश कुमार ने बताया कि भागलपुर में बैडमिंटन को बढ़ावा देने के लिए भागलपुर में भारतीय खेल प्राधिकरण का सेंटर खुलना चाहिए, जिससे खिलाड़ियों को प्रशिक्षण और प्रैक्टिस के साथ कई तरह की सुविधाओं का लाभ मिल सकेगा।

जगह के अभाव में टूर्नामेंट कराना हुआ मुश्किल

भागलपुर जिला बैडमिंटन एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर तपन कुमार घोष ने बताया कि भागलपुर में जब से नए सिरे से इंडोर बैडमिंटन स्टेडियम का निर्माण किया गया है तब से भागलपुर जिला बैडमिंटन एसोसिएशन द्वारा वहां प्रशिक्षण देना या कोई टूर्नामेंट कराना काफी मुश्किल हो गया है। भागलपुर स्मार्ट सिटी द्वारा विकास कराया जाना अच्छी बात है, लेकिन जिस खेल और खिलाड़ियों के विकास के लिए यह निर्माण कराया गया, उन्हें ही फिलहाल इसका नुकसान होता दिखाई दे रहा है। स्मार्ट सिटी द्वारा इंडोर स्टेडियम की देखरेख की जिम्मेदारी एजेंसी को दे दी गई है और एजेंसी द्वारा उनलोगों को वहां प्रशिक्षण नहीं देने दिया गया और बाहर से प्रशिक्षक बुलाकर प्रशिक्षण कराया जाता है। इसके कारण भागलपुर में बैडमिंटन खिलाड़ी की संख्या लगभग नगण्य दिखाई दे रही है। पहली बार इंटर डिस्ट्रक्ट टूर्नामेंट में भागलपुर की टीम शामिल नहीं हो सकी।

प्रशिक्षण में खेल संघ को सहभागी बनाए एजेंसी

भागलपुर जिला बैडमिंटन एसोसिएशन के उपाध्यक्ष राजीव कांत मिश्रा ने बताया कि पिछले दो दशकों में जिला बैडमिंटन संघ भागलपुर ने राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर सफलतापूर्वक बहुत सारे कार्यक्रमों का आयोजन किया है। जिसके कारण यहां के कई बैडमिंटन खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का मौका मिला। बहुत ही प्रतिभावान खिलाड़ी और कोच यहां तैयार हुए। आज भी बैडमिंटन के लिए भागलपुर में बहुत काम किया जा रहा है। भागलपुर के स्थानीय और समर्पित खिलाड़ियों के साथ संगठन के सदस्यों को भी इसमें सहयोगी बनाना चाहिए। बिना शारीरिक मानसिक और बौद्धिक स्तर पर मजबूत बनाए बच्चों का सर्वांगीण विकास नहीं हो सकता है। उन्होंने बताया कि जो प्रतिभावान बच्चे आर्थिक रूप से संपन्न नहीं हैं, उन्हें भी अवसर मिलना चाहिए।

प्रशिक्षण एवं प्रैक्टिस कराने के लिए जगह का अभाव

भागलपुर जिला बैडमिंटन एसोसिएशन के सचिव सत्यजीत सहाय ने बताया कि भागलपुर जिला बैडमिंटन एसोसिएशन की स्थापना के बाद वर्ष 1985 में बैडमिंटन खिलाड़ियों के प्रशिक्षण की शुरुआत की गई। बैडमिंटन संघ का कोई कार्यालय और निश्चित स्थान नहीं होने के कारण किराए पर पुराने टाउन हॉल में मैच कराया जाता था। लेकिन काफी समय बाद जब इंडोर स्टेडियम बनने पर उनलोगों को बैडमिंटन के प्रशिक्षण, प्रैक्टिस और मैच के लिए जगह उपलब्ध हुई। जहां जिला स्तरीय, राज्य स्तरीय और इंटर स्कूल टूर्नामेंट का आयोजन किया गया। बच्चे भी संघ से जुड़कर प्रशिक्षण प्राप्त कर अपनी प्रतिभा के बल पर आगे बढ़ते रहे। उन्होंने बताया कि वर्तमान में भागलपुर बैडमिंटन संघ के पास बच्चों को प्रशिक्षण एवं प्रैक्टिस कराने के लिए जगह का अभाव है। जिसके कारण प्रतिभा होने के बावजूद बच्चों की संख्या घटती चली गई। जो भागलपुर बैडमिंटन के लिए काफी दुखद है।

भागलपुर में खेला जाए साई का कोचिंग सेंटर

भागलपुर जिला बैडमिंटन एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष कैप्टन राजेश नंदन ने बताया कि भागलपुर जिला बैडमिंटन संघ बहुत ही पुराना है जहां टाउन हॉल में बैडमिंटन खेल का आयोजन हुआ करता था। उनलोगों के काफी प्रयासों के बाद वर्ष 2006 में सैंडिस कंपाउंड के पास इंडोर हॉल बनकर तैयार हुआ, जहां बैडमिंटन कोर्ट बनने के बाद उन लोगों ने यहां खेलना शुरू किया। अभी तक भागलपुर जिला बैडमिंटन टीम के करीब 30 खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय स्तर पर भाग लिया है, जिसमें से कई खिलाड़ियों ने बैडमिंटन के आधार पर नौकरी भी प्राप्त की है। इसमें कुंदन कुमार, देवेश कुमार, रितेश कुमार, अलका, अमृता, सुरभि, चंद्रभानु, मिथिलेश कुमार, प्रवेश कुमार, रूपेश राज समेत कइ्र खिलाड़ी शामिल हैं। भागलपुर में राष्ट्रीय स्तर का स्टेडियम मौजूद है, जहां उनलोगों ने वर्ष 2014 में राष्ट्रीय जूनियर रैंकिंग एवं 2019 में अंडर 13 राष्ट्रीय प्रतियोगिता की भी सफलतापूर्वक मेजबानी की है। सरकार से उनलोगों की मांग है कि भागलपुर में साई का एक कोचिंग सेंटर उपलब्ध करवा दिया जाय। जहां खिलाड़ियों को राष्ट्रीय स्तर के कोच से प्रशिक्षण मिले।

इनकी भी सुनिए

पहले जिला बैडमिंटन संघ की देखरेख में जिले के पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी एक एकेडमी चलाते थे, जिसमें करीब 70 बच्चे आते थे। लेकिन नवनिर्मित इंडोर बैडमिंटन हॉल बनने के बाद इसे नई व्यवस्था के कारण बंद कर दिया गया। अब कहा जा रहा है कि एजेंसी द्वारा ही कोचिंग दी जाएगी, जो सही नहीं है।

-एचएफए खान, उपाध्यक्ष

भागलपुर में बैडमिंटन को बढ़ावा देने के लिए कोच एवं कोचिंग की व्यवस्था होने के साथ यहां बैडमिंटन खिलाड़ियों के लिए हॉस्टल की सुविधा होनी चाहिए। जिसमें कैंटिन की भी सुविधा हो। अच्छे कोचिंग सेंटर खोले जाने चाहिए जिससे खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण और प्रैक्टिस के साथ कई तरह की सुविधाओं का लाभ मिल सकेगा।

-दिवेश कुमार, कोच भारतीय खेल प्राधिकाण

किसी भी खेल और खिलाड़ियों को ऊंचाई तक ले जाने के लिए सिर्फ अच्छी खेल सुविधाएं पर्याप्त नहीं होतीं। अनुभवी और समर्पित मार्गदर्शक, प्रशिक्षक और मजबूत प्रबंधन के बिना खेल और खिलाड़ियों का सम्पूर्ण विकास संभव नहीं है। हमें मिलकर बैडमिंटन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाना होगा।

-प्रणय प्रसून, बैडमिंटन के नेशनल क्वालिफायड अंपायर

भागलपुर में पहले काफी संख्या में बैडमिंटन खेलने वाले बच्चे एसोसिएशन से प्रशिक्षण प्राप्त कर अलग-अलग प्रतियोगिता में आगे बढ़ रहे थे, लेकिन फिलहाल हमेशा प्रशिक्षण नहीं मिल पाने के कारण प्रतिभावान खिलाड़ी भी इस खेल से दूर होते जा रहे हैं। जो भागलपुर बैडमिंटन के लिए परेशानी की बात है।

-मिथिलेश कुमार

बैडमिंटन को बढ़ावा देने के लिए भागलपुर में भारतीय खेल प्राधिकरण का सेंटर खुलना चाहिए, जिससे खिलाड़ियों को प्रशिक्षण और प्रैक्टिस के साथ कई तरह की सुविधाओं का लाभ मिल सकेगा। बच्चों को शुरू से ही अच्छे कोच के साथ पर्याप्त प्रशिक्षण और प्रैक्टिस की सुविधा मिलेगी।

-अमितेश कुमार

भागलपुर बैडमिंटन एसोसिएशन के कई बैडमिंटन खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन कर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर मुकाम हासिल किया है। ऐसे कई खिलाड़ी हैं, जो खेल समेत विभिन्न विभागों में अपनी सेवा दे रहे हैं। वर्तमान में कुछ समस्याएं उत्पन्न हुई हैं जिसका नुकसान बैडमिंटन के प्रतिभवान खिलाड़ियों को हो रहा है।

-रूपेश राज

भागलपुर में साई का एक कोचिंग सेंटर खोला जाना चाहिए। इससे भागलपुर के साथ आसपास के बैडमिंटन खिलाड़ियों को भी बेहतर प्रशिक्षण और अभ्यास का अवसर मिलेगा। राष्ट्रीय स्तर के कोच से प्रशिक्षण प्राप्त कर खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में शामिल हो पाएंगे।

-राम कुमार सिंह

यह अत्यंत गर्व की बात है कि बिहार खेलो इंडिया यूथ गेम्स जैसे राष्ट्रीय स्तर के खेल की मेजबानी कर रहा है। विशेष रूप से भागलपुर को बैडमिंटन प्रतियोगिताओं की मेजबानी का सम्मान प्राप्त हुआ है। इससे देश में भागलपुर की एक नई पहचान बनेगी। भागलपुर में बैडमिंटन के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था की जानी चाहिए।

-राकेश कुमार

भागलपुर जिला बैडमिंटन टीम के करीब 30 खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर जिले को गौरवान्वित किया। लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के कारण संघ के प्रयासों के बावजूद बैडमिंटन में भागलपुर पिछड़ता जा रहा है। इसपर ध्यान देने की जरूरत है।

-घनश्याम सिंह

भागलपुर जिला बैडमिंटन संघ बहुत ही पुराना है। 1985 से टाउन हॉल में हुई बैडमिंटन की शुरुआत के बाद से भागलपुर से कई खिलाड़ी निकलते रहे हैं। वर्ष 2006 में हॉल बनकर तैयार होने पर सभी स्तर का बैडमिंटन टूर्नामेंट शुरू हुआ। जिससे आगे बढ़ते हुए दर्जनों खिलाड़ियों ने पहचान बनाई।

-रितेश कुमार

भागलपुर जिला बैडमिंटन एसोसिएशन ने हमेशा ऐसी प्रतिभाओं को अवसर दिया है। आज जब भागलपुर का स्टेडियम एक नया रूप ले रहा है और सभी सुविधाओं से लैस है तो इसमें सभी की सहभागिता होनी चाहिए। यहां के स्थानीय समर्पित खिलाड़ियों और संगठन के सदस्यों को भी इसमें सहयोगी बनना चाहिए।

-नमिता सहाय

बैडमिंटन में मेंटेनेंस फीस लिया जाय, लेकिन इसके लिए खिलाड़ियों को उचित समय दिया जाना चाहिए। साथ ही जिला बैडमिंटन संघ को किसी भी प्रकार की प्रतियोगिता कराने के लिए छूट दी जाए, जिससे यहां के खिलाड़ी बड़ी प्रतियोगिता में चयनित होकर राज्यस्तरीय एवं राष्ट्रीय स्तर पर खेल सकें।

-अर्पित शंकर सहाय

शिकायतें

1. जिला के पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी द्वारा चलाए जा रहे एकेडमी में करीब 70 बच्चे आते थे। लेकिन नवनिर्मित इंडोर बैडमिंटन हॉल बनने के बाद इसे नई व्यवस्था के कारण बंद कर दिया गया।

2. स्मार्ट सिटी के इंडोर स्टेडियम की देखरेख की जिम्मेदारी एजेंसी को दी गई है, इसके बाद से खिलाड़ियों को प्रशिक्षण नहीं मिल पा रहा है। इससे बैडमिंटन खिलाड़ी की संख्या कम हो गई।

3. ग्रामीण क्षेत्रों में बैडमिंटन खिलाड़ियों की खोज के लिए कोई प्रावधान नहीं है, बैडमिंटन महंगा खेल है और ग्रामीण क्षेत्रों में कैंप नहीं लगाने से प्रतिभावान खिलाड़ी की प्रतिभा सामने नहीं आ पाती है।

4. टूर्नामेंट के लिए इंडोर स्टेडियम उपलब्ध नहीं हो पाता है, जिसके कारण हमेशा बेहतर करने वाले भागलपुर के खिलाड़ी आज प्रशिक्षण और टूर्नामेंट से वंचित होते जा रहे हैं।

5. भागलपुर में बैडमिंटन के लिए अच्छी कोचिंग की व्यवस्था नहीं है। अच्छे स्टेडियम होने के बाद भी खिलाड़ियों के लिए हॉस्टल सुविधा नहीं रहने से बड़े टूर्नामेंट नहीं हो पाते हैं।

सुझाव

1. एजेंसी बच्चों को प्रशिक्षण देने से अधिक मेंबर बनाने पर जोर दे रही है। बैडमिंटन में मेंटेनेंस बहुत होता है इसलिए खिलाड़यों से मेंटेनेंस फीस के लिए एक उचित समय दिया जाए।

2. जिला बैडमिंटन संघ को इंडोर स्टेडियम में प्रतियोगिता कराने के लिए छूट दिया जाए, ताकि इस जिला के खिलाड़ी इस प्रतियोगिता से चयनित होकर राज्यस्तरीय एवं राष्ट्रीय स्तर पर खेल सके।

3. भागलपुर जिला बैडमिंटन एसोसिएशन ने हमेशा प्रतिभाओं को अवसर दिया है। एजेंसी द्वारा नए स्टेडियम में स्थानीय समर्पित खिलाड़ियों एवं संघ के सदस्यों को भी इसमें सहयोगी बनाना चाहिए।

4. अच्छे कोचिंग सेंटर खोले जाने चाहिए जिससे खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण और प्रैक्टिस के साथ कई तरह की सुविधाओं का लाभ मिल सकेगा। संघ को सरकार से आर्थिक सहयोग मिले।

5. खेल विभाग द्वारा साल में तीन बार बैडमिंटन ट्रेनिंग कैंप लगाया जाना चाहिए। इससे खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण मिलेगा और बड़े टूर्नामेंट के लिए खिलाड़ी तैयार हो सकेंगे।

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