चचरी पुल से जान हथेली पर रखकर आवागमन करते है ग्रामीण
छातापुर के लालगंज पंचायत में गैड़ा नदी पर पुल की कमी के कारण ग्रामीण चचरी का सहारा लेकर जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे हैं। बीमार मरीजों को अस्पताल ले जाने में कठिनाई होती है। लोग सांसद और विधायक से...

छातापुर, एक प्रतिनिधि लालगंज पंचायत के बीचोंबीच प्रवाहित होने वाली गैड़ा नदी में पुल नहीं होने के कारण लोगों को चचरी के सहारे जान जोखिम में डालकर आवागमन करना पड़ता है। इसके बावजूद लोगों की समस्या समाधान के लिए जनप्रतिनिधि और अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। इसको लेकर लोगों में काफी नाराजगी है। लोगों ने बताया कि इस क्षेत्र के बीमार मरीज को भी चचरी पुल से जैसे तैसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया जाता है, लेकिन ग्रामीणों की समस्या के समाधान को लेकर कोई ध्यान नही दे रहे है। जानकारी अनुसार परियाही गांव के मध्य भाग में नदी पड़ने के कारण दोनों भागों के लोगों को इस पार से उसपार आना जाना नत्यि पड़ता है।
क्योंकि हाट भी नदी के इस पार ही है जबकि स्कूल उस पार है। लोगों ने बताया कि नत्यि चचरी पुल के सहारे आवश्यक समान लेकर नदी पार करने में लोगों को काफी दक्कित होती है, जबकि स्कूली बच्चों को भी चचरी के सहारे ही नत्यि स्कूल आना जाना पड़ता है। लोगों ने बताया कि बच्चों को नदी के उसपार स्थित स्कूल, जनवितरण प्रणाली की दुकान, मदरसा आदि रहने के कारण नत्यि लोगों को इस पार से उसपार जाना आना पड़ता है। जबकि छोटे बच्चों को भी स्कूल भी भेजने में हमेशा लोगों को भय बना रहता है । लोगों ने बताया कि परियाही हाट पर ही मुस्लिम टोला जाने के लिये भी लोगों को चचरी पुल ही सहारा बना हुआ है। बताया कि समस्या समाधान के लिए सांसद, विधायक समेत पदाधिकारी का दरवाजा कई बार खटखटाया गया है , लेकिन समाधान की दिशा में अब तक कोई पहल नहीं हो सकी है। लोगों ने कहा कि ठंड और बारिश के समय इस चचरी पुल से आवागमन करने में काफी दक्कित होती है। खासकर शादी विवाह को लेकर इस पंचायत के लोगों को भारी दक्कित होती है। लोगों ने बताया कि सामने से दिखने वाला सीधा बाजार जाने के लिए लोगों को दूसरे रास्ते से घूम कर 6 किलो मीटर के बदले 12 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। लोगों ने बताया कि पुल के आभाव में लोगों को काफी परेशानी होती है। स्थानीय राज कुमार सिंह, शेषनाथ सिंह आदि ने कहा कि कई बार नदी में पानी के बढ़ने से चचरी पुल भी क्षतग्रिस्त होकर बह भी जाता है। इसके बाद लोगों की मुश्किल और बढ़ जाती है। समाधान को लेकर जैसे तैसे ग्रामीण स्तर से चचरी की मरम्मत कराई जाती है। उधर, बीडीओ डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया कि जन शिकायत के आलोक में समस्या को वरीय पाधिकारी के पास भेजा जाएगा जिससे समस्या का निदान हो सके।
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