Flood Shelters in Kishanpur Turned into Hubs for Alcohol Smugglers सुपौल: शराब तस्करों का सेफ जॉन बन गया बाढ आश्रय भवन, Bhagalpur Hindi News - Hindustan
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सुपौल: शराब तस्करों का सेफ जॉन बन गया बाढ आश्रय भवन

किशनपुर में कई पंचायतों में बने बाढ़ आश्रय भवन अब शराब तस्करों का अड्डा बन गए हैं। ये भवन जर्जर और बेकार पड़े हैं, और यहां पर शौचालय और पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाएं भी नहीं हैं। स्थानीय लोगों ने प्रशासन...

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरThu, 15 May 2025 05:42 PM
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सुपौल: शराब तस्करों का सेफ जॉन बन गया बाढ आश्रय भवन

किशनपुर, एक संवाददाता। प्रखंड क्षेत्र में आधा दर्जन पंचायतों में बने बाढ़ आश्रय भवन शराब तस्करों का अड्डा बन गया है। बाढ़ आश्रय स्थल जर्जर अवस्था में बेकार पड़ा हुआ है। लोगों का कहना है कि बारिश का मौसम आते ही कोसी में बाढ़ अवधि घोषित कर दी जाती है। संभावित बाढ़ को देखते हुए जिला प्रशासन तैयारी में जुट जाता है। इसके बाद प्रशासन के द्वारा बाढ के समय राहत सामग्री सहित नाव और ऊंचे स्थलों का चयन किया जाता है। लेकिन अधिकांश पंचायतों में बने बाढ़ आश्रय भवन बदहाली की हालत में जर्जर पड़ा हुआ है। मुख्यमंत्री राहत कोष से निर्मित बाढ़ आश्रय का निर्माण करोड़ की लागत से सालों पहले कराया गया था।

लेकिन यह अनुपयोगी साबित हो रहा है। किसी भी बाढ़ आश्रय स्थल में शुद्ध पेयजल की बात तो दूर एक चापाकल तक भी नहीं लगा हुआ है। बाढ आश्रय स्थल पर शौचालय की भी समुचित व्यवस्था नहीं है। किचन शेड सहित बाढ़ आश्रय स्थल भवन जर्जर अवस्था में बेकार साबित हो रहा है। यहां असमाजिक तत्वों का जमावड़ा शाम होते ही लगा रहता है। बाढ़ आश्रय स्थल के महत्व और इसकी उपयोगिता क्षेत्र के लोग अब तक नहीं समझ पाए हैं। लोग बाढ़ आश्रय भवन में जलावन सहित अन्य सामान रख रहे हैं। गांव से दूर सुनसान जगहों पर बने बाढ़ आश्रय स्थल में पूरे दिन पशुओं का आश्रय स्थल बना हुआ रहता है। आश्रय स्थल के किसी भी दरवाजे पर ना तो ताला लगा है और ना ही इसकी देखरेख के लिए कोई पुख्ता इंतजाम किया गया है। अधिकांश बाढ आश्रय भवन की खिड़क के दरवाजा गायब हो गया है । प्रखंड क्षेत्र के आधा दर्जन पंचायतों में बाढ़ आश्रय स्थल का निर्माण किया गया है जो अब देखरेख के अभाव में जर्जर हो गया है। लोगों ने अंचल प्रशासन से जर्जर बाढ़ आश्रय स्थल की मरम्मत कराने की मांग सालों से करते आ रहे है। लेकिन इस दिशा में अंचल प्रशासन उदासीन बने हुए है। तटबंध के भीतर व बाहर बने हैं बाढ़ आश्रय भवन: बता दें कि प्रखंड क्षेत्र के पूर्वी कोसी तटबंध के भीतर बौराहा पंचायत में एक और दुबियाही पंचायत में एक बाढ़ आश्रय स्थल है। इसके अलावा तटबंध के बाहर मेहासिमर पंचायत में एक, तुलापट्टी पंचायत में एक, सुखासन पंचायत में एक और करहैया पंचायत में एक बाढ़ आश्रय भवन है। जहां विभागीय लचर व्यवस्था के कारण सभी बाढ आश्रय भवन अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। अधिकांश बाढ़ आश्रय स्थल में शराब तस्कर और शराबी व असामाजिक तत्वों का जमावड़ा शाम होते ही लगा हुआ रहता है। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि शराबबंदी के बाद बाढ़ आश्रय भवन शराब रखने का हब बन गया है। कहा कि शराब तस्कर निडर होकर सुनसान जगह में बने बढ़ आश्रय भवन में शराब रखते हैं, और वहां से शराबी घर होम डिलीवरी का काम खुले आम किया जाता हैं। इसके अलावा लुटेरा गिरोह के बदमाश भी एसे ही सुनसान जगहों चिन्हित कर लूट की योजना बनाकर लूट की सजिस रचते है घटना को अंजाम देते है। जल्द ही बाढ़ आश्रय स्थलों का किया जाएगा निरीक्षण: उधर, सीओ सुशीला कुमारी ने बताया कि पंचायत में बने बाढ़ आश्रय भवन का निरीक्षण किया जाएगा। कहा जो भी त्रुटि है उस पंचायत के बाढ़ आश्रय भवन को चिन्हित कर रिपोर्ट जिला को भेजा जाएगा। बाढ़ आश्रय स्थल में शराब तस्करों का अड्डा है। इसकी मुझे कोई जानकारी नहीं मिली है। कहा कि जानकारी हासिल कर कार्रवाई की जाएगी। जल्द ही सभी बाढ़ आश्रय स्थलों का निरीक्षण कर कार्रवाई की जाएगी ।

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