धांधली पकड़ में आने के बाद बैंक ने लौटाई राशि
टीएमबीयू में बैंक ब्याज मामले को लेकर जांच कमेटी की हुई बैठक भैरवा तालाब में

भागलपुर, कार्यालय संवाददाता तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) में शनिवार को बैंक ब्याज से जुड़ी धांधली मामले की जांच को लेकर कमेटी की बैठक हुई। बैठक में सदस्यों के सामने बैंक अधिकारी 36 विभागों का बैंक स्टेटमेंट लेकर पहुंचे थे। विवि सूत्रों के मुताबिक जांच कमेटी के समक्ष बैंक प्रशासन ने ब्याज को लेकर हुई गड़बड़ी स्वीकार की। साथ ही लिखित माफीनामा देते हुए विवि को 12.36 लाख ब्याज की राशि लौटा दी है। साथ ही भविष्य में दोबारा ऐसी गलती नहीं होने की बात कही है, लेकिन विवि सदस्यों ने कहा है कि दो साल में ब्याज का पैनल इंटरेस्ट बैंक को देना होगा।
जांच के दौरान कुछ सदस्यों ने कहा कि इतने दिनों तक गलत तरीके से बैंक ने राशि रखी गई थी। इसमें कई लोगों की मिलीभगत है। इस मामले में कमेटी जल्द ही कुलपति प्रो. जवाहर लाल को अनुशंसा के साथ रिपोर्ट सौंपेगी। कमेटी के सुझाव पर ही सभी कॉलेजों और विभागों से दो-दो साल का बैंक स्टेटमेंट मांगा गया है, ताकि किसी तरह की गड़बड़ी हो तो जानकारी मिल सके। इसमें 5 कॉलेजों ने अब तक स्टेटमेंट दिया है।
वहीं भैरवा तालाब मामले को लेकर जांच कमेटी के सदस्य स्थल निरीक्षण के लिए पहुंचे थे। कमेटी सदस्यों में संयोजक के रूप में सिंडिकेट सदस्य डॉ. मृत्युंजय सिंह गंगा, प्रॉक्टर डॉ. अर्चना साह, सीनेट सदस्य मुजफ्फर अहमद, अधिवक्ता मनोज सिंह मौजूद थे। उन लोगों ने भैरवा तालाब के निरीक्षण के दौरान देखा कि पानी में मछली का जाल लगा हुआ है। एक सदस्य ने बताया कि आशंका है कि वहां गलत तरीके से विवि को अंधेरे में रखकर मछली पालन कर मोटी कमाई की जा रही है, लेकिन विवि को कुछ भी राजस्व नहीं दिया जा रहा है।
इस पर सदस्यों ने गहरी आपत्ति जताते हुए कहा है कि वे लोग इस मामले में कुलपति को रिपोर्ट करेंगे। साथ ही उन्हें पूरी स्थिति से अवगत कराएंगे। इस सिलसिले में नगर निगम और विवि के बीच हुए करार की समीक्षा होगी। निगम को पत्र लिखा जाएगा कि पिछले आठ सालों में प्रतिवर्ष 20 लाख रुपये की दर से राजस्व विवि को उपलब्ध कराए। अन्यथा यह करार खत्म किया जा सकता है।
चार कॉलेजों के मुद्दे पर सदस्यों ने बैठक की। इसमें बारी-बारी चारों कॉलेजों में स्थल निरीक्षण सदस्यों द्वारा किए जाने का निर्णय लिया गया। अगली बैठक एसएम कॉलेज में होगी। वहां अमीन के माध्यम से पता किया जाएगा कि कॉलेज की वर्तमान में कितनी भूमि है। एक सदस्य ने बताया कि कॉलेज ने जो रसीद कटाई है, वह 49 एकड़ की है। इसके अलावा जो भी भूमि है, उस लेकर कानून का सहारा लेकर आगे की प्रक्रिया की जाएगी। इसी तरह एसएसवी कॉलेज, पीबीएस कॉलेज और ओल्ड बीएन कॉलेज की जमीन मामले में भी निर्णय लिया गया।
सिंडिकेट सदस्य डॉ. मृत्युंजय सिंह गंगा ने कहा कि हर बिंदु को देखा जा रहा है। स्थल निरीक्षण भी किया जा रहा है। जल्द ही कुलपति को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। उन्होंने कहा कि जांच पूरी होने के बाद सारी जानकारी दी जाएगी। सीनेट सदस्य डॉ. मुज्फ्फर अहमद ने कहा कि भैरवा तालाब मामले में विवि को होने वाले राजस्व नुकसान का मामला गंभीर है। यह मामला कुलपति के समक्ष रखा जाएगा, ताकि ठोस निर्णय हो सके।
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