बोले सहरसा: सिमरी बख्तियारपुर में खुले अनुमंडल व्र्यवहार न्यायालय
सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल कार्यालय में अधिवक्ताओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यहां के वकील सहरसा में चल रहे अनुमंडल व्यवहार न्यायालय को सिमरी बख्तियारपुर में स्थानांतरित करने की मांग कर...
सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल कार्यालय में अनुमंडल न्यायालय है जहां अधिवक्ता नियमित बैठते हैं। अधिवक्ता, कानून के क्षेत्र में एक पेशेवर होता है जो न्यायालय में किसी व्यक्ति या संगठन का प्रतिनिधित्व करता है। वह कानूनी सलाह देता है, कानूनी दस्तावेजों की तैयारी करता है। एवं अदालती कार्यवाही में भाग लेता है। अधिवक्ता, किसी व्यक्ति, कारण या विचार के समर्थन में या बचाव में बोलता या लिखता है। अधिवक्ता, अपने मुवक्किल के हितों की रक्षा करता है। वह न्यायालय में अपने मुवक्किल का प्रतिनिधित्व करता है और दलीलें पेश करता है। वह कानूनी सलाह देता है और कानूनी दस्तावेजों की तैयारी करता है। कानूनविद रहने के वावजूद अनुमंडल के अधिवक्ताओं की माली हालत नहीं सुधरी है। सिमरी बख्तियारपुर का अनुमंडल व्यवहार न्यायालय सहरसा में चलता है जिसके कारण यहां के वकील एवं मुवक्किल को परेशानी झेलनी पड़ती है।
सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल की स्थापना 22 सितंबर 1992 को हुई। उससे ठीक एक वर्ष बाद 1993 में यहां एसडीएम, डीसीएलआर एवं लोक शिकायत निवारण न्यायालय चालू हो गया। आज अनुमंडल बने 33 वर्ष वीत गए, लेकिन अनुमंडल व्यवहार न्यायालय अभी तक सिमरी बख्तियारपुर में नहीं खुल पाया है। भूमि एवं भवन के अभाव में फिलहाल सहरसा में 16 अप्रैल 2023 को अनुमंडल व्यवहार न्यायालय खुल गया। माननीय उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सह निरीक्षी न्यायमूर्ति सहरसा मंडल के आलोक कुमार ने विधिवत उद्घाटन किया था। अनुमंडल स्थापना के बाद यहां के अधिवक्ता एवं मुवक्किल के बीच खुशी की लहर दौड़ गई थी। अब उन्हें 23 किलोमीटर दूर सहरसा न्यायालय कार्य से नहीं जाना पड़ेगा। एसडीएम स्तर के न्यायालय सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल कार्यालय के भवन में चल रहा है जहां एसडीएम न्यायालय, डीसीएलआर न्यायालय एवं लोक शिकायत निवारण न्यायालय का कार्य विधिवत चल रहा है। लेकिन अनुमंडल व्यवहार न्यायालय सहरसा से सिमरी बख्तियारपुर लाने की मांग अधिवक्ताओं द्वारा की जा रही है। अधिवक्ताओं का कहना है कि वक्त बदलेगा और शीघ्र ही अनुमंडल व्यवहार न्यायालय यहां खुलेगा। लेकिन विडम्बना है कि यहां भूमि एवं भवन के अभाव में यह लगभग दो वर्ष पूर्व सहरसा में खुल चुका है। अब इसे सिमरी बख्तियारपुर में लाने की मांग उठ रही है। आपके अपने अखबार हिंदुस्तान की ओर से आयोजित बोले सहरसा कार्यक्रम में अधिवक्ता समाज ने अपना दर्द बयां किया। अधिवक्ता ने कहा कि बदलते वक्त के साथ समय बदला, तस्वीर बदली लेकिन अनुमंडल व्यवहार न्यायालय यहां नहीं बन पाया जिसकी टीस हमलोगों को है। इस बाबत अनुमंडलीय अधिवक्ता संघ जिम्मेदार ने आवेदन देकर गुहार लगाई, लेकिन अभी तक न्यायालय नहीं खुल पाया। अधिवक्ताओं ने कहा कि अनुमंडलीय व्यवहार न्यायालय सिमरी बख्तियारपुर के नाम से लगभग 2 वर्ष पूर्व से सहरसा में चल रहा है। जबकि इस इलाके के लोगों को कोसी तटबंध के अंदर दियारा क्षेत्र से खगड़िया, दरभंगा जिले के सीमा क्षेत्र से आकर न्यायालय कार्य करने पहुंचते हैं। अधिवक्ताओं ने कहा कि सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल कार्यालय भवन में एसडीएम कोर्ट, डीसीएलआर कोर्ट एवं लोक शिकायत निवारण कोर्ट चल रहा है। हमलोग 32 वर्ष पूर्व अनुमंडलीय अधिवक्ता संघ के अधीन कार्य कर रहे हैं। लेकिन हम लोगों को मूलभूत समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। गर्मी, ठंड बरसात, आंधी, तूफान में हम लोगों को एक खुले शेड में रहना पड़ता है। शेड में कम जगह रहने के कारण कई अधिवक्ता खुले आकाश के नीचे कुर्सी लगाकर बैठने के लिए मजबूर है। शेड का स्थान कम रहने के कारण मुवक्किल को भी बैठने में परेशानी होती है। गर्मी में लू के थपेड़े एवं बरसात में वर्षा के झटके पक्के खुले शेड के आरपार हो जाती है। इस कारण अधिवक्ता एवं मुवक्किल को विभिन्न प्रकार की परेशानी झेलनी पड़ती है। वकालत खाना के निकट पेयजल, शौचालय एवं मूत्रालय नहीं रहने से परेशानी होती है। विशेष परिस्थितियों में अधिवक्ता को अनुमंडल कार्यालय के शौचालय में जाना पड़ता है।
समस्या:
अधिवक्ताओं ने बताया कि अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट के अलावे अन्य कई मांगों को लेकर हम अधिवक्ता सरकार से मांग करते आ रहे हैं। अधिवक्ता के मृत्यु हो जाने के बाद उसके परिवार के समक्ष भुखमरी की समस्या पैदा हो जाती है। ना तो उसे अब तक पेंशन एवं ना ही मेडिक्लेम ग्रुप इंश्योरेंस या और कोई व्यवस्था की गई है। सरकार सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालय के गिने चुने अधिवक्ताओं की आमदनी को ध्यान में रखकर सभी अधिवक्ताओं को एक समान समझ रही है। जिला एवं अनुमंडल स्तर के अधिवक्ताओं की स्थिति पर सरकार का कोई ध्यान नहीं है। हमारें सामने रोज कमाने खाने की स्थिति है। जाड़ा, गर्मी बरसात के मौसम में अधिवक्ता खुले शेड के नीचे बैठने को मजबूर हैं। सरकार छत की व्यवस्था नहीं की है। अपने खर्चे पर इस शेड में टेबल कुर्सी लगाकर अपना व्यवसाय हम खुद करते हैं।भवन में अधिवक्ताओं के लिए वाईफाई एवं बिजली की व्यवस्था कर पंखा लगवाया जाएं। एवं अन्य सुविधाएं दी जाएं।
शिकायत
1. सहरसा में चल रहे अनुमंडल व्यवहार न्यायालय, सिमरी बख्तियारपुर को सिमरी बख्तियारपुर में शिफ्ट किया जाएं।
2. अधिवक्ताओं के लिए पेंशन, मेडिक्लेम एवं ग्रुप इंश्योरेंस नहीं है। जिसके कारण मृत्यु होने पर परिवार के समक्ष् भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो जाता है।
3. अनुमंडल कार्यालय परिसर में मूलभूत समस्या शुद्ध पेयजल, शौचालय एवं मूत्रालय की व्यवस्था की जाएं ।
4. अधिवक्ताओं के पास भवन की व्यवस्था नहीं है। एक शेड में वकालत खाना है। जिसमें ठंड, बर्षा एवं गर्मी में अधिवक्ता को परेशानी झेलनी पड़ती है।
सुझाव
1. सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल में अनुमंडल व्यवहार न्यायालय के लिए भूमि चिन्हित कर अनुमंडल भवन बना कर अनुमंडल व्यवहार न्यायालय संचालित किया जाएं।
2. पेंशन, मेडिक्लेम एवं ग्रुप इंश्योरेंस होना जरूरी है। ताकि मृत्यु के बाद परिवार को आर्थिक समस्या से जुझना ना पड़े।
3. एसडीओ कोर्ट कैंपस के अधिवक्ताओं के लिए शुद्ध पेयजल, शौचालय एवं मूत्रालय का निर्माण हो, ताकि अधिवक्ता एवं मुवक्किल को परेशानी नहीं हो।
4. एसडीओ कोर्ट परिसर में अधिवक्ता के लिए भवन बनाया जाए। छतदार खुलें शेड में रहने से परेशानी होती है।
बोले जिम्मेदार:
सिमरी बख्तियारपुर के विधायक यूसुफ सलाहउद्दीन ने कहा कि सिमरी बख्तियारपुर में अनुमंडल व्यवहार न्यायालय के लिए मुख्यमंत्री, विधि मंत्री एवं विधि सचिन को पत्र लिखकर अनुरोध किया गया है। शीध्र ही सिमरी बख्तियारपुर में अनुमंडल व्यवहार न्यायालय बनाया जाएं। वकीलों की समस्या को देखते हुए मेरे द्वारा अनुमंडल परिसर में छतदार शेड का निर्माण कराया गया है।
यूसुफ सलाहउद्दीन,
विधायक,
सिमरी बख्तियारपुर,
सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल व्यवहार न्यायालय के लिए सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड के भोरा के निकट भूमि चिन्हित कर वरीय अधिकारियों को रिपोर्ट भेज दी गई। विधि विभाग के द्वारा अनुमंडल व्यवहार न्यायालय बनना है।
अनीषा सिंह,
एसडीओ,
सिमरी बख्तियारपुर।
सिमरी बख्तियारपुर में अनुमंडल व्यवहार न्यायालय के लिए भूमि का चयन कर भवन शीध्र बनाया जाएं। ताकि सहरसा में सिमरीबख्तियारपुर के नाम से चल रहे अनुमंडल व्यवहार न्यायालय सिमरी बख्तियारपुर में चलाया जा सके।
मिथलेश कुमार भगत
अधिवक्ताओं को सुरक्षा कानून नहीं होने के कारण हम एवं हमारे परिवार हमेशा डर-डर कर जीते हैं। इसलिए सुरक्षा कानून बनाया जाए।
मनोरंजन सिंह
सिमरी बख्तियारपुर वकालत खाना के निकट शुद्ध पेयजल, शौचालय एवं मूत्रालय बनाया जाए। ताकि वकील एवं मुवक्किल को परेशानी नहीं हो।
सुशील कुमार सिंह
अधिवक्ताओं के लिए पेंशन मेडिक्लेम एवं ग्रुप इंश्योरेंस नहीं है। जिसके कारण अधिवक्ता की मृत्यु होने पर परिवार के समक्ष आर्थिक संकट आ जाती है।
उमाशंकर प्रसाद
एसडीओ कोर्ट परिसर में अधिवक्ताओं के लिए पक्का भवन निर्माण होना चाहिए ताकि गर्मी, धूप, बारिश में अधिवक्ताओं को परेशानी ना हो।
राजीव रंजन अम्बष्ट
वकालत खाना में बिजली वाई-फाई एवं पंखा की व्यवस्था होनी चाहिए। लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
एमके गौहर
बार सदस्यों के आश्रितों को डेथ बेनिफिट के रूप में 2 लाख से लेकर 7 लख रुपए तक देता है। सरकार अधिवक्ताओं को कम से कम 10 लाख रुपए का मदद करें ताकि आश्रितों का जीवन सुरक्षित रखें।
किशोरी प्रसाद केशरी
प्रायः सभी वर्गों की सुरक्षा के लिए अलग-अलग कानून की व्यवस्था है। अधिवक्ता वर्ग की सुरक्षा के लिए अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम की मांग अब तक पूरी की नहीं की गई है।
सुभाष प्रसाद मोदी
एसडीओ कोर्ट कैंपस के अधिवक्ताओं के लिए शौचालय एवं शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं है। जिसके कारण अधिवक्ता एवं मुवक्किल को परेशानी झेलनी पड़ती है।
सुकुमार यादव
सिमरी बख्तियारपुर का एक इलाका कोसी तटबंध के अंदर है। जहां से मुवक्किल की सुविधा के लिए अनुमंडलीय व्यवहार न्यायालय सिमरी बख्तियारपुर में स्थापित किया जाएं।
संजय कुमार
सहरसा में सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल व्यवहार न्यायालय खुला। यह खुशी की बात है। लेकिन इसे सिमरी बख्तियारपुर में स्थापित किया जाएं। ताकि इलाके के अधिवक्ता एवं मुवक्किल को सुविधा हो।
चंद्रहास सिंह
नए युवा अधिवक्ता को प्रोत्साहन दिया जाएं। ताकि शुरू शुरू में नए अधिवक्ता को इनकम कम होता है।
नंदकिशोर यादव
सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल न्यायालय के लिए शीघ्र भूमि चयन कर न्यायालय भवन बना कर न्यायालय को स्थापित किया जाएं।
गुंजेश कुमार सिंह
सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल परिसर के वकालत खाना शेड के निकट शौचालय एवं पेयजल का व्यवस्था किया जाए।
राम-लखन सिंह
ठंड, गर्मी बरसात के मौसम में अधिवक्ता शेड में बैठने के लिए मजबूर है। इसलिए अधिवक्ता भवन की व्यवस्था की जाए।
इंद्रदेव कुमार
अधिवक्ताओं की मूल समस्याओं का समाधान किया जाए। ताकि अधिवक्ता एवं मुवक्किल को परेशानी नहीं हो।
अमित कुमार
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।