पेंशनरों ने विश्वविद्यालय परिसर में किया प्रदर्शन
वायदे से मुकरे तो टीएमबीयू के कुलसचिव व पेंशनरों के बीच हुई कहासुनी पेंशनरों ने

भागलपुर, वरीय संवाददाता नियमित पेंशन भुगतान किए जाने और सेवांत लाभ से वंचित दर्जनों पेंशनरों ने गुरुवार को विश्वविद्यालय परिसर में धरना-प्रदर्शन किया। इससे पहले सभी पेंशनरों ने शहीद तिलकामांझी की प्रतिमा के आगे धरना दिया। इस दौरान धरनास्थल पर पहुंचे सिंडिकेक सदस्य प्रो. मुश्फिक आलम, प्रो. केके मंडल, प्रो. निर्लेश कुमार, प्रो. मुकेश कुमार, सीनेट सदस्य मुजफ्फर अहमद, प्रो. अमिताभ चक्रवर्ती, यूडीटीए के सचिव प्रो. विवेक हिंद पेंशनरों की मांगों का समर्थन किया और और हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।
पेंशनरों ने सीधे इस विषम परिस्थिति के लिए टीएमबीयू के कुलपति को जिम्मेदार ठहराया और उन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। धरनारत पेंशनरों ने कहा कि पेंशनरों के हिस्से की राशि फिक्स्ड डिपॉजिट करना आपराधिक कृत्य है और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर इरादतन अपराध करने का मुकदमा दायर किया जाना चाहिए। साथ ही सरकार से मांग की गई कि पेंशनरों को विवि के चंगुल से मुक्त कराया जाए और उनकी राशि सीधे उनके खाते में जमा कराने की व्यवस्था की जाए। इसके बाद पेंशनरों का जत्था नारेबाजी करते हुए कुलपति के ताला लगे चैंबर के सामने जाकर धरना पर बैठ गया। लगभग दो घंटे बाद कुलसचिव प्रो. रामाशीष पूर्वे वहां वार्ता के लिए पहुंचे और 18 मार्च को अपने किए वायदे से मुकर गए। उन्होंने कहा कि विवि ने कितनी राशि फिक्स्ड डिपॉजिट में जमा कर रखी है, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। सरकार से आवंटन मिलने पर ही पेंशन भुगतान हो पाएगा। इस दौरान गलतबयानी करने पर पेंशनर और कुलसचिव के बीच नोंकझोंक हो गई और बिना किसी ठोस नतीजे के वार्ता भंग हो गई।
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