मरीजों की बच रही जान : एम्बुलेंस से पीएचसी से पहुंच रहे उच्च चिकित्सा संस्थान
पूर्णिया जिले में एम्बुलेंस सेवा के तहत पिछले तीन महीनों में 9218 जरूरतमंद रोगियों को चिकित्सा संस्थानों तक पहुंचाया गया। जनवरी में 2887, फरवरी में 2969 और मार्च में 3362 रोगियों ने एम्बुलेंस सेवा का...

पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। जिले में एम्बुलेंस सेवा के जरिए जरूरतमंद रोगी को उनके जरूरत के हिसाब से चिकित्सा संस्थान तक पहुंचाया जाता है। इस कड़ी में जिले के अंदर संचालित एम्बुलेंस सेवा के माध्यम से पिछले तीन माह में 9218 जरूरतमंद को एम्बुलेस सेवा का लाभ मिला है। इसकी जानकारी देते हुए एम्बुलेंस संचालक कुमार लभ बताते हैं कि एम्बुलेंस की सेवा का लाभ कॉल के अनुसार रोगी को मिल रहा है। अभी तीन अलग अलग माह में रोगी को उनके जरूरत के हिसाब से एम्बुलेंस की सेवा का लाभ मिला है। इनमें में जनवरी माह में 2887 रोगी को एम्बुलेंस की सेवा का लाभ प्राप्त हुआ है। फरवरी माह में 2969 लोगों ने एम्बुलेंस सेवा प्राप्त की है। गर्मी बढ़ने के साथ मार्च माह में एम्बुलेंस की सेवा का लाभ लेने वालों लोगों की संख्या में इजाफा हुआ है। मार्च माह में 3362 जरूरतमंद को एम्बुलेंस सेवा का लाभ मिला है।
-अभी जिले में कुल 36 एम्बुलेंस की सेवा संचालित:
-जिले के अंदर कुल 36 एम्बुलेंस की सेवा चल रही है। इन एम्बुलेंस की सेवा में 8 एम्बुलेंस की सेवा राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में चल रही है। इनके अलावा प्रखंड लेबल पर रूपौली, भवानीपुर, बी कोठी, बनमनखी, केनगर, वैसा, अमौर, बायसी, डगरुआ, कसवा और जलालगढ़ में कुल 22 एम्बुलेंस की सेवा संचालित है। धमदाहा में कुल तीन एम्बुलेंस की सेवा है। जानकीनगर में एक बल्सा एम्बुलेंस की सेवा चल रही है। पूर्णिया पूर्व महेन्द्रपुर में एक बल्सा के अलावा एक बल्सा एम्बुलेंस की सेवा श्रीनगर में संचालित है। इसके लिए 102 पर कॉल की सुविधा दी गई है। रोगी के परिजनों के द्वारा कॉल करने पर प्रक्रिया पूरी करने के उपरांत एम्बुलेंस की सेवा प्रदान कर दी जाती है।
- जिले में दो प्रकार की एम्बुलेंस की सेवा:
जिले के अलग अलग चिकित्सा संस्थानों से कुल 36 एम्बुलेंस की सेवा संचालित है। इनमें 2 एम्बुलेंस की सेवा शव वाहन के रूप में चलती है। शव वाहन की सेवा को छोड़कर शेष 34 एम्बुलेंस की सेवा संचालित है। इन सेवा में यहां दो प्रकार की एम्बुलेंस सेवा है। इनमें 15 अल्सा और 18 बल्सा एम्बुलेंस की सेवा है। अल्सा एडभांस लाईफ सपोर्ट एम्बुलेंस जिसमें की एम्बुलेंस की बेहतर सुविधा में संचालित करने के लिए एक चालक और एक टेक्निशियन कर्मी के साथ साथ भेंटिलेटर और मॉनिटर की सुविधा होती है। इनके अलावा आक्सीजन और ओटोमेटिक सिरिंज की सुविधा की सुविधा, एडवासं दवाई की सुविधा , कार्डियेक मॉनिटर की सुविधा रहती है। जबकि बल्सा में बेसिक लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस में आक्सीजन और मेडिसिन की सुविधा के साथ साथ स्लाईन की सुविधा के अलावा एक चालक और कर्मी की तैनाती होती है।
-जरूरतमंद रोगी को समीप के स्वास्थ्य केन्द्र तक एम्बुलेंस की सेवा:
-जिले में संचालित एम्बुलेंस की सेवा के माध्यम से जिले के अलग अलग प्रखंड से मुख्यालय से उनके जरूरतमंद के हिसाब से रोगी को एम्बुलेंस की सेवा प्रदान की जाती है। इनमें मुख्य रूप से गर्भवती महिला, नवजात शिशु का चिकित्सकीय उपचार, बुजुर्ग को स्वास्थ्य की परेशानी, सड़क हादसे में शिकार लोगों को जिला मुख्यालय तक पहुंचाना है। आगजनी की घटना में झुलसे जरूरतमंद आदि को विशेष स्थिति में एम्बुलेंस की सेवा प्रदान की जाती है। इनके अलावा जिला मुख्यालय से पुन: घर तक पहुंचाने में गर्भवती महिला और नवजात बच्चों के मामले में एम्बुलेंस की सुविधा मिलती है। मसलन किसी महिला का मेडिकल कॉलेज अस्पताल में प्रसव या फिर सिजेरियन होने के उपरांत पुन: घर तक पहुंचाना है। ऐसे में इस तरह के रोगी को एम्बुलेंस की सुविधा प्रदान की जाती है। एम्बुलेंस संचालक कुमार लव बताते हैं कि बल्सा से रेफरल अस्पताल से मुख्यालय तक और अल्सा से उच्च चिकित्सा संस्थान तक भेजा जाता है।
-बोले सिविल सर्जन:
-सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया ने बताया कि एम्बुलेंस की सेवा नियमित और सुचारू रूप से जरूरतमंद को मिले इसके लिए निगरानी रखी जाती है। अभी गर्मी को देखते हुए एजेंसी को सुविधा बरकरार और बेहतर बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं ताकि रोगी को किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।
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