बोले पूर्णिया : अतिक्रमण हटाकर जाम से दिलाएं निजात, पार्किंग की हो व्यवस्था
पूर्णिया-कटिहार एनएच 131(ए) पर स्थित रानीपतरा बाजार की ऐतिहासिकता है, लेकिन आज यह बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहा है। यहां सार्वजनिक शौचालय, पेयजल की कमी है, और हर दिन 5000 से अधिक लोग बाजार...
पूर्णिया-नरेनपुर एनएच रोड पर पूर्णिया और कटिहार शहर के बीच रानीपतरा अंग्रेजों के जमाने से है। उत्तर-पूर्व भारत को उत्तर-पश्चिम एरिया से जोड़ने वाले इस मुख्य मार्ग का रानीपतरा कभी बड़ा पड़ाव होता था। शुरू में यहां के रेलवे स्टेशन पर चाय-पान की दुकान होती थी। धीरे-धीरे यह बाजार का रूप लेने लगा। आज एक बहुत बड़ा बाजार है। यहां सब्जी बहुत सस्ती मिलती है। आसपास के ग्रामीण इलाके में बड़ी संख्या में सब्जी उत्पादक हैं। दशकों से सब्जी बाजार लगता है। बाद में यही सब्जी बाजार गुदरी हटिया के रूप में विकसित हो गया और हाल में तो यहां बड़ा मार्केट भी बन गया है। हाल के दिनों में बाजार का विस्तार तो हो गया लेकिन समस्याएं भी बढ़ती चली गई। इस मार्केट में 200 के करीब व्यावसायिक प्रतिष्ठान है जिसमें 50 के करीब छोटे-बड़े कपड़े एवं रेडीमेड के व्यवसायी हैं। यहां कम से कम 5000 से अधिक लोग रोजाना मार्केटिंग करने आते हैं। संवाद के दौरान यहां के कारोबारियों ने अपनी समस्या बताई।
02 सौ के करीब है व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की संख्या
50 के करीब है छोटे-बड़े कपड़े एवं रेडीमेड की दुकान
05 हजार से अधिक लोग रोजाना आते हैं मार्केटिंग करने
रानीपतरा में अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ाई लड़ने के लिए सर्वोदय आश्रम की स्थापना हुई। महात्मा गांधी आए। उन्होंने इस क्षेत्र को विकसित होने का सपना देखा था। इसके बाद संत विनोबा भावे ने भी इस क्षेत्र को अपना कार्य स्थल बनाया। पूर्णिया पूर्व प्रखंड की चांदी पंचायत स्थित रानीपतरा बाजार, पूर्णिया-कटिहार मुख्य मार्ग एनएच 131(ए) पर स्थित है, जहां भारत सरकार की प्रथम स्वायत्त संस्था खादी ग्रामोद्योग हेतु सर्वोदय आश्रम स्थापित है। यहां से संत विनोबा भावे ने आकर भूमिहीन परिवारों के लिए भूदान यज्ञ कमिटी की स्थापना की। इस पावन भूमि पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भी आये। यहां स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, रेलवे स्टेशन, बैंक, डाकघर, गर्ल्स स्कूल, मुफस्सिल थाना था। प्राकृतिक चिकित्सालय में देश-विदेश से लोग नेचुरोपैथी पद्धति से इलाज करवाने बड़ी संख्या में आते थे। सर्वोदय आश्रम में सैकड़ों की संख्या में चरखा से धागा बनाते थे। खादी ग्रामोद्योग से खादी के कपड़े, जूते, बिस्किट सहित अन्य प्रकार के व्यावसायिक कार्य किये जाते थे। हजारों लोगों के लिए रोजगार की भी व्यवस्था थी, लेकिन आज ये जगह अपने अस्तित्व को खो चुका है। बदहाली का रोना रो रहा है।
शौचालय और पेयजल भी मयस्सर नहीं :
रानीपतरा बाजार एनएच 131 ए पर स्थित है। यहां सार्वजनिक शौचालय नहीं होने के कारण लोगों को भटकना पड़ता है। खासकर बाजार आने वाली महिलाओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वहीं इस बाजार के चौक पर पानी पीने के लिए एक भी सार्वजनिक चापाकल नहीं है। करीब आठ पंचायत का ये मुख्य बाजार है। हजारों की संख्या में प्रतिदिन लोग यहां बाजार समान खरीदने आते हैं। वहीं ये बाजार मुख्य रूप से सब्जी के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें ग्रामीण इलाके से किसान अपनी सब्जी को लाकर मुख्य सड़क पर ही बेचने को मजबूर हैं। इसके लिए किसी भी तरह की मंडी की व्यवस्था नहीं है। सड़क के किनारे रोज सुबह सब्जी मंडी लगने से आये दिन लोग दुर्घटना का शिकार होते रहते हैं।
जाम की वजह से छूट जाती हैं बसें:
वहीं शाम को मुख्य सड़क पर ही सब्जी बाजार के लगने से सड़क पूरी तरह जाम हो जाता है। जहां पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है जिसके कारण इस लाइन में जो बसें चलती है, वे भी ओवरब्रिज के ऊपर से ही निकल जाती हैं। अगर किसी को बस भी पकड़ना होता है तो उन्हें आधे किलोमीटर की दूरी पैदल तय करनी पड़ती है। साथ ही बाजार में मोटरसाइकिल लगाने के लिए भी कही कोई पार्किंग की व्यवस्था नही है। चौक पर एक स्कूल स्थित है जहां अगर लोग अपनी मोटरसाइकिल को पार्क कर बाजार सामान लेने जाते हैं। तो उन्हें ये डर लगा रहता है कि कहीं उनकी गाड़ी न कोई गायब कर दे क्योंकि आये दिन यहां से मोटरसाइकिल चोरी की घटना होती रहती है। बाजार सभी तरह की सुविधा से वंचित है। यह बाजार किसी भी तरह की सरकारी व्यवस्था से पूरी तरह वंचित है। वहीं रेलवे का रैक पॉइंट होने के कारण भी सैकड़ों की संख्या में बड़ी बड़ी ट्रकों का प्रतिदिन आवाजाही होती है, जिसके कारण भी स्थानीय लोगों को जाम की समस्या से प्रतिदिन जूझना पड़ता है।
शिकायत :
1. रानीपतरा बाजार में गंदगी का अंबार लगा रहता है
2. शुद्ध पेयजल की बाजार में काफी दिक्कत है
3. जाम की समस्या इस बाजार के लिए नासूर बन गई है
4. मार्केट में सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालय नहीं है
5. सभी दुकानदारों को स्थाई रोजगार के लिए दुकान नहीं
सुझाव
1. प्रशासनिक स्तर पर मार्केट बने और दुकान व्यवसायी को आवंटित हो
2. जगह-जगह शुद्ध पेयजल के लिए चापाकल की व्यवस्था हो
3. मार्केट के व्यवसाईयों को सस्ते ब्याज दर पर वित्तीय सहायता मिले
4. सफाई की व्यवस्था के लिए मार्केट को एक ट्रिपर मिले
5. जाम से निजात के लिए रोड अतिक्रमण पर रोक लगाई जाए
सुनें हमारी बात
1. बाजार में जाम लगे रहने से व्यापार काफी प्रभावित होता है। साथ ही बाजार में सार्वजनिक शौचालय और पीने के पानी की व्यवस्था होना बहुत आवश्यक है। गर्मी में काफी दिक्कत होती है।
निवास चंद्र दास, स्थानीय दुकानदार
2. बाजार में सब्जी बाजार जाम का मुख्य कारण है। इनकी स्थाई व्यवस्था की जरूरत है। साथ ही यूरिनल और शुद्ध पेयजल की भी व्यवस्था होना अतिआवश्यक है। पार्किंग की व्यवस्था भी होना जरूरी है।
विजय कुमार पोद्दार उर्फ मोदी पोद्दार
3. मुख्य बाजार में हजारों की संख्या में लोग रोज आते हैं लेकिन सड़क पर ही सब्जी मार्केट होने से लोगों के आवागमन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसको अन्य जगह शिफ्ट किया जाए तो सभी लोगों को काफी सहूलियत होगी।
कुंदन कुमार उर्फ पिंटू साह
4. रैक पॉइंट होने के कारण रोजाना सैकड़ों की संख्या में बड़े-बड़े ट्रक इस सड़क से गुजरते हैं जबकि एक ओर सब्जी दुकानदारों द्वारा सड़क को अवरुद्ध कर दिया जाता है।
कैलाश चंद्र दास
5. रानीपतरा रेलवे गुमटी पर लोगों को आने-जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। हमेशा गुमटी का गेट बंद होने से दिक्कत आती है। यहां ओवरब्रिज या अंडरपास होना बहुत जरूरी है।
पंकज सिंह
6. बाजार में सार्वजनिक शौचालय की काफी आवश्यकता है। साथ ही यूरिनल एवं शुद्ध पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण खासकर महिलाओं को काफी दिक्कत होती है, जो काफी दुखद है।
अनंत साह, वार्ड पार्षद
7. रैक पॉइंट के लिए सैकड़ों गाड़ी का परिचालन होता है। रेलवे रैक पॉइंट जाने हेतु रेलवे का अपना रास्ता है लेकिन उसको बनाया नहीं गया है, जिससे सभी गाड़ियां ग्रामीण सड़क से होकर ही गुजरती हैं। जाम लगता है।
नीलेश कुमार साह, व्यवसायी
8. बाजार सभी तरह के सरकारी सुविधाओं से वंचित है। यहां कचरे का अंबार लगा हुआ है। कचरा उठाने का कोई व्यवस्था नहीं है। रोड पर वाहनों के स्पीड पर कोई लगाम नहीं रहने के कारण खतरा बना रहता है।
विनोद राम, स्थानीय दुकानदार
9. रानीपतरा में सब्जी बेचने वाले मुख्य सड़क के दोनों बगल अपनी दुकान लगा लेते हैं जिससे हमेशा जाम लगा रहता है। यहां के लिए जाम नासूर बन गया है। इसका निदान सबसे पहले जरूरी है।
मो जहांगीर आलम
10. बाजार में शौचालय और शुद्ध पेयजल की व्यवस्था होना बहुत जरूरी है। यह समस्या काफी पुरानी है। इस साल के भीषण गर्मी में यहां आने वालों की परेशानी काफी ज्यादा बढ़ गई है।
दिनेश ठाकुर
11. यहां व्यवसाय करने वाले सभी लोगों को दुकान की जरूरत है। इसकी व्यवस्था प्रशासन को करनी चाहिए ताकि लोगों को रोजगार करने की परेशानी ना हो।
श्रवण राम
12. रानीपतरा रेलवे रैक पॉइंट के लिए जो रूट बनाया गया है उसे रूट को अपडेट करना चाहिए ताकि मुख्य रोड पर ट्रैफिक प्रेशर कम हो और जाम की समस्या से लोगों को निजात मिल सके।
विजय ठाकुर
13. रानीपतरा से रेलवे स्टेशन जाने वाली सड़क थोड़ी ही बारिश में जलमग्न हो जाता है जिससे करीब आठ पंचायत के लोगों को बाजार आने में काफी दिक्कत होती है। जलनिकासी का प्रबंध जरूरी है।
सुरेश प्रसाद, स्थानीय ग्रामीण
14. बाजार में जाम की समस्या आम बात हो गई है। प्रशासन को इस जाम से मुक्ति देने का रास्ता ढूंढना चाहिए और सड़क पर के लोगों को दुकान उपलब्ध करा कर वहां से रोड का किनारा खाली करवाना चाहिए।
प्रमोद सिंह
15. बाजार में कचरा उठाने की कोई व्यवस्था नही है। इससे गंदगी का अंबार लगा रहता है। रोजाना गुदरी हटिया लगती है उस कारण भी गंदगी पसरी रहती है। इसके लिए स्थायी समाधान निकालने की जरूरत है।
नारायण पाल
16. पूरे मार्केट की सफाई के लिए ट्रिपर की व्यवस्था हो ताकि रोज सुबह-सुबह गंदगी की सफाई हो जाए तो बाजार चमक उठेगा। बाजार को सजाने की जरूरत है।
राजदीप चक्रवर्ती
बोले जिम्मेदार
रानीपतरा में सार्वजनिक शौचालय का निर्माण शीघ्र ही किया जाएगा। जिसके लिए कार्य शुरू कर दिया गया है। शुद्ध पेयजल के लिए बाजार में मंदिर के पीछे एक चापाकल लगाया गया है। सर्वोदय आश्रम रानीपतरा स्थित प्राचीन पुस्तकालय है, जहां बहुत पुरानी किताबों का संग्रह था। तितर बितर हो रहा है। इसे अपडेट करने की आवश्यकता है। प्राचीन प्राकृतिक चिकित्सालय के जीर्णोद्धार की जरूरत है।
-राजीव कुमार सिंह, जिला परिषद सदस्य।
रानीपतरा में शुद्ध पेयजल, सार्वजनिक शौचालय अथवा किसी सरकारी भवन के जीर्णोद्धार के साथ-साथ जाम जैसी समस्या के निदान के लिए जनप्रतिनिधियों को आगे आना होगा। स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा आवेदन दिया जाएगा तो उस समस्या के निदान हेतु हर संभव प्रयास किया जाएगा। विकास कार्य सुदृढ़ गति से हो इसके लिए जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के परस्पर सहयोग की जरूरत है।
-शैलेश केशरी, बीडीओ, पूर्णिया पूर्व प्रखंड।
बॉटम स्टोरी
बापू भी आये थे रानीपतरा, प्रसिद्ध था प्राकृतिक चिकित्सालय
रानीपतरा का इतिहास समृद्ध है। 1925 में अररिया से बापू भी रानीपतरा आये थे। देश के चर्चित प्राकृतिक चिकित्सालय का एक मुख्य केंद्र सर्वोदय आश्रम के प्रांगण में संचालित होता था जहां न सिर्फ बेहतर इलाज की व्यवस्था थी बल्कि यहां नेचुरोपैथी की मेडिकल कॉलेज की तरह पढ़ाई और प्रैक्टिस भी होती थी। यहां से प्रवीण हुए कई डॉक्टर दूसरे प्रदेशों में प्रैक्टिस कर रहे हैं और आज भी रानीपतरा का नाम रोशन कर रहे हैं। इस सर्वोदय आश्रम से दक्ष होकर डॉ वीरेंद्र वर्मा निकले थे जिन्होंने सिलीगुड़ी के प्रधान नगर में तीन-तीन अस्पताल की स्थापना की। उस अस्पताल को उन्होंने अपने वारिसानों के हाथ में सौंप दिया। यहां से दक्ष होकर कई ऐसे वैद्य निकले जो ग्रामीण इलाके में इलाज का जादू छेड़ते थे और बिना खर्च के लोग स्वस्थ हो जाते थे। आधुनिकता के दौड़ में अब वह कला समाप्त हो गई है लेकिन आज भी यहां के नेचुरोपैथी हॉस्पिटल का अवशेष यहां की गौरव गाथा गा रहा है।
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