बोले मुंगेर: जर्जर नालियां की जाएं दुरुस्त, हर घर तक पहुंचे नल का जल
बिहार के मुंगेर जिले के धरहरा प्रखंड की अजीमगंज पंचायत में विकास के वादे अधूरे हैं। यहाँ जल, सड़क, बिजली, शिक्षा, और स्वास्थ्य सेवाओं की गंभीर कमी है। पंचायत के लोग नक्सल प्रभावित क्षेत्र में बुनियादी...

धरहरा के अजीमगंज पंचायत के लोगों की परेशानी प्रस्तुति: रणजीत कुमार ठाकुर / गौरव कुमार मिश्रा बिहार के मुंगेर जिले के धरहरा प्रखंड की अजीमगंज पंचायत एक ऐसा क्षेत्र है, जहां विकास के नाम पर केवल वादे हुए हैं, लेकिन जमीनी हकीकत आज भी बेहद दयनीय है। नक्सल प्रभावित यह पंचायत, आजादी के इतने वर्षों बाद भी बुनियादी सुविधाओं जैसे जल, सड़क, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य, सिंचाई और पंचायत सरकार भवन के लिए तरस रही है। करीब 20 हजार की आबादी और 13 वार्डों वाली इस पंचायत में प्रशासनिक उपेक्षा और योजनाओं की विफलता के अनेक उदाहरण हैं, जो ग्रामीण जीवन को प्रतिदिन प्रभावित करते हैं।
इन्हीं समस्याओं को सामने लाने के लिए 'अपने हिन्दुस्तान द्वारा संवाद' कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें पंचायतवासियों ने खुलकर अपनी बातें रखीं। जल संकट और नल-जल योजना की विफलता: संवाद के दौरान लोगों ने बताया कि, पंचायत में पेयजल की समस्या बेहद गंभीर है। खासकर वार्ड नंबर- 6 और 7 में। वार्ड नंबर- 6 के वीरपुर पोखरिया और हुसैनपुर खुदीवन गांव में जलमीनार तो लगाए गए हैं, लेकिन सिर्फ 10 घरों तक ही पानी की आपूर्ति हो पाई है। बांकी घरों को कनेक्शन ही नहीं दिया गया और संवेदक ने सारी राशि गबन कर ली। वर्ष- 2022 में शुरू हुई यह योजना वर्ष- 2024 में कुछ दिन चलने के बाद बंद हो गई और अब एक साल से ठप पड़ी है। संवेदक की लापरवाही और राशि के दुरुपयोग के चलते लगभग 50 घर अब भी प्यासे हैं। हालांकि, संवेदक का कहना है कि, राशि की व्यवस्था की जा रही है और जल्द ही बचे हुए घरों को जोड़ा जाएगा। इसी तरह, वार्ड नंबर- 7 के फिरोजपुर मथुरा और टारा गांव में जलमीनार की टंकी आंधी में उड़ गई और तब से योजना बंद पड़ी है। सड़क, नाली और बिजली की बदहाली: लोगों ने बताया कि, पंचायत में 15 वर्ष पहले बनाई गई नालियां अब जर्जर हो चुकी हैं और आज तक उनकी सफाई नहीं हुई है। घास से ढंकी नालियों में जलजमाव होता है, जिससे बीमारियां फैलती हैं। कई जगहों पर यह पहचानना मुश्किल हो जाता है कि, सड़क कहां है और नाला कहां। यहां सड़कों की हालत भी बदतर है। सड़क जर्जर हो चुका है, जिसपर चलना भी मुश्किल हो गया है। विशेष रूप से वर्षा के समय काफी परेशानी होती है। पंचायत में बिजली की स्थिति यह है कि, दिन-रात मिलाकर केवल 4 घंटे बिजली मिलती है, जिससे बच्चों की पढ़ाई और रोजमर्रा के कामकाज प्रभावित होते हैं। पंचायत की सड़कों और गलियों में सोलर लाइटें तो लगी हैं, लेकिन अधिकांश खराब हैं और शाम होते ही पूरा इलाका अंधेरे में डूब जाता है। जबकि, यह पंचायत नक्सल प्रभावित क्षेत्र में गिना जाता है। लोगों ने बताया कि, पंचायती राज व्यवस्था शुरू होने से पहले ही फिरोजपुर पोखरिया गांव में पंचायत भवन के निर्माण की योजना बनी थी, लेकिन आज तक वह भवन नहीं बन पाया। शिक्षा और स्वास्थ्य की अनदेखी: फिरोजपुर पोखरिया स्थित प्राथमिक विद्यालय की स्थिति भी चिंताजनक है। बच्चों को पीने के लिए साफ पानी नहीं मिलता, क्योंकि चापाकल खराब है। लोगों के निजी नलकूप से गंदा पानी निकलता है जिसमें आयरन की मात्रा काफी अधिक है। यहां के लोग यही पानी पीने को मजबूर हैं। मिड-डे मील योजना में भी अनियमितता है।बच्चों को मीनू के अनुसार भोजन नहीं मिलता। स्कूल के सालाना खर्च के लिए 30,000 रुपये और विकास कोष में 25,000 रुपये मिले थे। इस राशि से साउंड सिस्टम, लकड़ी की खिड़की और चौखट बननी थी, लेकिन प्रधानाध्यापक ने खिड़की को ईंट से बंद कर दिया और राशि कहां गई कोई नहीं जानता। प्रधानाध्यापक ने खर्च एवं विकास की राशि का बंदरबांट कर दिया। यहां यदि जांच कराई जाए तो विद्यालय की राशि के गबन का मामला उजागर हो सकता है। स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति भी बेहद खराब है। पंचायत में एक भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नहीं है। इलाज के लिए लोगों को 8 किलोमीटर दूर प्रखंड मुख्यालय या 28 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय जाना पड़ता है। परिणामस्वरूप, ग्रामीण आज भी झोलाछाप डॉक्टरों पर निर्भर हैं। स्वास्थ्य केंद्र खोलने की बात कई बार हुई, लेकिन अब तक कोई पहल नहीं हुई। मामला फाइलों में ही सिमट कर रह गया है। सिंचाई और खेल के साधन नदारद: अजीमगंज पंचायत में कृषि आजीविका का मुख्य साधन है, फिर भी खेतों तक पानी नहीं पहुंचता, क्योंकि सिंचाई की कोई स्थायी व्यवस्था नहीं है। इससे फसलों की पैदावार प्रभावित होती है। इसके साथ ही पंचायत में युवाओं के लिए कोई खेल का मैदान भी नहीं है, जिससे व… -------------------------------------------------------- : लोगों ने कहा: यहां स्वास्थ्य व्यवस्था बिल्कुल नहीं है। इलाज के लिए 8 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। अजीमगंज गांव में स्वास्थ्य केंद्र खोलने की आवश्यकता है। – नवीन निराला यहां स्वास्थ्य व्यवस्था नहीं है। बीमार पड़ने पर या तो 8 किलोमीटर दूर धरहरा स्वास्थ्य केंद्र अथवा 28 किलोमीटर दूर मुंगेर मुख्यालय जाना पड़ता है। – साजन देव कुमार खेती के लिए सिंचाई की व्यवस्था नहीं रहने से पंचायत के किसानों की स्थिति बेहतर नहीं है। सिंचाई की व्यवस्था करने की दिशा में प्रशासन को विचार करना चाहिए। – बिंदेश्वरी यादव वार्ड नंबर- 6 और 7 में नल तो लगे हैं, लेकिन पानी आज तक नहीं पहुंचा है। बरसात में परेशानी होती है। स्वास्थ्य केंद्र के निर्माण पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। – पंकज कुमार अजीमगंज पंचायत की आबादी भी ठीक-ठाक है। कई वर्ष पहले यहां स्वास्थ्य केंद्र खोलने की बात कही गई थी, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई पहल नहीं हुई। – शंकर यादव नल-जल योजना का मोटर खराब रहने या अन्य कारणों से बंद है। इसकी वजह से उक्त स्थानों पर पेयजल की समस्या उत्पन्न हो गई है। – मुन्ना यादव गांव की सड़कें उबड़-खाबड़ हो गई हैं, जलजमाव होता है। स्कूल जाने वाले बच्चे, बुजुर्ग और बाहर से गंगा स्नान को आने वाले लोग परेशान होते हैं। – उदय यादव भीषण गर्मी पड़ रही है। ऐसे में चिलचिलाती धूप में पीने के पानी की समुचित व्यवस्था 'सात निश्चय योजना' के अंतर्गत की जानी चाहिए। – अशोक यादव इस पंचायत में आज तक पंचायत भवन का निर्माण नहीं हुआ है। जबकि, इसके निर्माण की योजना पंचायत सरकार शुरू होने से पूर्व बनी थी। पंचायत भवन के नहीं रहने से किसी भी बैठक में ग्रामीणों को परेशानी होती है। – महेन्द्र यादव सरकार की 'सात निश्चय योजना' से हमें वंचित रखा गया है। आधा-अधूरा काम करके संवेदक फरार हो गए हैं। हम आयरन युक्त पानी पीने को मजबूर हैं। – अजीत राय पंचायत में एक भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नहीं है। ऐसे में पंचायत के निवासी आज भी झोलाछाप डॉक्टरों पर निर्भर हैं। – पप्पू यादव फिरोजपुर पोखरिया के प्राथमिक विद्यालय की हालत चिंताजनक है। बच्चों को पीने के लिए शुद्ध पानी नहीं मिलता, चापाकल खराब है और मिड-डे मील योजना में गड़बड़ी है। – दिलीप कुमार स्कूल के मिड-डे मील योजना में गड़बड़ी है और बच्चों को मेनू के अनुसार भोजन नहीं दिया जाता। इस स्कूल में 30,000 के खर्च और 25,000 के विकास कोष के बावजूद कोई सुधार नहीं हुआ है। – विकास मध्य विद्यालय के भवन में लकड़ी की खिड़कियों की जगह ईंट लगाकर खिड़कियों को बंद कर दिया गया है। विकास राशि का दुरुपयोग किया जाता है। – अशोक कुमार राय सरकार को पेंशन की राशि में वृद्धि करनी चाहिए। 400 रुपये की पेंशन में गुज़ारा नहीं हो पा रहा है। सरकार को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। – रामदास यादव इस पंचायत में 'सात निश्चय योजना' पूरी तरह विफल है। जलमीनार तो खड़ा कर दिया गया है, लेकिन पानी नहीं मिल रहा है। लोग आयरन युक्त पानी पीकर बीमार हो रहे हैं। – कारे लाल यादव ----------------------------------------------------------------------------- बोले जिम्मेदार: कुछ समय पूर्व आवास योजना का जमीनी निरीक्षण के लिए मैं पंचायत गया था। उसमें पूछने पर भी लोगों ने किसी विशेष समस्या की जानकारी नहीं दी थी। अब यदि वहां के लोग किसी समस्या का जिक्र कर रहे हैं, तो तो इस संबंध में जानकारी ली जाएगी और शीघ्र समस्याओं का निजाम दिया जाएगा। -अजीत कुमार, डीडीसी, मुंगेर। : फिरोजपुर पोखरिया प्राथमिक विद्यालय में अनियमितताओं को लेकर आपके द्वारा मामला संज्ञान में लाया गया है। निश्चित रूप से इस विद्यालय की जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने पर विद्यालय के प्रधानाचार्य पर उचित कार्रवाई की जाएगी। अन्य समस्याओं के लिए भी समुचित कदम उठाए जाएंगे।। -राकेश कुमार, प्रखंड विकास पदाधिकारी, धरहरा सरकार का यह ड्रीम प्रोजेक्ट है। निश्चय योजना में अगर संवेदक के द्वारा कहीं भी किसी तरह का लापरवाही बरती जा रही है तो इस पर निश्चित रूप से हम कार्रवाई करेंगे। हालांकि, अजीमगंज पंचायत के वार्ड नंबर- 6 के फिरोजपुर पोखरिया में जांच करवा लेते हैं। दोषी पाए जाने पर संवेदक पर कार्रवाई की जाएगी। -अभिषेक रंजन, लोक स्वास्थ्य अभियंता, मुंगेर
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