दोपहर तक सर्वर रहा डाउन फिर मरीजों को मिली राहत
भागलपुर के मायागंज अस्पताल में ओपीडी का सर्वर लगातार पांचवे दिन डाउन रहा, जिससे मरीजों को पर्ची कटाने में लंबा इंतज़ार करना पड़ा। बाद में सर्वर ठीक होने पर ऑनलाइन पर्ची कटनी शुरू हुई। इसके साथ ही...

भागलपुर, वरीय संवाददाता मायागंज अस्पताल में लगातार पांचवें दिन भी ओपीडी का सर्वर डाउन रहा। सुबह से ही मरीजों की रजिस्ट्रेशन के लिए लंबी कतार लग गई। सर्वर डाउन रहा तो छह काउंटर पर हाथ से पर्चा कटना शुरू हो गया। इससे मरीजों को पर्ची कटाने में पसीने छूटते रहे। पर्ची कटाने में मरीजों को आधा घंटा लेकर 45 मिनट तक इंतजार करना पड़ा। लेकिन दोपहर बाद सर्वर ठीक हुआ तो मरीजों का पर्चा आनलाइन कटना शुरू हो गया। इसके बाद लाइन में लगे मरीजों को राहत मिली। मायागंज अस्पताल के हॉस्पिटल मैनेजर सुनील कुमार गुप्ता ने बताया कि बुधवार को ओपीडी में 1081 मरीजों का इलाज हुआ। दोपहर तक मैनुअल रजिस्ट्रेशन किया गया। बाद में सर्वर ठीक हो गया तो आनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू करा दिया गया।
पीएचसी नारायणपुर को दो लाख तो एचडब्ल्यूसी भवानीपुर को मिला एक लाख का इनाम
- जिले के आठ अस्पतालों व 20 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के खाते में इनाम की राशि भेजी जाएगी
भागलपुर, वरीय संवाददाता
कायाकल्प योजना में विजेता, उप विजेता से लेकर प्रशस्ति पुरस्कार हासिल करने वाले अस्पतालों के खाते में धनराशि जमा करने का आदेश जारी कर दिया। इसके तहत कायाकल्प योजना में विजेता बने पीएचसी नारायणपुर को दो लाख रुपये का तो हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर भवानीपुर को विजेता बनने पर एक लाख रुपये का इनाम मिला है। जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा जारी सूची के अनुसार, जिले के शहरी पीएचसी हुसैनाबाद, बरारी, किलाघाट, रेकाबगंज, बुधिया, सच्चिदानंदनगर व चंपानगर को प्रशस्ति पुरस्कार के रूप में 50-50 हजार रुपये का इनाम मिला है। वहीं एचडब्ल्यूएस यानी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर नगरपाड़ा को उप विजेता के रूप में 35 हजार रुपये तो सेकेंड रनर अप के रूप में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर रामपुर कमराय को 25 हजार रुपये का इनाम मिला है। इसके अलावा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पायलपुर, बाखरपुर, तिनटंगा दियारा, करहरिया, परशुरामचक, पोठिया, भरोखर, माधोपुर, तमौनी, चोरहर, जयरामपुर, गौरीपुर, चारा, खुटाहा, यमुनिया, दिमाहा, रायपुर को 25-25 हजार रुपये का इनाम मिला है। सीएस डॉ. अशोक प्रसाद ने बताया कि इनाम की राशि संबंधित अस्पताल के रोगी कल्याण समिति के खाते में जाएगी। इनाम की राशि में से 25 प्रतिशत राशि अस्पतालों के पदाधिकारियों, कर्मचारियों व स्टाफ के बीच प्रोत्साहन राशि के रूप में बंटेगी तो वहीं शेष 75 प्रतिशत राशि अस्पताल में मिली खामियों को दूर करने के रूप में इस्तेमाल किया जा सकेगा।
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