बोले जमुई : युवाओं को खेती से जोड़ने को ट्रैक्टर अनुदान व टैक्स छूट दें
अलीगंज प्रखंड के किसानों के लिए ट्रैक्टर अब खेती के लिए एक अनिवार्य संसाधन बन गया है। पहले किसान पारंपरिक तरीकों से खेती करते थे, लेकिन अब तकनीक के विकास और कृषि मजदूरों की कमी के कारण ट्रैक्टर का...
आज खेतीबारी के लिए ट्रैक्टर किसानों के लिए जरूरी संसाधन बन गया है। अलीगंज प्रखंड क्षेत्र के किसान पूर्व में परंपरागत तरीके से हल-बैल से खेती किया करते थे। लेकिन बदलते समय के साथ तकनीक का विकास विकास हुआ। साथ ही क्षेत्र में कृषि मजदूर की कमी के कारण अब अधिकतर किसानों द्वारा ट्रैक्टर से ही खेती की जाती है। बड़े व कुछ मझौले किसान अपना खुद का ट्रैक्टर रखते हैं। जबकि मझौले व छोटे किसान अपने खेतों की जुताई के लिए किराए के ट्रैक्टर पर निर्भर रहते हैं। इस कारण फसल उत्पादन पर असर पड़ता है। लागत बढ़ती है। हिन्दुस्तान के साथ संवाद के दौरान जिले के किसानों ने अपनी समस्या बताई। उन्होंने कहा कि ट्रैक्टर अगर सुलभ तरीके से मिल जाए तो उनकी भी फसल लहलहा सकती है। सरकार सहयोगात्मक पहल करे। इसके तहत योजनाओं का लाभ व ऋण अनुदान देकर इस दिशा में सकारात्मक पहल कर सकती है।
01 सौ 25 एकड़ जमीन परती रह जाती है अलीगंज प्रखंड में
03 फसल उगा सकते हैं प्रखंड के किसान संसाधन रहने पर
12 हजार हेक्टेयर खेती करने योग्य जमीन है अलीगंज प्रखंड में
बदलते समय के साथ खेतीबारी के लिए ट्रैक्टर एक जरूरी संसाधन बन गया है। पहले इस इलाके के किसान परंपरागत तरीके से हल-बैल से खेतीबारी किया करते थे। लेकिन आधुनिक तकनीक के दौर में कृषि मजदूर की कमी के कारण अब अधिकांश किसानों द्वारा ट्रैक्टर से ही खेती की जाती है। बड़े व कुछ मझौले किसान अपना खुद का ट्रैक्टर रखते हैं। जबकि अधिकांश मझौले व छोटे किसान अपनी खेतों की जुताई के लिए किराए के ट्रैक्टर पर निर्भर रहते हैं।
आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान से संवाद के क्रम में किसानों ने बताया कि कि खेती में पर्याप्त पूंजी व्यय किए जाने के बावजूद इस क्षेत्र में मौसम की प्रतिकूलता, कृषि मजदूर की कमी के कारण उपज की कोई गारंटी नहीं है। ऐसे में कई बार लागत पूंजी भी नहीं निकल पाती है। सरकार द्वारा कृषि कार्य को बढ़ावा देने के लिए कई योजना संचालित किए जाने के बावजूद किसानों की आर्थिक हालात में अपेक्षाकृत सुधार नहीं हो पा रहा है। इस क्षेत्र के अधिकांश युवा खेती से मुंह मोड़ कर अन्य रोजगार के लिए बाहर के प्रदेशों की ओर पलायन कर रहे हैं। ऐसी हालत में ट्रैक्टर रखे हुए अधिकतर किसानों के लिए ट्रैक्टर-ट्राली के लिए सड़क टैक्स, फिटनेस सहित सभी आवश्यक कागजात दुरुस्त रखना मुश्किल हो जाता है। इसमें बहुत पैसे भी लगते हैं। किसानों ने बताया कि कृषि कार्य के लिए निबंधन करवाए गए ट्रैक्टर-ट्राली से ईंट, बालू, गिट्टी ढुलाई सहित अन्य व्यावसायिक कार्य करने की सख्त मनाही है। पकड़े जाने पर जुर्माना देने का प्रावधान है। खेती के फायदेमंद नहीं होने के कारण किसानों के लिए अपने ट्रैक्टर का कागजात दुरुस्त रखना एक समस्या बन गई है। हर चीज में बिचौलिए भी घुसे रहते हैं।
टैक्स में माफी और व्यावसायिक कार्य की दी जाए छूट :
किसानों के अनुसार कृषि कार्य के लिए रखे ट्रैक्टर के सभी टैक्स माफ कर दिये जाने चाहिए। इसके साथ ही व्यावसायिक कार्य करने की सीमा में भी छूट देनी चाहिए ताकि किसान अपने ट्रैक्टर से कुछ कमाई कर सके। इससे खेतीबारी में भी पूंजी लगाने में सहूलियत होगी। खेती के लिए दूसरों से कर्ज नहीं लेना पड़ेगा। किसानों की माली हालत में सुधार होगा। किसान सहित कृषि मजदूरों का अन्य प्रदेश पलायन भी कम होगा। युवा वर्ग भी कृषि कार्य के प्रति आकर्षित होंगे। किसानों को खेती के अलावा अन्य काम करने से कुछ ऊपरी आय भी हो जाएगी। इससे परिवार के जीवन-यापन में सहूलियत होगी। किसानों ने खाद-बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करने की मांग की। बिचौलियों से मुक्ति दिलाने को कहा।
शिकायत
मुख्यत: कृषि कार्य के लिए किसान ट्रैक्टर खरीदते हैं। लेकिन काफी कम आमदनी एवं आर्थिक हालत कमजोर होने के कारण सभी कागजात दुरुस्त नहीं रख पाते।
महंगाई के युग में खेती के लिए ट्रैक्टर का रखरखाव भी किसानों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है।
खेतीबारी में कम आमदनी के कारण ट्रैक्टर-ट्रेलर का सभी कागजात पूरे रखना सभी किसानों के वश की बात नहीं है।
सड़क पर वाहन जांच में ट्रैक्टर पकड़े जाने पर अधिकतर किसानों को कर्ज लेकर वाहन मुक्त करवाना पड़ता है।
सुझाव
ट्रैक्टर इस क्षेत्र में खेतीबाड़ी का अभिन्न हिस्सा बन गया है। टैक्स माफी होने से किसानों को राहत मिलेगी।
यदि किसानों के ट्रैक्टर का सभी प्रकार का टैक्स माफ कर दिया जाता है तो किसानों को खेतीबाड़ी के लिए ट्रैक्टर रखने में सहूलियत होगी, बचत भी होगी।
खेतीबारी के अतिरिक्त कुछ घरेलू व्यावसायिक कार्य करने की छूट मिलने से आमदनी बढ़ेगी। किसानों की स्थिति में सुधार होगा।
किसानों को ट्रैक्टर रखने में छूट मिलने से खेती के प्रति उदासीन युवा वर्ग में भी खेतीबारी के प्रति आकर्षण बढ़ेगा।
इनकी भी सुनिए
किसानों के ट्रैक्टर के सभी टैक्स माफ होने से कृषि कार्य के प्रति लगाव बढ़ेगा। जिससे फसलों का उत्पादन बढ़ेगा।
-मनीष कुमार
किसानों को एक सीमा तक अपने ट्रैक्टर से लोकल क्षेत्र में ईंट, बालू, मिट्टी ढोने की छूट मिलनी चाहिए। जिससे जीविका चले।
-मो. शमशाद
कृषि कार्य के लिए उपयोग होने वाले ट्रैक्टर का किसानों के हित में सभी सरकारी टैक्स माफ होना चाहिए।
- सुभाष चंद्र कुमार
बहुत कम किसानों के पास अपना ट्रैक्टर है। जुताई रेट अधिक रहने से कृषि कार्य महंगा होता जा रहा है। इस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए।
- विमला सिन्हा
बदलते युग में जमुई क्षेत्र में ट्रैक्टर खेती का अभिन्न हिस्सा बन गया है। इसकी मदद से किसान पैदावार को बढ़ा सकते है।
- रामविलास उर्फ पप्पू सिंह
किसानों की माली हालत में सुधार के लिए सरकार को बेहतर योजना बनाकर उसे जमीनी स्तर पर चलाना चाहिए।
-मो. शमीम
इस इलाके के किसानों को सरकारी योजनाओं का सही मायने में लाभ नहीं मिल पाता है। जिससे वे मुख्यधारा से पिछड़ते जा रहे हैं।
- कलेश्वर मेहता
किसानों को समय पर उन्नत बीज व खाद मिले, इस पर ध्यान देना जरूरी है। वहीं खेत जोतने के लिए ट्रैक्टर की उपलब्धता पर भी ध्यान देने की जरूरी है।
-मुकेश सिंह
इस क्षेत्र में कभी सुखाड़ तो कभी अतिवृष्टि के कारण किसानों को खेती में लगाया गया लागत मूल्य भी नहीं निकलता है, जिस पर ध्यान देने की जरूरत है।
-ललन सिंह
किसानों को अपने ट्रैक्टर से फसल के अलावा अन्य सामग्रियों की ढुलाई करने की छूट मिलनी चाहिए।
- दिलीप रावत
कई योजना संचालित किए जाने के बावजूद जागरूकता की कमी से अधिकांश युवा खेती के प्रति उदासीन है। सरकार को ध्यान देने की जरूरत है।
- सत्यम सिंह
किसानों को ट्रैक्टर सहित अन्य कृषि यंत्रों की खरीदारी में सरकारी अनुदान मिलना चाहिए। ताकि किसानों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ नहीं पड़े।
- जनार्दन यादव
सभी टैक्स माफ होने से किसानों के लिए खेती के साथ उनके जीवनयापन के लिए भी ट्रैक्टर मददगार सिद्ध होगा।
- अशोक सम्राट
ट्रैक्टर की खरीद में छूट मिलने से बेरोजगार युवक भी अपने गांव से पलायन करने के बदले कृषि कार्य के प्रति आकर्षित होंगे।
-मो. मुनीर
कृषि कार्य वाले ट्रैक्टर का अन्य व्यावसायिक कार्यों में उपयोग होना चाहिए। इससे किसानों को खेती के अलावा भी आय होगी।
- साकेत कुमार
खेतीबारी के अतिरिक्त कुछ घरेलू व्यावसायिक कार्य करने की छूट मिलने से आमदनी बढ़ेगी। किसानों की स्थिति में सुधार होगा।
- सोनू कुमार
बोले जिम्मेदार
सहकारिता विभाग से ट्रैक्टर लेने पर सरकार द्वारा 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। सहकारिता विभाग पैक्स अध्यक्ष को ही ट्रैक्टर अनुदानित दर पर देता है इसमें पैक्स अध्यक्ष के पास गोदाम, ऑडिट होनी चाहिए। इधर, कृषि विभाग द्वारा भी कृषि यंत्र के साथ-साथ ट्रैक्टर अनुदानित दर पर दिया जाता है। कृषि यंत्र और ट्रैक्टर के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जाता है।
-बृजेश कुमार सिंह, जिला कृषि पदाधिकारी, जमुई
बोले जमुई असर
कलाकारों का होगा पंजीयन, मिलेगी विशिष्ट पहचान
जमुई। कला संस्कृति एवं युवा विभाग द्वारा जिले के समस्त कलाकारों को एक साझा मंच प्रदान करने हेतु पहल की गई है। विभाग द्वारा कलाकार पंजीयन पोर्टल का निर्माण किया गया है। कला, संस्कृति एवं युवा विभाग द्वारा कलाकार पंजीयन पोर्टल का लोकार्पण किया गया। बोले जमुई संवाद के दौरान 13 मार्च को कलाकारों की समस्या प्रकाशित की गई थी। इस पर संज्ञान लिया गया है। डीएम अभिलाषा शर्मा के नेतृत्व में कलाकार पंजीयन पोर्टल के प्रचार-प्रसार हेतु उचित दिशा-निर्देश दिए गए हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि जमुई जिला कला संस्कृति की दृष्टि से काफी संपन्न है तथा यहां चित्रकला, संगीत, नृत्य तथा वेणु शिल्प के कलाकार हैं, जिन्हें समय-समय पर अधिकाधिक अवसर देने के प्रयास किया जा रहे हैं। जिला प्रशासन जिले के कलाकारों की स्थिति में सुधार लाने हेतु निरंतर प्रयासरत है। ऐसे में कलाकार पंजीयन पोर्टल निश्चित रूप से जिले के कलाकारों के उन्नयन हेतु एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। पोर्टल का उद्देश्य जिले के कलाकारों को डिजिटल पहचान देनी है। साथ ही यह पोर्टल कलाकारों की सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक विकास, सांस्कृतिक उत्कर्ष तथा जिले की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के प्रचार -प्रसार को बढ़ावा देने में मील का पत्थर साबित होगा। यह पोर्टल कलाकारों को विभिन्न शासकीय योजनाओं, पुरस्कारों एवं सांस्कृतिक गतिविधियों से जोड़ने हेतु एक महत्वपूर्ण माध्यम सिद्ध होगा। पोर्टल पर कलाकारों की जानकारी विधावार कराई जाएगी, जो भारत के सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के लिए सुलभ होगी, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर जिले की प्रतिभाओं को पहचान मिलेगी तथा उनके सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। शास्त्रीय संगीत, नृत्य, गायन, ललित कला, लोक कला, लोक नृत्य, नाट्य, मूर्ति कला आदि विधा में कार्य कर रहे कलाकार इस पोर्टल के माध्यम से अपना रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। पंजीकरण के स्वीकृत होने के उपरांत पंजीकृत कलाकारों को विशिष्ट पहचान संख्या दी जाएगी, जो विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों, शासकीय योजनाओं में भागीदारी हेतु अनिवार्य होगा । कलाकारों का पंजीयन लिंक- https://artistregistration.bihar.gov.in पर जाकर अपना पंजीयन कर सकते हैं। आगे उन्होंने कहा जिले के कलाकार बढ़-चढ़कर पंजीयन पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कराएं तथा किसी भी सहायता अथवा सुझाव हेतु जिला कला एवं संस्कृति कार्यालय, जमुई में संपर्क करें।
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