अपराधियों की संपत्ति की लिस्ट बना करें जब्त, DGP विनय कुमार ने जारी किया फरमान
पुलिस को सबसे पहले शस्त्र, एनडीपीएस व मद्य निषेध आदि अधिनियम के तहत कई बार चार्जशीटेड की सूची तैयार करनी है। इसके बाद उन अभियुक्तों की अपराध से अर्जित संपत्तियों को इंटेलिजेंस और डेटाबेस के माध्यम से जानकारी इकट्ठा कर प्रस्ताव तैयार करना है।
बिहार में अपराध से अर्जित संपत्तियां जब्त होंगी। पुलिस मुख्यालय अपराधियों का मनोबल तोड़ने और उसपर जड़ से प्रहार करने के लिए उनकी संपत्ति जब्ती अभियान को तेज करेगा। खासतौर से आदतन अपराधियों पर संपत्ति जब्ती की कार्रवाई सख्ती से की जाएगी। इनमें बालू, शराब के अवैध धंधों से जुड़े माफियाओं को प्राथमिकता सूची में रखा गया है। बिहार के डीजीपी विनय कुमार ने मंगलवार को पुलिस के आलाधिकारी को इस बाबत विस्तृत निर्देश दिए। डीजीपी ने पुलिस मुख्यालय और क्षेत्रीय पदाधिकारियों के साथ हुई समीक्षा बैठक में सभी थाने से लेकर आईजी, डीआईजी और एसपी को आदतन अपराधियों को चिह्नित करने तथा उनकी अपराध से अर्जित संपत्ति को जब्त करने का प्रस्ताव जल्द समर्पित करने का निर्देश दिया।
इस मामले में कोताही बर्दाश्त नहीं होगी। समीक्षा के दौरान कई जिलों से प्रस्ताव नहीं मिलने को लेकर डीजीपी ने संबंधित पदाधिकारियों को फटकार भी लगाई। साथ ही निर्धारित समयावधि के भीतर रिपोर्ट समर्पित करने का निर्देश दिया। इस रिपोर्ट के आधार पर नये आपराधिक कानूनों के तहत बिहार पुलिस अवैध संपत्ति को जब्त करने की कार्रवाई सुनिश्चित करेगी। मालूम हो कि डीजीपी विनय कुमार ने दिसंबर 2024 में पदभार संभालते ही हर थाना स्तर पर कम से कम ऐसे दो प्रस्ताव समर्पित करने का निर्देश दिया था।
इंटेलिजेंस-डेटाबेस से संपत्तियों की पहचान
पुलिस को सबसे पहले शस्त्र, एनडीपीएस व मद्य निषेध आदि अधिनियम के तहत कई बार चार्जशीटेड की सूची तैयार करनी है। इसके बाद उन अभियुक्तों की अपराध से अर्जित संपत्तियों को इंटेलिजेंस और डेटाबेस के माध्यम से जानकारी इकट्ठा कर प्रस्ताव तैयार करना है।
ऐसे होगी जब्ती
पुलिस के मुताबिक, पहले सीआरपीसी की धारा 102 के तहत संपत्तियां जब्त की जाती थीं। इसके साथ ही यूएपीए और बीएमएलए के मामलों में ईओयू के माध्यम से ईडी को संपत्ति जब्ती का प्रस्ताव भेजा जाता था। लेकिन नए आपराधिक कानून बीएनएसएस में राज्य सरकार को ही आपराधिक आय से बनाई गई संपत्ति को जब्त करने का अधिकार मिला है। बिहार पुलिस ने नक्सल व संगठित अपराध से जुड़े माफियाओं की संपत्ति भी जब्त की है।
ईओयू कर रही बक्सर फायरिंग घटना की जांच
डीजीपी ने मीडिया से बातचीत में मंगलवार को कहा कि अपराध की एक-एक घटना की बहुत नजदीकी से निगरानी हो रही है। बक्सर में फायरिंग के चलते तीन लोगों की हुई मौत की घटना की जांच को लेकर आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की पूरी टीम को वहां भेजा गया है। मामले में सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा को देखते हुए उस भूमि को कब्जे से मुक्त करने की कार्रवाई हो रही है।
पटना में फायरिंग की घटना पर उन्होंने कहा कि अपराधियों की पहचान कर ली गई है। पुलिस की पूरी टीम लगी है। कई पकड़े भी हुए हैं। उन्होंने ऐसी घटनाओं के लिए युवा वर्ग में अपराध की बढ़ती प्रवृत्ति को जिम्मेदार ठहराया। डीजीपी ने कहा कि इसके सुधार में समाज और परिवार की भूमिका अहम है।