Biharsharif Ward Councillor Usha Devi Disqualified for Concealing Third Child बिहारशरीफ नगर निगम के वार्ड-38 की वार्ड पार्षद अयोग्य घोषित, Biharsharif Hindi News - Hindustan
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बिहारशरीफ नगर निगम के वार्ड-38 की वार्ड पार्षद अयोग्य घोषित

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Newswrap हिन्दुस्तान, बिहारशरीफMon, 2 June 2025 10:17 PM
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बिहारशरीफ नगर निगम के वार्ड-38 की वार्ड पार्षद अयोग्य घोषित

बिहारशरीफ नगर निगम के वार्ड-38 की वार्ड पार्षद अयोग्य घोषित वर्ष 2008 के बाद तीन जीवित संतान के रहने पर हुई कार्रवाई हलफनामे में मात्र दो संतान के बारे में ही दी थी जानकारी बिहारशरीफ, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। नगर निगम के वार्ड-38 की वार्ड पार्षद उषा देवी को अयोग्य घोषित कर दिया है। राज्य निर्वाचन आयोग ने वर्ष 2008 के बाद तीन जीवित संतानों के रहने के कारण यह फैसला सुनाया है। उनकी एक संतान का जन्म वर्ष 2016 में हुआ था। हालांकि, शिवशंकर प्रसाद की पत्नी उषा देवी ने चुनाव के समय दाखिल किये गये हलफनामे में मात्र दो संतानों के बारे में ही जिक्र किया था।

निर्वाचन आयोग के विशेष कार्य पदाधिकारी के हस्ताक्षर से जारी निर्णय के पत्र के अनुसार मथुरिया मोहल्ला-कानूनिया गली निवासी पप्पू कुमार व मथुरिया मोहल्ला निवासी रवि कुमार ने शिकायत दर्ज कर कार्रवाई की मांग की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि वार्ड पार्षद की तीन पुत्रियां हैं। इनमें से एक का जन्म वर्ष 2008 के बाद हुआ है। यह बिहार नगरपालिका अधिनियम-2007 के नियमों का उल्लंघन है। एक पुत्री को दे दिया गोद : सुनवाई में यह पता चला कि वार्ड पार्षद की तीन पुत्रियां हैं। इनमें से तीसरी पुत्री का जन्म 2016 में हुआ है। मंझली पुत्री के जन्म के छह महीने बाद से ही वार्ड पार्षद की ननद-ननदोसी के पास नवादा में रहती है। ननदोसी सरकारी शिक्षक हैं और उनकी कोई संतान नहीं है। शिक्षक ने अपने साला और सलहज से उसे गोद लिया था। हालांकि, वार्ड पार्षद के वकील का कहना था कि वह उनकी बेटी नहीं है। इस संबंध में आधार कार्ड भी प्रस्तुत किया। वहीं, वादी के वकील का कहना था कि इस संबंध में शिक्षक ने एसडीओ के सामने हलफनामा दिया है कि उनकी कोई संतान नहीं है। उन्होंने बच्ची को गोद लिया है। उनके असली माता-पिता वार्ड पार्षद और उनके पति हैं। इस संबंध में कई अन्य साक्ष्य भी प्रस्तुत किये गये। दो जून को सुनाया फैसला : सुनवाई के बाद दो जून को फैसला सुनाया गया कि वार्ड पार्षद की तीन पुत्रियां हैं। यह अधिनियम का उल्लंघन है। तत्काल प्रभाव से वार्ड पार्षद को अयोग्य घोषित करते हुए उन्हें पदमुक्त किया जाता है। साथ ही यह पद रिक्त समझा जाएगा और नियमानुसार निर्वाचन की कार्रवाई की जाएगी। साथ ही जिलाधिकारी को गलत हलफनामा देने व तथ्य छुपाने के आरोप में नियमानुसार कार्रवाई करने और आयोग को अवगत कराने को कहा गया है।

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