पहल : नालंदा के 9 प्रखंडों की 13 पैक्सों को मिला ‘ई-पैक्स का दर्जा
पहल : नालंदा के 9 प्रखंडों की 13 पैक्सों को मिला ‘ई-पैक्स का दर्जापहल : नालंदा के 9 प्रखंडों की 13 पैक्सों को मिला ‘ई-पैक्स का दर्जापहल : नालंदा के 9 प्रखंडों की 13 पैक्सों को मिला ‘ई-पैक्स का...

पहल : नालंदा के 9 प्रखंडों की 13 पैक्सों को मिला ‘ई-पैक्स का दर्जा सारे काम होंगे ऑनलाइन, पारदर्शिता के साथ समय की बचत किसानों को लाभ लेने में सहूलियत, पैक्स की बढ़ेगी आमदनी फोटो मई फरीदा : रहुई के मई फरीदा पैक्स का कार्यालय। बिहारशरीफ, कार्यालय प्रतिनिधि। जिले के नौ प्रखंड की 13 पैक्सों को ‘ई-पैक्स का दर्जा दिया गया है। अब यहां सारे काम ऑनलाइन होंगे। इससे कार्यों के निष्पादन में पारदर्शिता आएगी। समय की बचत होगी। किसानों को ऋण समेत अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में सहूलियत मिलेगी। साथ ही पैक्सों की आमदनी भी बढ़ेगी। जिले में करीब 249 पैक्स हैं। पिछले साल इनमें से करीब 122 पैक्सों को कम्प्यूटर समेत अन्य डिजिटल उपकरणों से लैस किया गया था। पैक्स प्रबंधकों को ऑनलाइन काम करने के लिए ट्रेनिंग दिलायी गयी थी। पहले चरण में इनमें से 13 पैक्सों को ई-पैक्सा घोषित कर दिया गया है आने वाले समय में चरणवार अन्य पैक्सों को भी ई-पैक्स का दर्जा देने की योजना है। इसके लिए विभागीय स्तर पर पहल जारी है। नालंदा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष सह अस्थावां विधायक डा जितेन्द्र कुमार कहते हैं कि ‘ई-पैक्स का दर्जा मिलने से कार्यों के निष्पादन में पारदर्शिता के साथ ही समय की भी बचत होगी। ई-पैक्स किसानों को डिजिटल माध्यम से बेहतर सेवाएं प्रदान कर सकेंगी। ऑनलाइन ऋण आवेदन, भुगतान के साथ ही योजनाओं की जानकारी किसान ले सकेंगे। पैक्सों को सशक्त और आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने के लिए सरकार के स्तर से कई प्रयास किये जा रहे हैं। पैक्स निबंधन कराकर रेल व हवाई टिकट काट सकती है। पैक्सों जनऔषधी केंद्र खोलने, पेट्रोल पम्प समेत अन्य सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। ताकि, सहकारी समितियों से जुड़कर अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हो सकें। साथ ही समितियों की आमदनी में इजाफा हो पाये। क्या कहते हैं अधिकारी पहले चरण में जिले की 13 सहकारी समितियों को ‘ई-पैक्स का दर्जा दिया गया है। अब यहां सारे काम ऑनलाइन किये जाएंगे। आने वाले समय में अन्य पैक्सों को भी यह सुविधा मुहैया करायी जाएगी। ताकि, किसानों को योजनाओं का लाभ लेने में सहूलियत मिल सके। धर्मनाथ प्रसाद, जिला सहकारिता पदाधिकारी। इन पैक्सों को ‘ई-पैक्स का मिला दर्जा : 1. एकंगरसराय : ओप और सोनियावां 2. रहुई : सोसंदी और मई फरीदा 3. हिलसा : चिकसौरा 4. नगरनौसा : भूतहाखाड़ 5. सरमेरा : इसुआ और मीरनगर 6. चंडी : नरसंडा 7. बिहारशरीफ : डुमरावां 8. अस्थावां : मुर्गियाचक और डुमरावां 9. नूरसराय : नदिऔना ई-पैक्स बनने लाभ : 1. ई-पैक्स किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाते हैं, जिससे उनकी आय में वृद्धि होती है और वे आत्मनिर्भर बनते हैं। 2. ई-पैक्स के माध्यम से किसानों को ऋण आसानी से और जल्दी मिल जाते हैं, जिससे उन्हें खेती के लिए आवश्यक सामान खरीदने में मदद मिलती है। 3. ई-पैक्स लेनदेन लागत को कम करते हैं, जिससे किसानों को अधिक लाभ मिलता है। 4. ई-पैक्स भुगतान असंतुलन को कम करते हैं, जिससे किसानों को अपनी फसल के लिए सही समय पर भुगतान मिलता है। 5. ई-पैक्स किसानों को डिजिटल माध्यम से बेहतर सेवाएं प्रदान करते हैं। 6. ई-पैक्स किसानों को उन्नत कृषि तकनीक और संसाधन प्रदान करते हैं, जिससे कृषि उत्पादन में वृद्धि होती है। 7. ई-पैक्स मोबाइल इन्फ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से किसानों को जानकारी और सेवाएं प्रदान करते हैं।
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