पांच दिनों बाद भी जिले के करीब 100 गांव डूबे हैं अंधेरे में
पांच दिनों बाद भी जिले के करीब 100 गांव डूबे हैं अंधेरे में पांच दिनों बाद भी जिले के करीब 100 गांव डूबे हैं अंधेरे में

पांच दिनों बाद भी जिले के करीब 100 गांव डूबे हैं अंधेरे में बिन बिजली नल-जल का मोटर बंद, पानी को मचा है हाहाकार बाइक और ट्रैक्टर से पानी लाकर प्यास बुझाने को लोग लाचार फोटो 14 शेखपुरा 03 - डीहकुसुम्भा गांव में ट्रैक्टर पर पानी ले जाते लोग। शेखपुरा, हिन्दुस्तान संवाददाता। आंधी और पानी आये पांच दिन बीत जाने के बाद भी जिले के सभी क्षेत्रों में पूरी तरह से बिजली आपूर्ति बहाल नहीं हो पायी है। हद तो यह है कि पांच दिनों बाद भी बिजली बोर्ड द्वारा क्षति का आंकलन नहीं किया गया है। एक सौ से अधिक गांवों में रहने वाली बड़ी आबादी बिजली की आस लगाये बैठी है। बिन बिजली न घरों का अंधेरा मिट रहा है और न प्यास बुझ रही है। पेयजल के लिए हाहाकार मचा हुआ है। हालांकि, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर राकेश कुमार ने दावा किया कि पूरे जिले में बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई है। कुछ गांवों में परेशानी है, जिसे ठीक करने का प्रयास जारी है। गुरुवार को आयी तेज आंधी-पानी से पूरे जिले में बिजली आपूर्ति ठप हो गई थी। दूसरे दिन शेखपुरा शहर की बिजली आपूर्ति तो बहाल कर दी गई थी। लेकिन, पूरे दिन में 10 घंटा से अधिक बिजली की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। तकनीकी गड़बडी ऐसी कि कभी भी लगातार आधा घंटा तक बिजली नहीं मिल पा रही है। सबसे खराब हालत घाटकुसुम्भा का है। यहां कोयला फीडर से बिजली आपूर्ति की जाती है। सोमवार तक इस फीडर से बिजली की आपूर्ति नहीं हो पायी थी। बिजली आपूर्ति बाधित रहने से 17 से अधिक गांव पिछले पांच दिनों से अंधेरे में डूबा है। बिजली आपूर्ति ठप रहने से पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। लोग ट्रैक्टर व अन्य वाहनों में बर्तन लेकर चापाकल पर आते हैं और पानी भरकर जाते हैं। इसके अलावा सदर प्रखंड के मंदना, कसार सहित अनेक गांवों में अबतक बिजली आपूर्ति ठप है। बिन बिजली न नल-जल से पानी की आपूर्ति हो रही है और न घरों के में लगे मोटर का काम कर रहे हैं। गांवों में सार्वजनिक चापाकल भी काफी कम चालू हालत में हैं। नतीजा, लोग प्यास बुझाने के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं। बिजली विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से लोग नाराज चेवाड़ा, निज संवाददाता । नगर पंचायत के पावर सब स्टेशन के कर्मी की मनमानी से बिजली उपभोक्ताओं में काफी नाराजगी है। बिजली की समस्या होने पर सुधार करने के लिए फोन करने के बावजूद कोई साकारात्मक कार्रवाई नहीं की जाती है। हद तो यह है की विभाग के जेई और एसडीओ फोन तक नहीं उठाते हैं। इतना ही नहीं एग्जीक्यूटिव इंजीनियर से शिकायत करने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो पाता है। पांच दिन पहले आयी तेज आंधी-बारिश के कारण चेवाड़ा इलाके में बिजली आपूर्ति ठप हो गयी थी। शनिवार को दोपहर बाद नगर पंचायत क्षेत्र में बिजली बहाल हुई। लेकिन, आम्बेडकर चौक के आसपास कई दुकानों तक बिजली नहीं पहुंची। दुकानदारों ने इसकी शिकायत एग्जीक्यूटिव इंजीनियर राकेश कुमार से की। उन्होंने कहा कि मिस्त्री को भेज रहे हैं। लेकिन, छह घंटे बीत जाने के बाद भी चेवाड़ा से महज 500 मीटर दूर पावर सब स्टेशन से कोई मिस्त्री नहीं आया। बिन बिजली उन दुकानदारों काफी नुकसान उठाना पड़ा, जो डेयरी के दूध, दही व अन्य उत्पाद बेचते हैं। बिजली ठप रहने के कारण दूध फट गये तो अन्य उत्पाद खराब हो गये।
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