अत्याधुनिक तरीके से कैमरों की निगरानी में होगा ड्राइविंग टेस्ट
स स्टैंड स्थित ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक छपरा, नगर प्रतिनिधि। सारण में भी जल्द ही अत्याधुनिक तरीके से कैमरों की निगरानी में ड्राइविंग टेस्ट होगा। इसके लिए शहर के सरकारी बस स्टैंड में बने टेस्टिंग...

ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक के बचे हुए कार्य को हर हाल में पूरा कराने पर बल शहर के सरकारी बस स्टैंड परिसर में बना है ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक छपरा, नगर प्रतिनिधि। सारण में भी जल्द ही अत्याधुनिक तरीके से कैमरों की निगरानी में ड्राइविंग टेस्ट होगा। इसके लिए शहर के सरकारी बस स्टैंड में बने टेस्टिंग ट्रैक का आटोमेशन होगा। राज्य परिवहन आयुक्त से मिले दिशा निर्देश के मुताबिक एमवीआई संजय कुमार अश्क ने टेस्टिंग ट्रैक का निरीक्षण किया और शेष बचे कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश संबंधित एजेंसी को दिया है। एमवीआई ने कहा कि टेस्टिंग ट्रैक को अत्याधुनिक तरीके से बनाया गया है। इससे ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वाले अभ्यर्थियों को आसानी होगी। टेस्टिंग ट्रैक के माध्यम से आवेदकों को ऑनलाइन आवेदन के बाद सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में सड़क पर टेस्ट देना होगा। इस व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य केवल उन उम्मीदवारों को लाइसेंस प्रदान करना है, जो वाहन चलाने के योग्य हैं और यातायात नियमों का पालन करते हैं। विभाग का मानना है कि इससे बगैर टेस्ट के लाइसेंस देने की प्रथा पर अंकुश लगेगा, जिससे सड़क सुरक्षा में सुधार होगा। इस नई व्यवस्था से ड्राइविंग लाइसेंस में पारदर्शिता बढ़ेगी और सड़क दुर्घटनाओं में कमी आने की संभावना है। एमवीआई ने कहा कि ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक के आटोमेशन किए जाने से न केवल सड़क पर कुशल और प्रशिक्षित ड्राइवरों को तैयार करने में सहायता मिलेगी, बल्कि दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी। लाइसेंस जारी करने से पूर्व कैमरे की निगरानी में अत्याधुनिक तकनीक के माध्यम से ड्राइविंग टेस्ट लिया जाएगा। क्या है ऑटोमैटिक ड्राइविंग ट्रैक ट्रैक के दो हिस्सों में डिवाइड है, जहां एक छोटा सा हिस्सा दोपहिया आवेदकों के लिए है, वहीं दूसरा बड़ा हिस्सा चार पहिया वाहन के लिए। टेस्टिंग के दौरान ट्रैफिक सिग्नल, रिवर्ड मोड आदि ट्रैक पड़ता है, जहां आवेदकों को अपनी ड्राइविंग कौशल का प्रदर्शन करने का मौका मिलता है। ड्राइविंग लाइसेंस उम्मीदवारों का बिना मानव हस्तक्षेप के वीडियो एनालिटिक्स टेक्नोलॉजी के माध्यम से उनके ड्राइविंग कौशल का परीक्षण लिया जाता है और यह सारी प्रक्रिया केवल 10 मिनट के अंदर पूरी हो जाती है। इस ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक पर कई एडवांस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जायेगा जिसमें एक्सेस कंट्रोल एंट्री एग्जिट, फुल्ली आटोमेटिक टेस्ट ट्रैक, वीडियो एनालिटिक्स टेक्नोलॉजी, एग्जिट कॉरिडोर ईच टेस्ट ट्रैक आदि शामिल है। कोट टेस्टिंग ट्रैक पर अब ड्राइविंग टेस्ट देते समय काफी सावधानी बरतने की आवश्यकता है। जरा सी चूक होने पर आवेदक टेस्ट में फेल हो जायेगा। अभी तक की व्यवस्था में मैनुअल तरीके से ड्राइविंग टेस्ट होता है। अब सब कुछ कम्प्यूटराइज्ड होगा। संजय कुमार अश्क एमवीआई, सारण
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