सतुआनी पर श्रद्धालुओं ने नदी तटों पर लगाई आस्था की डुबकी
बाल मुंडन संस्कार के लिए भी नदी घाट पर पहुंची महिलाएं या गया। हिंदू सनातन धर्म व भारतीय संस्कृति के प्राचीनतम पर्व पर श्रद्धालुओं ने पहुंचकर नदी तटों पर पहुंचकर आस्था की डुबकी लगाई। मंदिर में दर्शन...

छपरा, नगर प्रतिनिधि। भोजपुरी क्षेत्र में मनाया जाने वाला सतुआनी पर्व सोमवार को शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में धूमधाम से मनाया गया। हिंदू सनातन धर्म व भारतीय संस्कृति के प्राचीनतम पर्व पर श्रद्धालुओं ने पहुंचकर नदी तटों पर पहुंचकर आस्था की डुबकी लगाई। मंदिर में दर्शन पूजन के बाद दान पुण्य किए और सत्तू का सेवन किया। शहर के अलावा डोरीगंज के बंगाली बाबा घाट , चिरांद घाट, करियावा मंदिर घाट ,श्री नाथ बाबा घाट, गौतम ऋषि घाट, मांझी के राम घाट, सोनपुर व दिघवारा के नदी तटों पर लोगों की काफी भीड़ रही। श्रद्धालु नदी तट अपने निजी वाहनों से जाते देखे गये । इस दिन बाल मुंडन संस्कार के लिए महिलाओं द्वारा निजी वाहनों से गीत गाते बजाते हुए जाते देखा गया। वहीं इस अवसर पर कई गंगा नदी के घाटों पर मेला भी लगता है। श्रद्धालुओं का मानना है कि इस दिन पतित पावनी गंगा में डुबकी लगाने के बाद पूजा-अर्चना करने के साथ अन्न व द्रव्य दान करने पर पुण्य की प्राप्ति होती है।ब्राह्मणों के मुताबिक, सतुआन त्योहार भगवान सूर्य का मीन से मेष राशि में प्रवेश करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। सूर्य के मेष राशि में प्रवेश कर जाने के बाद खरमास समाप्त हो जाता है और सभी तरह के मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं। सजी थीं आम के टिकोले की दुकानें सतुआनी को ले शहर के भगवान बाजार ,गुदरी, साहेबगंज, सरकारी बाजार सहित अन्य बाजारों में आम के टिकोले की दुकानें सजी थीं। कच्चा आम 80 रुपये से सौ रुपये किलो तक बिका, जबकि सत्तू की बिक्री भी जमकर हुई। बता दें कि बिहार, झारखंड और पूर्वांचल में मनाया जाने वाला पर्व सतुआनी एक विशेष खाद्य पदार्थ की महत्ता को लेकर मनाया जाने वाला पर्व है। सत्तू यानी चने को भूनने के बाद पीस कर बनाया गया खाद्य पदार्थ है। इस दिन सत्तू और आम को विभिन्न रूपों में खाने की परंपरा है। आम की चटनी व सत्तू का आनंद गंगा स्नान और दान पुण्य करने के बाद श्रद्धालुओं ने सत्तू और आम के टिकोलों से बनी चटनी का भी आनंद लिया। बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक खूब चाव से सत्तू का सेवन किया। श्रद्धालुओं ने कहा कि सतुआन पर सच के सेवन से काफी पुण्य मिलता है। पाचन तंत्र भी दुरुस्त रहता है । आम से खास तक सतुआनी पर लिये सत्तू का आनंद रिक्शा- ठेले वाले तक ने लिया सत्तू का आनंद वर्ष 2004 में शुरू हुआ अभियान साल दर साल जुड़ते गए लोग छपरा। नगर प्रतिनिधि। सतुआन पर्व को अपनी लोक संस्कृति से जोड़ने में अभी भी कुछ लोग लगे हैं।जो अभी भी अपनी परंपरा को निस्वार्थ भाव से मजबूत बना रहे हैं और दूसरों को भी अपनी जड़ों को पकड़े रखने के लिए प्रेरित करते आ रहे हैं। इन्हीं में से एक व्यक्ति हैं, शहर के श्याम चक मोड़ पर चाय-नाश्ते की छोटी सी दुकान चलाने वाले परमेश्वर साह उर्फ मुनीव जी जो हर साल अपने दुकान के पास सतुआन के दिन स्टॉल लगाकर वहां से गुजरने वाले लोगों नि:शुल्क स्वादिष्ट सत्तू का स्वाद चखाना नहीं भूलते हैं। करीब दो दशक से अधिक से यह सिलसिला आज भी कायम है। यह और बात है कि अब उन्हें सहयोग करने के लिए युवा व स्थानीय व्यवसायियों की पूरी टीम है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस एक दिवसीय आयोजन में वहां से गुजरने वाला हर कोई सत्तू की सोंधी महक व उसके साथ मिलने वाली चटनी व अलग-अलग जायकेदार आचार के साथ अतिथि के तौर पर मिलने वाले सम्मान के कारण खुद को इसे खाने से रोक नहीं पाता है। चाहे वह रिक्शा या ठेला खींचने वाला हो या फिर मोटरसाइकिल व कार से जाने वाला हर कोई अवश्य ही सत्तू का स्वाद चखने के लिए इस दिन यहां थोड़ी देर के लिए जरूर रुकता है। पूर्व के वर्षों में विधान पार्षद डॉ वीरेंद्र नारायण यादव के अलावा शिक्षाविद डॉ लालबाबू यादव सहित कई गण्यमान्य भी सतुआन पर सत्तू का स्वाद ले चुके हैं। सकारात्मक सोच ले लिया अभियान का रूप इस आयोजन के बारे में लोगों से बात करने पर पहला नाम सामने आया श्यामचक मोड़ पर चाय व नाश्ते की छोटी सी दुकान चलाने वाले परमेश्वर साह उर्फ मुनीव जी की। उनकी सकारात्मक सोच ने इसे एक अभियान का रूप दे दिया है। वकील मुनीब जी की मानें तो सतुआन ही के दिन वर्ष 2004 में वे सतुआनी के दिन अपनी दुकान पर बैठकर अपने खाने के लिए सत्तू में नमक मिलाकर पानी के साथ गूंथ रहे थे। अगल बगल खड़े दुकानदारों के आग्रह पर करीब पांच किलो सत्तू गूथ कर सोमवार को सतुआनी पर आयोजित कार्यक्रम में युवा खिलाड़ी व सामाजिक कार्यकर्ता मुकेश कुमार यादव उर्फ सोनू यादव,सत्येन्द्र प्रसाद यादव, विनय ,सुरेश, कृष्णा राम, संतोष राय, नागेन्द्र विजय शंकर यादव, पंकज राय, ओमप्रकाश कुमार,रविशंकर दसिल, मनोज राय, बबन राम, अरुण, शैलेन्द्र समेत अन्य ने सक्रिय भूमिका निभाई। सतुआनी पर मां अंबिका के दर्शन को उमड़े श्रद्धालु दिन भर में लगभग चार लाख श्रद्धालुओं ने किये दर्शन फोटो- 5 सतुआनी के अवसर पर सोमवार को मां अंबिका भवानी मां के दरबार में उमड़े श्रद्धालु दिघवारा निसं। दिघवारा प्रखंड के आमी स्थित मां अंबिका भवानी मंदिर में सतुआनी के अवसर पर सोमवार को मां अंबिका के दर्शन के लिए प्रदेश भर से श्रद्धालु पहुंचे। भीड़ के कारण दिन में माता के पट को बंद नहीं किया जा सका,जबकि हर दिन मां के पट को दोपहर में दो घंटे के लिए बंद किया जाता है। दिन भर में लगभग चार लाख श्रद्धालुओं ने मां अंबिका के दर्शन कर अपनी मुरादों के पूर्ण होने की कामना की। थानाध्यक्ष समेत प्रशासन को दिन भर भीड़ नियंत्रण के लिए मशक्कत करनी पड़ी। मंदिर के हर चप्पे पर पुलिस की पहरेदारी दिखी और पुलिस के जवानों ने भीड़ को नियंत्रित करने में सफलता हासिल की। दिघवारा सीओ मिट्ठू कुमार, थानाध्यक्ष रितेश कुमार मिश्रा, मंदिर न्यास समिति के सचिव प्रतिनिधि रितेश तिवारी समेत दर्जनों पुजारियों व स्थानीय युवा दिनभर मंदिर में कैंप कर श्रद्धालुओं को नियंत्रित करने में लगे थे। गर्भगृह के अंदर पंडित वर्मा तिवारी, सरोज तिवारी, मैदा तिवारी समेत कई अन्य पुजारियों ने श्रद्धालुओं के प्रसाद और चुनरी को मां के पिंड पर अर्पित कर सबों की खुशहाली की कामना की। सतुआन पर्व पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी फोटो- 15- मांझी के रामघाट पर सोमवार को सतुआन के अवसर पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ दाउदपुर(मांझी)। सतुआन पर्व के अवसर पर सोमवार को मांझी के सुप्रसिद्ध राम घाट सहित अन्य नदी घाटों पर सुबह से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। हजारों श्रद्धालुओं ने सरयू नदी के पवित्र जल में आस्था के साथ डुबकी लगाई एवं विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना और श्रद्धा पूर्वक दान पुण्य किया। इस बीच श्रद्धालुओं ने स्थानीय हनुमानगढ़ी मंदिर में पूजा अर्चना किया। बड़ी संख्या में महिला एवं पुरुष बच्चे वृद्ध नदी में डुबकी लगाए। मांझी प्रखंड में परम्परागत तरीके से सतुआन का पर्व मनाया गया। मांझी के राम घाट पर सत्तू,आम, गुड़ के अलावा पूजन सामग्री के व अन्य सामानों की छोटी- मोटी दुकानें लगी थी।
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