घटना में बाल-बाल बची दूल्हे-दुल्हन की गाड़ी
पेज तीन की लीड के साथ की टक्कर में दुल्हन की गाड़ी बाल बाल बच गई। नहीं तो दूल्हा-दुल्हन सहित उस गाड़ी पर सवार अन्य लोग भी हाद

दरियपुर, एक संवाददाता। जिस कार में दुल्हन का भाई सवार था उसके थोड़ा ही पीछे दूल्हे-दुल्हन की गाड़ी थी। हाइवा व कार की टक्कर में दुल्हन की गाड़ी बाल बाल बच गई। नहीं तो दूल्हा-दुल्हन सहित उस गाड़ी पर सवार अन्य लोग भी हादसे का शिकार हो जाते। गनीमत रही कि दूल्हे की गाड़ी थोड़ी दूरी पर थी। फिर भी घटना के समय वह गाड़ी लगा कि हाइवा से टकरा जाएगी। लेकिन दूल्हे की गाड़ी का चालक सूझबूझ का परिचय दिया और ब्रेक लगा गाड़ी को रोक लिया। दूल्हा-दुल्हन सहित उस पर सवार अन्य लोग आंशिक रूप से चोटिल हो गए।
दुल्हन की गाड़ी में बैठता तो बच जाती निखिल की जान जब दुल्हा दुल्हन विदा हो रहे थे तो उस वक्त परम्परा के अनुसार दुल्हन का छोटा व इकलौता भाई निखिल दुल्हन की गाड़ी में ही बैठा। फिर वहां विधि विधान के साथ दुल्हन विदा हुई। लेकिन कुछ दूरी पर जाने के बाद निखिल अपनी बहन की गाड़ी से उतर कर दूसरी गाड़ी पर बैठ गया। घर वाले आश्चर्य कर रहे हैं कि आखिर किस वजह से वह अपनी बहन की गाड़ी पर से उतर गया। फिर आधे घंटे में निखिल की गाड़ी हाइवा से टकरा गई और उसकी जान चली गई। बहन की उठी डोली,भाई की उठी अर्थी गजब विडम्बना रही। सुबह में हंसी खुशी से बहन श्वेता की घर से विदाई की गई। उसके कुछ ही घंटे बाद उसके इकलौते भाई की अर्थी भी उठ गई। यह घटना यहां के लोगों को झकझोर दे रही है। धनंजय सिंह के घर शादी में आए सभी रिश्तेदार अभी उन्हीं के यहां थे। शादी अच्छी तरह से सम्पन्न हो गयी। सभी इसकी चर्चा कर रहे थे। काफी खुशी थी घर में। लेकिन थोड़ी देर बाद ही मनहूस खबर आई कि बाराती की एक कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई। फिर खबर आई कि दुल्हन श्वेता का भाई निखिल जख्मी हो गया है। इसके बाद फिर मनहूस खबर आई कि निखिल की मौत हो गई। इसके बाद तो खुशी का माहौल गम में बदल गया। परिजनों से लेकर सारे रिश्तेदारों में चीख पुकार मच गई। पटना में रह कर इंजीनियरिंग कर रहा था निखिल निखिल इंटर की पढ़ाई कर पटना बिहटा में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था। स्थानीय बीजेपी नेता राजेश ओझा व अन्य ग्रामीणों ने बताया कि निखिल पढ़ने में काफी तेज था और मिलनसार भी था। दो बहनों के बाद उसका जन्म हुआ था। इकलौता होने के कारण मामूली ठेकेदारी करने वाले उसके पिता धन्यजय सिंह चाहते थे कि उसे इंजीनियर बनाएं। इसके लिए वे उसकी पढ़ाई में अपनी अधिकांश गाढ़ी कमाई खर्च रहे थे। निखिल भी पिता के सपने को पूरा करने के लिए जी-जान लगा पढ़ाई कर रहा था। लेकिन भगवान को कुछ ओर ही मंजूर था। पिता का न केवल सपना ही टूटा बल्कि वे बिना पुत्र के भी हो गए। चार महीने में पांच लोगों की जा चुकी है जन भेल्दी-दिघवारा पथ से भारी संख्या में बालू ढोने वाले ट्रकों के परिचालन से पिछले चार महीने में पांच लोगों की जान चली गई है। भगवानपुर की एक महिला और डेरनी के पकौड़ी महतो की ट्रक से कुचल कर मौत हो चुकी है। वहीं बीते 17 अप्रैल को गंगाजल में हाइवा घर में घुस गया।जिसमें सुरेश साह की 57 वर्षीय पत्नी मीना देवी की जान चली गई। बता दें कि विगत करीब एक साल से इस सड़क से बालू लदे ट्रकों का परिचालन हो रहा है।शाम में इस सड़क में ट्रकों की लाइन लग जाती है। इस क्षेत्र के लोगों ने डीएम को ज्ञापन देकर ट्रकों के परिचालन पर रोक लगाने या उसका समय बदलने की मांग भी की थी। स्थानीय लोगों ने बताया कि चालक निर्भीकता के साथ काफी तेजी से ट्रक चलाते है।
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