Five-Day Workshop on Geographic and Statistical Data Analysis Using Python and MS Excel Launched at Darbhanga University भौगोलिक एवं सांख्यिकीय डेटा विश्लेषण पर कार्यशाला शुरू, Darbhanga Hindi News - Hindustan
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भौगोलिक एवं सांख्यिकीय डेटा विश्लेषण पर कार्यशाला शुरू

दरभंगा विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग में पाइथन प्रोग्रामिंग और एमएस एक्सेल का उपयोग करते हुए भौगोलिक और सांख्यिकीय डेटा विश्लेषण पर पांच दिवसीय कार्यशाला शुरू हुई। विभागाध्यक्ष डॉ. अनुरंजन के अनुसार,...

Newswrap हिन्दुस्तान, दरभंगाThu, 24 April 2025 09:40 PM
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भौगोलिक एवं सांख्यिकीय डेटा विश्लेषण पर कार्यशाला शुरू

दरभंगा। लनामिवि के स्नातकोत्तर भूगोल विभाग के तत्वावधान में गुरुवार को पाइथन प्रोग्रामिंग भाषा और एमएस एक्सेल सॉफ्टवेयर का उपयोग करते हुए भौगोलिक और सांख्यिकीय डेटा का विश्लेषण विषय पर पांच दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। भूगोल विभाग में 28 अप्रैल तक चलने वाली कार्यशाला के बाबत विभागाध्यक्ष डॉ. अनुरंजन ने बताया कि शोध और रोजगार की दृष्टि से यह अत्यंत उपयोगी है। पाइथन प्रोग्रामिंग भाषा और एमएस एक्सल सॉफ्टवेयर जैसे आधुनिक डेटा विश्लेषण उपकरणों का ज्ञान आज के डिजिटल युग में अत्यंत महत्वपूर्ण हो गया है। इस कार्यशाला के माध्यम से हमारे छात्र वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार हो सकेंगे। कार्यशाला के संयोजक डॉ. मनु राज शर्मा ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह कार्यशाला विद्यार्थियों, शोधार्थियों तथा शिक्षकों को डेटा विश्लेषण की व्यावहारिक समझ प्रदान करेगी, जो शोध एवं शैक्षणिक क्षेत्र में उन्हें सक्षम बनाएगा। डॉ. सुनील कुमार सिंह ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि प्रतिभागियों को पाइथन और एक्सेल के माध्यम से भू-स्थानिक एवं सांख्यिकीय डेटा के विश्लेषण का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कार्यशाला में बिहार के विभिन्न विश्वविद्यालयों से लगभग 25 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं, जिनमें कार्यरत पेशेवर, शोधार्थी तथा प्राध्यापक शामिल हैं। पहले दिन चार तकनीकी सत्र आयोजित किए गए।

डॉ. शर्मा ने भौगोलिक एवं सांख्यिकीय डेटा विश्लेषण तथा एनाकोंडा प्लेटफॉर्म का परिचय प्रस्तुत किया। इसके बाद भौतिकी विज्ञान की डॉ. पूजा अग्रवाल ने पाइथन प्रोग्रामिंग की मूल बातें तथा डेटा विश्लेषण व दृश्यांकन में इसके अनुप्रयोग पर विस्तार से चर्चा की। तीसरे सत्र में भूगोल विभाग के डॉ. सुनील कुमार सिंह ने एक्सेल में माध्य, माध्यिका, प्रचुरता एवं प्रसरण जैसे आंकड़ों के मापन पर व्याख्यान दिया। अंतिम सत्र में प्रतिभागियों को एक्सेल में डेटा इंपोर्ट कर उसे विजुलाइज करने की प्रायोगिक गतिविधि कराई गई। कार्यशाला के संचालन में डॉ. रश्मि शिखा ने संयोजन सचिव के रूप में भूमिका निभाई।

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