खराजपुर में गली-गली सड़कें तो बनीं पर नहीं हुआ जलनिकासी का समाधान
दरभंगा शहर के खराजपुर मोहल्ले में तेजी से जनसंख्या बढ़ी है, लेकिन जलनिकासी की समस्या गंभीर बनी हुई है। नाले के अभाव में बारिश का गंदा पानी सड़कों पर जमा हो जाता है, जिससे स्थानीय निवासियों को...
दरभंगा शहर का पिछले कुछ वर्षों में तेजी से विस्तार हुआ है। विस्तार के क्रम में नगर निगम क्षेत्र के बाहर के कई मोहल्ले अब शहरी क्षेत्र के हिस्सा बन गये हैं, लेकिन ऐसे नए बसावट वाले मोहल्लों में नगर निगम की जगह अब भी ग्राम पंचायत सरकार ही काम कर रही है। जिला मुख्यालय से महज एक किमी की दूरी पर पुरानी पहचान रखने वाला मोहल्ला खराजपुर अब शहर का अभिन्न हिस्सा बन गया है। इस वजह से पिछले महज कुछ ही वर्षों में यहां तेजी से नए मकानों की संख्या बढ़ी है। आज से चार-पांच साल पहले जिस जमीन पर खेती हुआ करती थी, अब वहां आलीशान बहुमंजिली इमारतें खड़ी हो गई हैं।
शहर की चकाचौंध से आकर्षित होकर सुदूर इलाकों से भी लोग इस क्षेत्र में अपना आशियाना बना रहे हैं। स्थानीय पवन मिश्र, नरेश मंडल, अशोक मंडल, दिलीप मिश्र आदि ने कहा कि तीन से पांच हजार की आबादी वाला खराजपुर मोहल्ला देखते-देखते ही अब 10 से 12 हजार की आबादी वाला मोहल्ला बन गया है। जितनी तेजी से यहां आबादी बढ़ी है कमोबेश उसी अनुपात में जलनिकासी की समस्या और भी जटिल हुई है। कहने को तो मोहल्ल की सभी सड़कों और गलियों का पक्कीकरण हो गया है, बावजूद इसके कहीं भी न तो सड़क के किनारे और न ही किसी गली में नाला बना है। यही वजह है कि शहर के इतने करीब होने के बावजूद यहां कई मूलभूत सुविधाओं के अभाव से उत्पन्न समस्याएं लोगों को परेशान कर रही हैं। खराजपुर मोहल्ले के लोगों की सबसे बड़ी समस्या बरसात शुरू होते ही झेलनी पड़ती है, जब घर के गंदे पानी के साथ बारिश का पानी घर से लेकर सड़क तक जमा हो जाता है। ऐसा इसलिए है कि बेतरतीब नए बसावट के कारण नाला बनाने के लिए जमीन का या तो अभाव है, या नाले की जमीन पर अतिक्रमणकारियों ने कब्जा जमा रखा है। मोहल्ले के राजू मिश्र, उमेश सहनी, धर्मेंद्र मिश्रा आदि ने कहा कि कहने को तो खराजपुर शहर के लहेरियासराय से सटा हुआ एक मोहल्ला है, लेकिन विकास के मामले में सुदूर ग्रामीण क्षेत्र से भी बदतर स्थिति नाला नहीं होने से बनी हुई है। लोगों का कहना है कि इस मोहल्ले में समय-समय पर सरकारी योजना के तहत सड़क और गली का पक्कीकरण तो हुआ, लेकिन नाले के अभाव में सड़कों पर ही घरों से निकलने वाला गंदा पानी जमा रहता है। इससे सड़कें कुछ ही दिनों में टूट जाती हैं। योजनाओं के क्रियान्वयन में जनप्रतिनिधियों के साथ ही पदाधिकारियों की लापरवाही समस्या को और भी जटिल बना देती है। यदि सड़क की बात की जाए तो खराजपुर किसी भी अन्य मोहल्ले से काफी आगे है। मोहल्ले की सभी मुख्य सड़कों से लेकर गली तक पक्कीकरण हो चुका है, लेकिन नल-जल योजना की पाइप बिछाने के नाम पर बनी-बनाई सड़क को तोड़ दिया जाता है। फिर इसकी मरम्मत नहीं की जाती है। मोहल्ले के लोगों का कहना है कि यहां अवैध खनन भी बड़ी समस्या है। बागमती नदी से किये जा रहे अवैध खनन के कारण मोहल्ले को लोगों को कई तरह की परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। सड़कों पर धूल उड़ने से लोग परेशान रहते हैं। स्थानीय मुखिया रानी देवी ने बताया कि समस्या निदान की पहल की जा रही है।
-बोले जिम्मेदार-
यह मामला मेरे संज्ञान में आया है। खराजपुर मोहल्ले में सड़कों के किनारे नाले का निर्माण आवश्यक है। इसके लिए संबंधित अधिकारियों से बात कर इस दिशा में आवश्यक पहल करेंगे। अधिकारियों को समस्या निदान के लिए निर्देश दिये जाएंगे। - डॉ. गोपाल जी ठाकुर, सांसद, दरभंगा।
खराजपुर में अगर नाला टूट गया है या जाम है और उसके कारण पानी का बहाव सही तरीके से नहीं हो रहा है तो ग्राम पंचायत की सभा में इसका प्रस्ताव पारित करने के लिए कहा जाएगा। वहां से प्रस्ताव पारित होने के बाद नाला मरम्मत का काम कराया जाएगा।
- अश्वनी कुमार, बीडीओ, बहादुरपुर
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