शिक्षा विभाग के बड़ा बाबू और ऑपरेटर को निगरानी ने 50 हजार लेते दबोचा, रिटायर्ड टीचर से ले रहे थे घूस
अरवल के जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय के प्रधान लिपिक मनोज कुमार और कंप्यूटर ऑपरेटर संतोष कुमार शर्मा को पटना निगरानी की टीम ने 50 हजार लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।

बिहार में सोमवार को दो भ्रष्ट लोकसेवकों पर निगरानी का डंडा चला। पटना निगरानी टीम ने रंगे हाथों दोनों को दबोच लिया। मामला अरवल जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय का है। दोनों को गिरफ्तार कर पटना ले जाया गया है। मंगलवार को इन्हें कोर्ट में पेशकर आगे की कार्रवाई की जाएगी। गिरफ्तार कर्मियों में अरवल डीईओ कार्यालय के बड़ा बाबू और कंप्यूटर ऑपरेटर शामिल हैं। इस कार्रवाई के डीईओ ऑफिस में हड़कंप मच गया।
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो पटना से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक गिरफ्तार बड़ा बाबू मनोज कुमार और कंप्यूटर ऑपरेटर संतोष कुमार शर्मा को गिरफ्तार किया गया है। इनके खिलाफ अवकाश प्राप्त शिक्षक कृष्णनंदन सिंह, पिता स्व रास्वरूप सिंह ग्राम-मेंहदिया जिला अरवल की शिकायत पर की गयी है। शिकायत में बताया गया कि सेवांत लाभ की राशि के भुगतान के लिए उनसे पचास हजार घूस की मांग की गयी थी। काफी समझाने पर भी नहीं माने तो पीड़त ने निगरानी विभाग में पहुंचकर शिकायत की।
पीड़ित की शिकायत पर पटना निगरानी में 21 अप्रैल को कांड दर्ज किया गया। टीम गठित कर आरोपों की जांच कराई गई तो सत्य पाया गया। उसके बाज डीएसपी पवन कुमार के नेतृ्त्व में धावा दल का गठन किया गया। सोमवार की निगरानी टीम ने अरवल डीईओ कार्यालय के पास जाल बिछाया जिसमें मनोज कुमार और संतोष कुमार दोनों फंस गए। जैसे ही कृष्णनंदन सिंह से उन्होंने 50 हजार की राशि थामी कि निगरानी टीम ऐक्शन में आ गयी। टीम के अफसरों ने दोनों को दबोच लिया। उनकी गिरफ्तारी ऑफिस के पास स्थित भवानी होटल में रुपए लेते हुए की गई।
निगरानी कार्यालय की ओर से बताया गया है कि 2025 में विभाग की यह 23वीं प्राथमिकी है।कुल 18 ट्रैप में 20 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया जा चुका है। अबतक रिश्वत के कुल सात लाख पांच हजार रुपए बरामद किये जा चुके हैं। गिरफ्तार सरकारी सेवकों से पूछताछ की जा रही है।