Father and brother who murdered for greed of property got life imprisonment verdict after 25 years Muzaffarpur Bihar संपत्ति के लालच में रिश्ते का खून करने वाले पिता और भाई ने को उम्र कैद, 25 साल बाद फैसला, Bihar Hindi News - Hindustan
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संपत्ति के लालच में रिश्ते का खून करने वाले पिता और भाई ने को उम्र कैद, 25 साल बाद फैसला

  • रघुनाथ सिंह मनोज के पिता और राकेश भाई हैं। साहेबगंज पुलिस ने 24 अक्टूबर 2002 को मामले में पिता रघुनाथ सिंह, माता शांति देवी और भाई राकेश कुमार सिंह के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। इस मामले में शांति देवी को बरी किया गया है।

Sudhir Kumar लाइव हिन्दुस्तानSat, 22 March 2025 12:37 PM
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संपत्ति के लालच में रिश्ते का खून करने वाले पिता और भाई ने को उम्र कैद, 25 साल बाद फैसला

बिहार के मुजफ्फरपुर में करीब 25 साल पहले हुई हत्या के मामले में जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश नमिता सिंह ने शुक्रवार को सजा सुनाई। हत्यारोपित रघुनाथ सिंह और राकेश कुमार सिंह को आजीवन कारावास और 25-25 हजार रुपये जुर्माना लगाया है। वहीं साक्ष्य मिटाने को लेकर दोनों को तीन-तीन साल कारावास और 10-10 हजार रुपए जुर्माना की सजा दी है। दोनों ने मिलकर मनोज कुमार सिंह की हत्या कर दी थी।

इन दोनों पर मनोज कुमार सिंह की हत्या का आरोप था। रघुनाथ सिंह मनोज के पिता और राकेश भाई हैं। साहेबगंज पुलिस ने 24 अक्टूबर 2002 को मामले में पिता रघुनाथ सिंह, माता शांति देवी और भाई राकेश कुमार सिंह के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। इस मामले में शांति देवी को बरी किया गया है। अपर लोक अभियोजक राम नारायण झा ने बताया कि आठ गवाहों की गवाही कोर्ट में करायी गई।

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पत्नी ने कोर्ट में दायर किया था परिवाद

अपर लोक अभियोजक राम नारायण झा ने बताया कि पारू फतेहाबाद निवासी मनोज कुमार सिंह का शव भगवानपुर रेलवे गुमटी के पास रेलवे लाइन किनारे 23 मार्च 2000 को मिला था। उस वक्त मनोज के परिजन ने उसकी पत्नी के खिलाफ केस दर्ज करायी थी। इसमें पत्नी सीमा व अन्य को आरोपित किया था। मौके से एक सुसाइड नोट्स भी मिला था।

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साहेबगंज थाना में दर्ज किया गया था केस

मनोज की पत्नी सीमा देवी ने संपति विवाद में उसकी हत्या कराने को लेकर कोर्ट में परिवाद दायर किया था। इसकी सुनवाई के बाद कोर्ट के आदेश पर साहेबगंज थाना में 4 जून 2000 को हत्या की धारा में केस दर्ज किया गया। पुलिस की जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मनोज की हत्या की बात सामने आयी। इसके बाद पुलिस ने जांच को आगे बढ़ाते हुए 24 अक्टूबर 2002 को मनोज के पिता रघुनाथ सिंह, भाई राकेश कुमार सिंह और मां शांति देवी के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी।

साहेबगंज के सरैया से बुलाकर ले गये थे

मनोज को सीमा के परिवाद में कहा गया था कि उसके पति का संपत्ति को लेकर अपने पिता और भाई से विवाद चल रहा था। इसे लेकर वह साहेबगंज के सरैया में रहती थी। 23 मार्च 2000 को उसके पिता और भाई कार से आये और बताया कि उसकी मां शांति देवी की तबीयत खराब है। इसके बाद उसने उनलोगों के साथ मनोज को भेजा था।

ननद से नहीं मिला था संतोषजनक जवाब

परिवाद में सीमा ने बताया कि वह अगले दिन पति को खोजते हुए गोबरसही स्थित डेरा पर गयी। लेकिन, वहां ताला बंद था। इसके बाद वह भगवानपुर फरदो के पास स्थित ननद के घर गयी। जहां संतोषजनक जवाब नहीं मिला। इस बीच वह शहर की ओर पति को तलाशते हुए आ रही थी कि उसे रेलवे लाइन किनारे एक शव होने की जानकारी मिली। जब वह मौके पर पहुंची तो उक्त शव उसके पति मनोज कुमार सिंह का था। फिर पुलिस आयी और शव को लेकर तफ्तीश जारी की।