मछुआरा आयोग दिखावे की राजनीति; मुकेश सहनी बोले- नीतीश सरकार को इतने सालों ने क्यों नहीं आई याद?
बिहार में मछुआरा आयोग के गठन को विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने दिखावे की राजनीति करार दिया। और कहा कि नीतीश सरकार को इतने सालों से याद क्यों नहीं आई।

बिहार चुनाव से चंद महीनों पहले नीतीश सरकार ने मछुआरा आयोग का गठन किया है। जिसको लेकर सन ऑफ मल्लाह और वीआईपी चीफ मुकेश सहनी ने एनडीए सरकार पर हमला बोला है। उन्होने राज्य में मछुआरा आयोग के गठन को महज दिखावा बताया। रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन्होने कहा कि बिहार में विधानसभा चुनाव के कुछ महीने पहले राज्य सरकार द्वारा मछुआरा आयोग का गठन सिर्फ दिखावे की राजनीति है। सहनी ने सवालिया लहजे में कहा कि इतने दिन से नीतीश कुमार की सरकार है, अब तक इन्हें इस आयोग के गठन की याद क्यों नहीं आई।
उन्होने कहा कि भाजपा और एनडीए को नसीहत देते हुए कहा कि अगर निषाद का वोट लेना है तो वह अन्य राज्यों की तरह यहां भी निषाद को आरक्षण देने का काम करे। इस बार बिना आरक्षण के कोई निषाद एनडीए की ओर जाने वाला नहीं है। एनडीए की वादाखिलाफी से निषाद समाज नाराज बैठा हुआ है, और उससे वादाखिलाफी को लेकर बदला लेने के मूड में है।
आपको बता दें राज्य सरकार ने हाल ही में महादलित आयोग, अनुसूचित जाति आयोग और मछुआरा आयोग का गठन कर दिया है। पूर्वी चंपारण के अजगरी चुड़िहरवा टोला के ललन कुमार को मछुआरा आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है। बक्सर के पुराना भोजपुर गांव के अजीत चौधरी आयोग के उपाध्यक्ष होंगे।
वहीं, समस्तीपुर चकसिकंदर के विद्या सागर सिंह निषाद, भागलपुर लहेड़ी टोला की रेणु सिंह और पटना सैदपुर के राजकुमार को सदस्य बनाया गया है। राज्य सरकार द्वारा शनिवार को जारी अधिसूचना के अनुसार सभी का कार्यकाल योगदान की तिथि से तीन साल का होगा।