डीएसएम कॉलेज की समस्या को लेकर मिला विधान पार्षद से अभाविप का प्रतिनिधिमंडल
झाझा, नगर संवाददाता डीएसएम कॉलेज झाझा की समस्याओं को लेकर अभाविप का प्रतिनिधिमंडल कोसी

झाझा, नगर संवाददाता डीएसएम कॉलेज झाझा की समस्याओं को लेकर अभाविप का प्रतिनिधिमंडल कोसी शिक्षा स्नातक क्षेत्र से विधान पार्षद से मंगलवार को भागलपुर जाकर मिला। कॉलेज की खाली पड़ी 14 एकड़ भूमि पर भवन निर्माण कार्य में हो रही देरी तथा इसमें सहयोग को लेकर ज्ञापन सौंपा गया। मालूम हो कि विगत वित्तीय वर्ष में देव सुंदरी मेमोरियल महाविद्यालय झाझा को पीएम उषा निधि से पांच करोड़ रुपए प्राप्त हुए थे तथा अब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जुझारू कार्यकर्ता सूरज बरनवाल एवं धीरज कुमार ने बिहार विधान परिषद सदस्य (कोशी स्नातक क्षेत्र) एन के यादव से उनके निजी आवास भागलपुर में मिल कर महाविद्यालय के विकास एवं छात्र - छात्राओं की शिक्षा के सभी साधनों को गति प्रदान करने हेतु आवेदन सौंपा। उन्होंने आवेदन में जिक्र किया है कि मुंगेर विश्वविद्यालय मुंगेर की झाझा नगर क्षेत्र एवं आसपास की कुल चार प्रखंडों एवं पांच थाना क्षेत्रों की आबादी के विद्यार्थियों के स्नातक स्तर की शिक्षा प्रदान करने वाला एक मात्र सरकारी डिग्री महाविद्यालय देव सुंदरी मेमोरियल महाविद्यालय झाझा को अपना 14 एकड़ भूमि उपलब्ध होने के बावजूद भवन निर्माण न होने पर खासी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। डिग्री महाविद्यालय के भवन की मानक के विपरीत यह महाविद्यालय एक छोटे से भवन में संचालित होता आ रहा है। छात्रहित को ध्यान में रखते हुए उन्होंने आग्रह किया कि अगर इस महाविद्यालय में बीकॉम, व्यावसायिक विषयों (वोकेशनल कोर्स), स्नातकोत्तर आदि की शिक्षा प्रारंभ होती है तो यहां के विद्यार्थियों को दर दर की ठोकरें नहीं खानी पड़ेगी।उन्होंने यह भी कहा कि महाविद्यालय की बेकार पड़ी 14 एकड़ भूमि पर सरकारी स्तर से भवन निर्माण का कार्य होता है तो बेकार पड़ी भूमि का उपयोग भी हो जाएगा तथा क्षेत्र के हजारों - हजार - छात्राओं को स्नातक/स्नातकोत्तर स्तर की शिक्षा/व्यावसायिक शिक्षा उपलब्ध हो सकेगी। ध्यानाकर्षण कराया है बीते वित्तीय वर्ष में भारत सरकार की ओर से पीएम उषा अर्थात प्रधानमंत्री उच्च शिक्षा अभियान
के अंतर्गत महाविद्यालय को पांच करोड़ रुपए वित्तीय वर्ष में प्राप्त हुए हैं परंतु एक भव्य और दिव्य सभी संसाधनों से युक्त डिग्री महाविद्यालय के भवन निर्माण के लिए यह राशि ना-काफी साबित हो रही है और तो और उस राशि से कार्य भी शुरू नहीं हो पाया है जबकि वित्तीय वर्ष समाप्त हो चुका है।
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