न्याय की गुहार लगाने नक्सलियों के शरण मे गये अरविंद खुद बन बैठा संगठन का शीर्ष
सोमवार को झारखंड के बोकारो जिले में ऑपरेशन 'डाकाबेडा' के दौरान सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में 25 लाख रुपये का इनामी नक्सली अरविंद यादव उर्फ अभिनाश दा मारा गया। वह नक्सली संगठन के जोनल कमांडर थे और कई...

सोनो, निज संवाददाता / रजनीकांत सोमवार को झारखंड प्रदेश के बोकारो जंगली क्षेत्र में ऑपरेशन 'डाकाबेडा' में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया थाना के भेलवा मोहनपुर गांव के यमुना यादव के पुत्र 25 लाख का इनामी व संगठन के जोनल कमांडर की कमान सम्भाल रहे हार्डकोर नक्सली अरविंद यादव उर्फ अभिनाश दा, दो दशक पूर्व गोतिया से जमीनी विवाद के बाद सरकारी व्यवस्था से न्याय नहीं मिलने के बाद न्याय की फिरयाद लिये नक्सली संगठन के शरण मे गया था और फिर उसी का होकर रह गया।2010 नक्सली प्रबक्ता अभिनाश दा के नाम से अरविंद यादव तब चर्चा में आया जब लखीसराय के कजरा जंगल मे मुठभेड़ के दौरान लखीसराय जिले के कवैया थाना के तकालीन एसएचओ झूलन यादव की हत्या व बीएमपी जवान लूकस टेटे को नक्सलियों द्वारा अगवा कर लिया गया था इस दौरान नक्सली प्रवक्ता के रूप में संगठन का सन्देश सरकार और प्रशासन तक पहुंचने की जिम्मेवारी अरविन्द यादव को दी गई थी,जिसका निर्वाहन उसके द्वारा बखुबी किया गया।स्नातक की योग्यता होने के साथ साथ उसके कुशल सांगठनिक क्षमता के कारण संगठन में इसका कद लगातार बढ़ता गया।बढ़ते कद और नेतृत्व क्षमता को देखते हुए संग़ठन द्वारा इसे बड़ी जिम्मेवारी दी गई । इसके नेतृत्व दर्जनों नक्सली घटनाओं का सफलता पूर्वक अंजाम दिया गया जिसमें बड़ी बड़ी नरसंहार भी शामिल रहा है। इसी के नेतृत्व में झारखंड प्रदेश के चिलखारी में नरसंहार का अंजाम दिया गया जिसमें झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के पुत्र अनूप मरांडी समेत 20 लोगों को मौत का घाट उतार दिया गया था।23 अगस्त 2009 को सोनो पुलिस के गस्ती दल पर हमला कर थाना में पदस्थापित एएसआई कमालुद्दीन समेत 5 सैफ जवानों की हत्या व आम्र्स की लूट की नक्सली घटना का नेतृत्व भी उसी ने किया था। 5 जनवरी 2005 को भीम बांध जंगल मे नक्सलियों द्वारा बिछाये गये बारूदी सुरंग विस्फोटक में मुंगेर के तत्कालीन पुलिस कप्तान 1997 बेच के आईपीएस ऑफिसर कैसी सुरेंद्र बाबू समेत उनके पाँच अंगरक्षकों की हत्या कर दी गई थी इस नक्सली घटना का मास्टर माइंड भी अरविन्द यादव को बतया गया था।वैसे तो उसका जमुई मुंगेर बांका व लखीसराय के अलावे झारखंड के गिरिडीह जिले में उसका सक्रियता रहा है लेकिन लखीसराय के कजरा क्षेत्र में उसका ज्यादा सक्रियता देखा गया था। हालांकि चरकापत्थर थाना में उसके खिलाफ पहली प्राथमिकी 22 सितंबर 2016 को दर्ज की गई थी जिसमें उसपर अपने ही रिश्तेदार की हत्या का आरोप लगा था। हलांकि चरकापत्थर में 9 वे सोनो थाना के चार नक्सली मामले में अरविंद यादव को आरोपित किया गया है। जिसमे सोनो चौक पर पुलिस गस्ती दल पर हमला कर 5 पुलिसकर्मियों की हत्या व बलथर पुल के निर्माण में लगे मजदूरों के अपहरण का मामला शामिल है। अरविंद यादव के खिलाफ चरकापत्थर थाना में पहला मामला 22 सितंबर 2016 में दर्ज की गई थी जिसमे थाना क्षेत्र में दुधनिया गांव में 21 सितंबर 2016 को अपने पिता यमुना यादव के मौसेरे भाई टुकन यादव के घर पर हमला कर उसके बिकलांग पुत्र हेमन यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना का अंजाम भी नक्सली अरविंद यादव ने जमीन कब्जाने के साजिश के तहत दिलवाया था।बताया गया कि अरविंद यादव के पिता यमुना यादव की माँ व अरविंद की दादी 4 बहने थी लेकिन कोई भाई नहीं था। यमुना यादव के नाना के पास 16 बीघा जमीन था जिसपर अरविंद यादव गीद्ध दृष्टि गड़ाये हुए था लेकिन यमुना यादव का मौसेरा भाई टुकन यादव के बेटा हेमन यादव इसमें रोड़ा बन रहा था । हेमन चाहता था कि सभी बहनों को बराबर हिस्सा हो और इस मामले को लेकर वह कोर्ट भी गया था। 16 बीघा जमीन पर गिद्ध दृष्टि जमाये अरविंद यादव को मौके की तलाश था, और उपयुक्त मौका 21 सितंबर 2016 को आया जब नक्सलियों द्वारा अपना स्थापना दिवस मनाया जा रहा था। स्थापना दिवस के आड़ में उसने अपने रिश्तेदार टुकन यादव के पूरे परिवार को मौत का घाट उतार देने की साजिश रच डाली जिसमे टुकन यादव का बिकलांग बेटा हेमन यादव को गोलियों से भून दिया गया जबकि परिवार के अन्य सदस्य संयोग से नक्सलियों के चंगुल से बच पाये।बतया गया है आर्थिक रीढ़ को ध्वस्त करने के तहत ईडी द्वारा की गई कार्यवाई व पुलिस प्रशासन द्वारा लगातार कसी जा रहे शिकंजे से परेशान होकर अपनी जान की हिफाजत के लिये झारखंड प्रदेश का रुख कर लिया था गाहे बेगाहे वह जंगली रास्ते से घर आता था फिर झारखंड के विभिन्न क्षेत्र में स्थान बदल बदल कर रहा था जहां सोमवार अहले सुबह सुरक्षबलों के साथ मुठभेड़ में 8 इनामी खूंखार व हार्डकोर नक्सली मारे गये जिसमे सोनो थाना क्षेत्र के भेलवा मोहनपुर गांव के हार्डकोर व ईमानी नक्सली अरविंद यादव उर्फ अभिनाश उर्फ अशोक यादव भी शामिल था।
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