‘बेटे को देश की सेवा,रक्षा के लिए भेजा है.....हमें चिंता किस बात की
कश्मीर में ड्यूटीरत सेना के हवलदार अमित कु. सिंह के माता-पिता ने अपने बेटे की देश सेवा पर गर्व व्यक्त किया। उन्होंने आतंकवादियों की कायरता की निंदा की और सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की। उनके...

‘बेटे को देश की सेवा,रक्षा के लिए भेजा है.....हमें चिंता किस बात की ‘बेटे को देश की सेवा,रक्षा के लिए भेजा है.....हमें चिंता किस बात की
सरकार तुरंत और कड़ी कार्रवाई करे,देश के सैनिक हर कुर्बानी के लिए तैयार हैं
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परिचय - कश्मीर में ड्यूटीरत सेना के हवलदार के माता-पिता
झाझा, निज संवाददाता/अरूण बोहरा
‘बेटे को देश की सेवा,रक्षा के लिए भेजा है.....हमें चिंता किस बात की। मंगलवार को जम्मू कश्मीर में हुई जघन्य घटना के मद्देनजर बेटे की सुरक्षा को लेकर क्या आप या परिवार भी कहीं कुछ चिंतित है,के सवाल पर उक्त जवाब था कश्मीर में ही पोस्टेड सेना के हवलदार अमित कु.सिंह के पिता प्रताप नारायण सिंह का। बुलंद हौसलों से भरे झाझा के बोड़वा निवासी श्री सिंह बड़े फख्र से कहते हैं कि उन्होंने अपने दोनों पुत्रों को देश की सेवा तथा देश की रक्षा के लिए ही सेना में भेज रखा है तो ऐसे में उन बेटों की सुरक्षा को ले उन्हें कोई चिंता भला क्यों होगी। हौसले बढ़ाता कुछ ऐसा ही जवाब पास बैठी सैनिक अमित की मां कल्याणी देवी का भी था। अपने बेटों की फिक्र की बात को सिरे से दरकिनार करते हुए इसके उलट उन्होंने चंद आतंकवादियों द्वारा की गई हैवानियत व कायरता भरी हरकत के विरूद्ध सरकार से तुरंत और ऐसी कड़ी कार्रवाई करने की अपील की जिसे देखकर फिर कभी कोई आतंकी या देश का दुश्मन देश या देशवासियों की तरफ आंख उठाने के पूर्व भी दस बार सोचे। कहा,हमारे जांबाज ऐसे दुश्मनों को सबक सिखाने में सक्षम व समर्थ होने के अलावा जरूरत की घड़ी में देश के लिए हर कुर्बानी देने भी हर पल तत्पर व तैयार रहते हैं। आतंकियों की उक्त कायराना घटना पर गुस्से से भरे उक्त सैनिक के पिता ने कहा कि देश ने उनकी ऐसी कई नापाक हरकतें बर्दाश्त कर ली हैं,किंतु अब पानी सिर से उपर आ गया है और ये बर्दाश्त की सीमा से बाहर हो गया है।
बुलंद हैं सैनिक के भी हौसले:
आतंकियों द्वारा निर्दोष पर्यटकों की ‘कोल्ड ब्लडेड हत्या वाली कायराना हरकत पर उधर झाझावासी जांबाज सैनिक अमित कु.सिंह के सिर पर भी मानों इंतकाम का खून सवार नजर आया। कहा,शहीद होने वाले लोग हमारे ही परिवार के सज्जन लोग थे। उन सज्जनों को बेवजह अपने प्राणों की आहूति देनी पड़ी,यह हैवानियत व कायरता की भी सारी सीमाएं पार कर देने वाली वारदात थी.....हमारे होते उनकी जान नहीं जानी चाहिए थी। कहा,उक्त कायराना हरकत से पूरे देश के साथ सेना व हर सैनिक भी गुस्से में है। जानकारीनुसार सेना की राष्ट्रीय रायफल्स टुकड़ी में तैनात अमित घटनास्थल से चंद किमी की दूरी पर ही पोस्टेड व ड्यूटीरत थे। बता दें कि अमित की उत्कृष्ट व सार्थक कर्त्तव्य परायणता एवं कार्य दक्षता को ले अभी बीते दिसंबर में सेना प्रशासन द्वारा उन्हें प्रशस्ति पत्र से सम्मानित भी किया गया था।
सेना के जरिए सरहद की रक्षा से लेकर एसएसपी के रूप में जिले की रक्षा तक में लगे हैं झाझावासी:
झाझा की कोख से देश व देशवासियों की रक्षा के लिए कई जांबाज निकले हैं। और.....ये जांबाज ऐसे हैं जो मुश्किलों वाली भौगौलिक परिस्थितियों एवं खतराजनित इलाकों में तैनात हो देश के लिए पूरी मुस्तैदी से अपना कर्त्तव्य धर्म निभा रहे हैं। बोड़वा के दो सहोदर भाइयों के अलावा झाझा के कई अन्य लाल भी सेना में सेवा के जरिए जहां देश की सरहदों की रक्षाा में लगे हैं। वहीं,झाझा नप के पिपराडीह निवासी एवं झारखंड के सेवानिवृत्त डीआईजी सुबोध प्रसाद की दो पुत्रियों में एक मनुश्री जहां सीआरपीएफ में कमांडेंट,तो तनुश्री नामक होनहार दूसरी आईपीएस बेटी जम्मू कश्मीर के ही शोपियां जिले में एसएसपी के पद पर आसीन हो कश्मीर के उक्त जिला व जिलावासियों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रही हैं।
शिव पार्वती की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर निकली कलश यात्रा
551 कलश यात्रियों ने लिया भाग
फोटो-06 : प्राण प्रतिष्ठा को लेकर शोभा कलश यात्रा में शामिल महिलाएं
फोटो - 09, परिचय - कलश यात्रा में शामिल महिलाएं और कुवांरी कन्या
खैरा, निज संवाददाता
जीत झिगोई पंचायत के निजुआरा काली मंदिर के प्रांगण में नवनिर्मित मंदिर में शिव पार्वती की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर बुधवार के दिन कलश शोभा यात्रा निकाली गई । निजु आरा गांव में पांच दिवसीय यज्ञ को लेकर गांव में काफी उत्साह का माहौल है । इसी को मद्देनजर गांव की 551 कुमारी कन्याएं एवं सुहागवती महिलाओं ने कलश शोभायात्रा में पूरे धार्मिक अनुष्ठान के साथ भाग लिया ।सभी कलश यात्री मंदिर प्रांगण से निजु आरा गाँव का नगर भमन करते हुए बर नार नदी के निजु आरा घाट पर पहुंची । जहां पंडितों द्वारा वेद मंत्रो च्चारण किया गया । उसके पश्चात महिलाओं ने अपने-अपने कलश में जल संग्रह किया । पंडितों ने शंख ध्वनि किया वेद मंत्रोच्चारण किया और कलश यात्री वहां से कलश लेकर प्रस्थान किया । इतनी दूरी के मार्ग में महिलाएं और कलश यात्री महादेव और पार्वती का गीत गाती हुई चल रही थी । जबकि सड़क के दोनों तरफ अन्य ग्रामीण पंक्तिबद्ध खड़ी थे । कोई मार्ग में जल छिड़क रहे थे तो यात्रियों के साथ चलने वाले ग्रामीण महादेव और पार्वती का जय घोष करते चल रहे थे । मंदिर प्रांगण में पहुंचने के बाद सभी कलश को पंक्तिबद्ध होकर रखा गया । इस यज्ञ के यज्ञा चार्ज रतीश कुमार झा एवं यजमान रतन कुमार सिंह एवं उनकी धर्मपत्नी हेना देवी शामिल थी । इस यज्ञ के डॉ रतीश कुमार झा ने उपस्थित लोगों से कहा कि गांव में कलश यात्रा निकालना और प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन करने से गांव में सुख समृद्धि आती है और लोगों का हर क्षेत्र में विकास होता है उन्होंने कहा कि प्रति संध्या रवि शंकर मिश्रा कथावाचक का प्रवचन एवं जागरण का भी होगा।
नक्सली प्रवक्ता अरविंद यादव का दाह संस्कार बंगाल में
अंतिम संस्कार के लाश नहीं लाया गया उसका पैतृक गांव भेलवा मोहनपुर
सोनो, निज संवाददाता
सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ के दौरान झारखंड के बोकारो में मारा गया नक्सली प्रवक्ता अरविंद उर्फ अविनाश उर्फ अशोक यादव का अंतिम संस्कार पश्चिम बंगाल में कर दिये जाने की सूचना है।बताया जाता है कि नक्सली से संग़ठन में रहकर अवैध रूप से कमाई कर पश्चिम बंगाल के आसनसोल शहर में ठिकाना बनाया है। उसके पैतृक घर भेलवा मोहनपुर में सन्नाटा पसरा है ,परिवार के सभी लोग घर छोड़कर पलायन कर चुके हैं। हालांकि मंगलवार से ही शव को उसके पैतृक भेलवा मोहनपुर गांव लाने की चर्चा थी। माता-पिता और कुछ परिजन शव लेने बोकारो भी गए, लेकिन शव गांव नहीं लाया गया।इधर गांव में सन्नाटा पसरा है। लोग अरविंद की मौत पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। उसका पैतृक घर बंद पड़ा है।बताया जाता है कि अरविंद ने दो दशक पूर्व में जमीन विवाद के बाद नक्सलवाद की राह पकड़ी। पिता को ननिहाल से मिली संपत्ति को लेकर हुए खूनी संघर्ष ने उसे संगठन की ओर धकेला। वह भाकपा (माओवादी) की स्पेशल एरिया कमेटी का सदस्य बना। बिहार-झारखंड सीमा पर सक्रिय रहा। जमुई, लखीसराय, बांका और बोकारो समेत बिहार-झारखंड सीमा पर वह 25 साल तक खौफ का नाम बना रहा।संगठन में उसे अशोक, नेता जी और प्रवक्ता के नाम से जाना जाता था। उस पर हत्या, देशद्रोह और यूएपीए जैसे गंभीर धाराओं में दर्जनों केस दर्ज थे। बिहार सरकार ने उस पर 3 लाख और झारखंड सरकार ने 25 लाख का इनाम रखा था। अवैध वसूली से उसने आसनसोल जैसे शहरों में संपत्ति बनाई। ईडी ने जांच भी की थी। महंगे कपड़े और ब्रांडेड घड़ियों का शौकीन था। अरविंद के माता-पिता भेलवा मोहनपुर में रहते थे। इधर घटना के बाद से गांव में उसका अर्धनिर्मित मकान बंद पड़ा है।
पहलगाम आतंकवादी हमले की निंदा, बच्चों ने दी श्रद्धांजलि
फोटो-07 : पहलगाम हमले में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि देने हेतु दो मिनट का मौन
झाझा, नगर संवाददाता
पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले को लेकर झाझा पब्लिक स्कूल में गहरा शोक व्यक्त किया गया। इस अवसर पर स्कूल के निदेशक डॉ. सुरेंद्र निराला ने बताया कि आतंक फैलाने वाला ही नहीं, उसका समर्थन करने वाला भी उतना ही दोषी है। आतंकवाद के खिलाफ सिर्फ लड़ाई नहीं, सोच की भी ज़रूरत है। चुप्पी भी एक प्रकार का समर्थन हो सकती है - जागो, बोलो, विरोध करो। स्कूल तथा सभी शिक्षक गणों ने हमले की कड़ी निंदा की और बच्चों के बीच आतंकवाद के विषय पर विचार-विमर्श किया। कार्यक्रम के दौरान छात्रों को बताया गया कि आतंकवाद मानवता के लिए कितना बड़ा खतरा है और इससे समाज को किस प्रकार की हानि पहुँचती है। बच्चों ने भी अपने विचार साझा किए और शांति व सद्भाव की आवश्यकता पर बल दिया। कार्यक्रम के अंत में हमले में जान गंवाने वाले आम नागरिकों को श्रद्धांजलि देने हेतु दो मिनट का मौन रखा गया।
प्रखंड में मनरेगा का गजब हाल
बिना काम किये हो रहा अवैध निकासी
सुगठिया एवं बभनी तालाब में महीनों से नहीं हुआ किसी प्रकार का कोई कार्य
फिर भी विभागीय साइट पर चढ़ा दी गई मजदूरों की तस्वीर
फोटो- 08 : मनरेगा पोर्टल पर अपलोड की गई महिलाओं की तस्वीर सौजन्य मनरेगा पोर्टल
गिद्धौर, निज संवाददाता
सरकार महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के तहत विकास की इबारत लिखने की हर संभव कवायद की बात करती रहती है तो इससे इतर मनरेगा प्रायोजित योजनाओं में विभागीय कार्य के नाम पर राशि के बंदरबांट का अद्भुत नजारा देखकर आप विकास कार्यों का अंदाजा खुद लगा सकते हैं। जिसका जीता जागता उदाहरण प्रखंड के पतसंडा पंचायत अंतर्गत सुगठिया पोखर एवं बभनी तालाब में बिना कार्य किये ही मजदूरों का मनरेगा पोर्टल पर फोटो अपलोड कर सरकारी राशि के गबन की मंशा से योजनाओं के ्त्रिरयान्वयन को देखकर आप इसका अंदाजा लगा सकते हैं। क्षेत्र के ग्रामीणों ने बताया कि मनरेगा पोर्टल पर पतसंडा पंचायत पीआरएस द्वारा 23 अप्रैल को सुगठिया पोखर एवं बभनी तालाब में महिलाओं और बच्चों को खड़ा कर उनकी फोटो अपलोड कर हाजरी बना दी गई है। जबकि पिछले छह महीने से लेकर आज तक उक्त पोखर एवं तलाब में तिनका तक को नहीं हटाया गया है या फिर यह कहे कि इस गड़बड़ झाले में पदाधिकारी से लेकर पंचायत के जनप्रतिनिधि व रोजगार सेवक की मिली भगत से ही पतसंडा पंचायत में बिना कुदाल चलाए ही मजदूरों को काम दिया जा रहा है। और लाखों रूपये की राशि का वारा न्यारा किया जा रहा है। बताते चलें कि पतसंडा पंचायत के सुगठिया पोखर एवं बभनी तालाब में बीते वर्ष मनरेगा विभाग द्वारा आठ आठ लाख रूपये खर्च कर जीर्णोद्धार का कार्य करवाया गया था। जीर्णोद्धार कार्य में पीआरएस और उनके चहेते बिचौलियों द्वारा आपसी सांठ गांठ कर गुपचुप तरीके से महिलाओं और बच्चों को खड़ा कर उनकी फोटो विभागीय पोर्टल पर अपलोड कर बाकी बचे लाखों रूपय का वारा न्यारा किया जा रहा है। ग्रामीणों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि जब मनरेगा के विभागीय पोर्टल पर उक्त योजना की पड़ताल की गई तो योजना संख्या 0550004003/डब्लूसी/206 27304 मास्टर रोल नंबर 138 योजना का नाम सुगठिया पोखर का जीर्णोद्धार एवं 0550004003/डब्लूसी/20627305 बभनी तालाब का जीर्णोद्धार मास्टर रोल नंबर 133 अंकित था। जिसमें सिर्फ महिलाओं और बच्चों को खड़ा कर सरकारी राशि के बंदरबांट किए जाने की नियत से पतसंडा के पीआरएस और उनके चहेते बिचौलियों द्वारा अब यह कारनामा किया जा रहा है। बतातें चले कि सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि किसी भी योजना को शुरू करने से पूर्व कार्य स्थल पर सूचना बोर्ड लगाना। बोर्ड में योजना का नाम, योजना की प्राक्कलित राशि, संवेदक का नाम आदि का जिक्र अनिवार्य रूप से होना चाहिए। जबकि पतसंडा पंचायत भर में इन दिनों मनरेगा विभाग से लगभग 25 से अधिक योजनाएं संचालित है। जिसमे सरकारी राशि के गबन का खेल बदस्तूर जारी है।
आप एक लिखित आवेदन दे दीजिये। तब उक्त योजना का जांच पड़ताल कर लिया जाएगा।
रामकुमार सिंह, पीओ गिद्धौर
55 वर्षीय व्यक्ति लापता
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परिचय - लापता अनिल कुमार झा की फाईल फोटों
गिद्धौर, निज संवाददाता
थाना क्षेत्र के मौरा गांव में रिश्तेदार के घर आने के दौरान 55 वर्षीय व्यक्ति लापता हो गया। लापता व्यक्ति की पहचान झारखंड के जामताड़ा जिले के मिहिजाम मल्लिकपाड़ा निवासी अनिल कुमार झा के रूप में हुई है। इस बाबत मौरा गांव निवासी गोपाल कुमार झा ने बताया कि अनिल कुमार झा 18 अप्रैल 2025 को चितरंजन रेलवे स्टेशन से गिद्धौर के मौरा के लिए निकले थे। लेकिन रात तक घर नहीं पहुंचे। परिजनों ने आसपास के इलाकों में काफी खोजबीन की। लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। जामताड़ा के स्थानीय लोग भी सोशल मीडिया के जरिए उनकी तलाश कर रहे हैं। बताया गया कि अनिल कुमार झा मानसिक रूप से कमजोर हैं।
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