Construction Delay of Bridge Affects Road Accessibility in Chautham सड़क तो बनी पक्की, लेकिन पुलिया का निर्माण नहीं, Khagaria Hindi News - Hindustan
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सड़क तो बनी पक्की, लेकिन पुलिया का निर्माण नहीं

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Newswrap हिन्दुस्तान, खगडि़याMon, 7 April 2025 04:55 AM
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सड़क तो बनी पक्की, लेकिन पुलिया का निर्माण नहीं

चौथम। एक प्रतिनिधि जिले के चौथम प्रखंड अंतर्गत करुआमोड़ से आदाबारी जाने वाली सड़क का निर्माण तीन साल पूर्व ही किया गया। बीच में एक पुलिया का निर्माण किया जाना था। लेकिन पुलिया का निर्माण नहीं किया गया। जिस कारण यह सड़क की अहमियत नहीं के बराबर है। कारण कि इस सड़क के रास्ते कोई चार चक्के वाहन से लेकर कोई छोटी वाहन भी नहीं गुजर सकती है। कारण कि पुलिया वाले स्थल के निकट सड़क काफी खतरनाक स्थिति में है। वहां से साइकिल सवार और बाइक सवार को गुजरने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। टूटे हुए सड़क के निकट अक्सर बाइक सवार गिरकर घायल हो रहे हैं। ऐसे में सवाल उठाया जाना लाजिमी सी बात है। लोग इसको लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर सवाल उठाते दिख रहे हैं। बताया जाता है कि पूर्व में ग्रामीण कार्य विभाग प्रमंडल गोगरी के देखरेख में करूआमोड़ बायपास लिंक के निकट से आदाबारी तक कालीकरण सड़क का निर्माण किया गया। लेकिन पुलिया वाले जगह के निकट सड़क को अधूरा छोड़ दिया गया। तब ग्रामीण कार्य विभाग के इंजीनियरों द्वारा कहा गया था कि जल्द ही पुलिया का निर्माण किया जाएगा। लेकिन वर्षों गुजर गए। अबतक पुलिया निर्माण को लेकर कार्य शुरू नहीं किया गया। हालांकि ग्रामीण कार्य विभाग के सहायक अभियंता कहते हैं कि यहां उच्च स्तरीय पुल का निर्माण किया जाएगा। जिसके लिए प्रशासनिक स्वीकृति के लिए विभाग के पास प्रस्ताव भेजा गया है। प्रस्ताव पारित होने के बाद कार्य को लेकर टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। अब देखने वाली बात होगी आखिर पुलिया की स्वीकृति कब तक मिलती है और कब तक कार्य शुरू किया जा सकेगा।

पुलिया नहीं रहने से करनी पड़ती है तीन किलोमीटर की अधिक यात्रा: करुआमोड़ से आदाबारी जाने वाली सड़क में पुलिया नहीं रहने से नीरपुर पंचायत के हजारों लोगों को प्रखंड मुख्यालय आने जाने के लिए तीन से चार किलोमीटर की अधिक यात्रा करनी पड़ती है। अगर पुलिया रहता तो नीरपुर पंचायत के लोग सीधे करुआमोड़ पहुंच सकते थे। पुलिया नहीं रहने के कारण पिपरा के रास्ते घुमकर प्रखंड मुख्यालय जाना मजबूरी बनी हुई है।

पुलिया बन जाने से आवागमन में मिलेगी सुविधा:

करुआमोड़ से आदाबारी जाने वाली सड़क में पुलिया बन जाने से जहां आवागमन में लोगों को सुविधा मिलेगी। साथ ही किसानों को भी काफी फायदा मिलेगा। दरअसल में इस रास्ते में सैकड़ों किसानों का खेत है। पुलिया बन जाने से किसानों को तैयार फसल लाने में काफी सहूलियत होगी। वहीं नीरपुर पंचायत के लोगों को आवागमन में सुविधा मिलेगी। प्रखंड मुख्यालय आने जाने में समय भी कम मिलेगा। जबकि दूरी भी घर जाएगी।

बोले लोग :

1. पुलिया नहीं रहने के कारण यह सड़क का कोई औचित्य नहीं है। सड़क में पुल का निर्माण हो। इसके लिए जिलास्तरीय बैठक में प्रखंड प्रमुख शोभा देवी द्वारा कई बार मामला उठाया गया है।

चंदन सिंह, प्रखंड प्रमुख प्रतिनिधि,चौथम

2. सड़क में पुलिया नहीं रहने से आमलोगों को आवागमन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों का कोई ध्यान नहीं है। उन्हें इस तरह के समस्याओं से कोई फर्क नहीं पड़ता है।

नितिन पटेल, सामाजिक कार्यकर्ता

3. सड़क में पुल नहीं रहने से इस सड़क की कोई अहमियत नहीं है। नीरपुर पंचायत के लोगों को प्रखंड मुख्यालय जाने में अतिरिक्त यात्रा करनी पड़ती है। पुल बन जाने से आवागमन में सुविधा मिलेगी।

रामप्रीत कुमार, पंचायत समिति सदस्य, नीरपुर।

4. जिस वक्त सड़क का निर्माण किया गया था। उस वक्त ही पुल का निर्माण किया जाना चाहिए था। अब सड़क भी जगह जगह टूट गई है। लेकिन पुलिया का निर्माण नहीं किया गया। जिस कारण परेशानी हो रही है।

अशोक यादव, सामाजिक कार्यकर्ता, आदाबारी।

5. सड़क तो बना दिया गया। लेकिन यहां के जनप्रतिनिधि को लोगों की समस्याओं से कोई मतलब नहीं है। तभी तो पुलिया निर्माण में कोई दिलचस्पी नहीं लिया जा रहा है।

सिकंदर सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता।

6. करुआमोड़ से आदाबारी जाने वाली सड़क में पुलिया नहीं रहने से किसानों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। तैयार फसल को लाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यहां के स्थानीय जनप्रतिनिधि की लापरवाही या उदासीनता की शिकार हो गई है।

विवेक गुप्ता, सामाजिक कार्यकर्ता।

बोले अधिकारी:

जिस वक्त सड़क का निर्माण किया गया था। उस वक्त पुल के लिए स्टीमेट नहीं बना था। अब यहां उच्चस्तरीय पुल का निर्माण किया जाना है। जिसका डीपीआर तैयार कर प्रशासनिक स्वीकृति के लिए विभाग के पास भेजा गया है। स्वीकृति मिलने पर टेंडर की प्रकिया अपनाई जाएगी।

संदीप कुमार, सहायक अभियंता, ग्रामीण कार्य विभाग।

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