मड़ैया बाजार में सामुदायिक शौचालय नहीं महिलाओं को होती परेशानी
3. बोले खगड़िया:मड़ैया बाजार में सामुदायिक शौचालय नहीं महिलाओं को होती परेशानीमड़ैया बाजार में सामुदायिक शौचालय नहीं महिलाओं को होती परेशानी

मड़ैया बाजार में सामुदायिक शौचालय नहीं महिलाओं को होती परेशानी 3. बोले खगड़िया:
मड़ैया बाजार में सामुदायिक शौचालय नहीं महिलाओं को होती परेशानी
दर्जन से अधिक गांव से प्रतिदिन जरूरी काम निपटाने आते सैकड़ों लोग
महिलाओं की इस समस्या से अधिकारी व जनप्रतिनिधि हैँ अंजान
परबत्ता, एक प्रतिनिधि
प्रखंड के मड़ैया बाजार में सामुदायिक शौचालय नहीं रहने से ख़ासकर महिलाओं को काफ़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधि व अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं। जबकि इस बाजार में ग्रामीण क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक गांव से प्रतिदिन जरुरी काम निपटाने के लिए सैकड़ो की संख्या में महिलाएं आया करतीं हैं। पुरुष तो किसी तरह अपनी समस्या का निदान कर लेते है, लेकिन ख़ासकर महिलाओ को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रखंड के एक दर्जन से अधिक गॉंवों के बीच मड़ैया बाजार संचालित है, लेकिन बाजार आने जाने वाले लोगो के लिए एक भी सामुदायिक शौचालय उपलब्ध नहीं है। इस बाजार में दूर दराज के ग्रामीण क्षेत्रों कबेला, डुमरिया खुर्द, बलहा, राजपूत टोला नयागांव, अररिया, बैसा, बिठला, डुमरकोठी, इस्लामपुर सहित तक़रीवन एक लाख की आवादी के बीच यह बाजार संचालित है। देखने वाली बात तो यह है कि पंचयात व जिला परिषद चुनाव के दौरान कई बार महिलाओ को पिपरालतीफ व देवरी पंचायतों के प्रतिनिधित्व करने का गौरव प्राप्त हुआ। वर्तमान में अभी है भी लेकिन इसके बावजूद भी महिलाओं की इस बहुत बड़ी आवश्यक समस्याओं की ओर किसी का ध्यान अभी तक नही पहंुच सकी है। चुनाव के समय लंबे लंबे वादे कर भोली-भाली आम जनता का मतदान प्राप्त कर लेते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद महिला जनप्रतिनिधि चौखट से बाहर नही निकलते हैं। जब जीतने के बाद अपने दहलीज से बाहर नहीं निकलते हैं तो उन्हें क्या पता कि आमलोगं व बाजार जाने वाली महिलाओं को क्या परेशानी होती है? प्राप्त जानकारी अनुसार इस प्रखंड तकरीवन ढाई लाख की आबादी का प्रमुख बाजारो में परबत्ता के बाद दूसरा बाजार मड़ैया ही है। प्रतिदिन इस बाजार में जरूरी कार्य के लिए दूर दाराज के ग्रामीण क्षेत्र से मड़ैया बाजार आया करते हैं, लेकिन इस बाजार में व्यवस्था के नाम पर बतौर शौचालय तक उपलब्ध नहीं है।
क्या है मामला : सरकार लोहिया स्वच्छता कार्यक्रम के दौरान इसे धरातल पर उतारने के लिए प्रति पानी की तरह पैसा बहा रही है, लेकिन मड़ैया बाजार में सड़क के किनारे ना तो एक भी डस्टबिन लगाया गया है और ना ही बजारों में एक भी सामुदायिक शौचालय का ही निर्माण किया गया है।
क्या कहते हैं सामाजिक कार्यकर्ता : सामाजिक कार्यकर्ता रंजीत सिंह आदि ने बताया कि मड़ैया बाजार के ईद गिर्द पिपरालतीफ व देवरी पंचायत के प्रतिनिधित्व करने की जिम्मेदारी महिलाओं को मिली। इसके बावजूद किसी जनप्रतिनिधियों ने मड़ैया बाजार में जरूरी कार्य से प्रतिदिन बाजार करने आई महिलाओं की जरूरी समस्या पर ध्यान नहीं रखी जा सकी है।
बोले प्रमुख :
महिलाओं की समस्याओ को ध्यान में रखते हुए शौचालय का निर्माण कराने के लिए जल्द पहल की जाएगी।
रीता कुमारी, प्रखंड प्रमुख, परबत्ता।
फोटो :
कैप्शन: परबत्ता के मड़ैया बाजार में जरूरी कार्य से आए लोगों की भीड़।
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