Lack of High Schools for Girls in Alauli A Government Failure Amidst Beti Bachao Beti Padhao 3. परबत्ता: रोड मैप के इंतजार में बेकार पड़ा है अपशिष्ट प्रबंधन केन्द्र, Khagaria Hindi News - Hindustan
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3. परबत्ता: रोड मैप के इंतजार में बेकार पड़ा है अपशिष्ट प्रबंधन केन्द्र

2. अलौली प्रखंड में लड़कियों के लिए नहंी है हाईस्कूल, परेशानी2. अलौली प्रखंड में लड़कियों के लिए नहंी है हाईस्कूल, परेशानी2. अलौली प्रखंड में लड़कियों के

Newswrap हिन्दुस्तान, खगडि़याTue, 15 April 2025 04:14 AM
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3. परबत्ता: रोड मैप के इंतजार में बेकार पड़ा है अपशिष्ट प्रबंधन केन्द्र

अलौली। एक प्रतिनिधि जिले के अलौली प्रखंड में छात्राओं के लिए एक भी हाईस्कूल नहंी है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा लगाने वाली सरकार भले ही लाख बात करती हो परन्तु अलौली प्रखंड में अब तक एक भी कन्या हाईस्कूल की स्थापना नहीं होने से परेशानी हो रही है। उल्लेखनी है कि 80 के दशक में प्रोजेक्ट कन्या हाईस्कूल शुरू किया गया जो राज्य संतोषित हाईस्कूल द्वारा ही संचालित किया जाता रहा। दस साल अच्छी तरह से हाईस्कूल की व्यवस्था में चला। जब से बालिका को साईिकल का लाभ दिया जाने लगा। उस समय जिला शिक्षा विभाग ने प्रोजेक्ट स्कूल की छात्रा को साइकिल लाभ से वंचित रखा। जिस कारण बालिका प्रोजेक्ट स्कूल से अपने को अलग कर राज्य संपोषित हाई स्कूल के माध्यम से शिक्षा प्राप्त करने लगी। विभाग ने स्पष्ट बताया कि प्रोजेक्ट स्कूल की स्वीकृति नही मिलने से छात्रा लाभ से वंचित रही।

क्या है मामला : लगभग 1985 में प्रोजेक्ट कन्या हाईस्कूल का निर्देश प्राप्त हुआ था। अलग व्यवस्थ को लेकर भवन निर्माण की राशि भी उपलब्ध हुई। 1987 बाढ़ के बाद भवन का निर्माण भी विभाग द्वारा कराया गया। इस दो मंजिला भवन मे छात्रा को पढ़ाने की व्यवस्था भी शुरु हुई। लगभग हजार से अधिक छात्रा प्रतिवर्ष प्रोजेक्ट स्कूल के शिक्षक ही प्रोजेक्ट स्कूल में पढ़ाई करते रहे। परन्तु विभाग ने प्रोजेक्ट स्कूल के लिए एक भी शिक्षक नहीं दे पाया। जानकारी के अनुसार सूबे में गिने चुने स्थान पर प्रोजेक्ट स्कूल को स्थापित किया जाना था। जिसे गलत मंशा एवं स्थानीय विधायक की ईच्छा शक्ति के अभाव मे अलौली के प्रोजेक्ट स्कूल को हटा कर मोतिहारी जिला मे स्थापित करने की बात सुनी जाती रही। इसमे सच्चई क्या है यह तो विभाग के वरीय पदाधिकारी ही स्पष्ट कर पायेगें। परन्तु अब तक विभाग के वरीय पदाधिकारी उक्त बात को बवाये रखा। जो अब तक भी नहीं खोलने से खुल पा रहा है। बहरहाल सच्चाई जो भी परन्तु 10 से 15 साल प्रोजेक्ट स्कूल चलने के बाद पूरी से बंद हो गया।

फिलहाल भवन का कोई उपयोग नहीं: स्कूल व्यवस्था बंद होने के बाद 2002, 2004, 2007 के भीषण बाढ़ मे यह भवन ऊंचा रहने के कारण भवन का उपयोग थाना एवं प्रखंड के कार्यालय के रुप मे उपयोग किया गया। कुछ दिनों तक पुलिस के आवास व्यवस्था मे भी रहा। भवन का कोई उपयोग नही देख ग्रामीण जैसे तैसे उपयोग मे लेते रहा। फिर तो स्थानीय ग्रामीण ईट, खिड़की भी ढ़ोने लगा। अब भवन पूरा जर्जर हो गया किसी भी समय वह ध्वस्त हो सकता है।

बोले एचएम:

लगभग दस साल तक छात्रा मैट्रिक की परीक्षा प्रोजेक्ट स्कूल के माध्यम से देती रही। जिसका मूल प्रमाण पत्र आज भी यहां से उपलब्ध कराया जाता है। साइकिल योजना शुरू होने से ही यह स्पष्ट हुआ कि प्रोजेक्ट स्कूल को यह सुविधा नहीं है तब से सभी व्यवस्था बंद है।

मिथिलेश कुमार, एचएम सह संचालक, प्लस टू हाईस्कूल, अलौली।

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