शरीर के लिए भोजन व जीवन के लिए सत्संग जरूरी : रामलखन पथिक
बेलदौर के कुम्हरैली गांव में तीन दिवसीय कबीर मत सत्संग का आयोजन किया गया। संत सम्राट रामलखन पथिक ने बताया कि सत्संग जीवन के लिए आवश्यक है, यह मन को निर्मल बनाता है और व्यक्ति को सही मार्ग पर चलने के...

बेलदौर।₹ एक संवाददाता बोबिल पंचायत के कुम्हरैली गांव में तीन दिवसीय कबीर मत सत्संग के दूसरे दिन शनिवार को संत सम्राट रामलखन पथिक साहेब ने अनुयाइयों को संबोधित करते हुए सत्संग के मह्त्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि जिस प्रकार शरीर के लिए भोजन जरूरी है ठीक उसी प्रकार जीवन के लिए सत्संग आवश्यक है। सत्संग जीवन को निर्मल व पवित्र बनाता है। सत्संग के संंगत से मानव को गलत के जगह सही रास्ता पर चलने के लिए प्रेरित होता है। काम, क्रोध, लोभ, मोह, वासना जैसे मन में आए दुराचार पर सत्संग के माध्यम से काबू पाने में सफल रहने की बात बताई।
नित्य प्रतिदिन सुबह शाम सत्संग कर जीवन को भवसागर रुपी संसार से मुक्ति मिलने का एकमात्र रास्ता बताते हुए कहा कि सच्चे सद्गुरु से दीक्षा लेनी चाहिए। बगैर गुरु ज्ञान न होय कहते हुए सच्चे गुरु के शरण में जाकर जीवन को सफल बनाने की बात कही। सत्संग समाप्ति के बाद कबीर लीला का मंचन कर संत सम्राट कबीर के जन्म के साथ संपूर्ण जीवनी को नाट्य रूपांतरण के माध्यम से दिखाई गई। सत्संग में दूर-दूर से आए श्रद्धालु के लिए सत्संग स्थल के समीप भंडारा का आयोजन किया गया। जिसमें श्रद्धालु को भोजन करवाया जा रहा है। इस मौके पर लालू साहेब, दीपक साहेब, बिन्देश्वरी साह, मांगन दास, कोकाय दास के साथ अन्य श्रद्धालु व ग्रामीण उपस्थित थे।
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