ई-संजीवनी में लापरवाही पर पांच डॉक्टरों व पांच सीएचओ का रोका गया वेतन
एईएस-जेई को लेकर विशेष सतर्कता बरतने का निर्देश, गांव गांव में स्वास्थ्य सुविधाओं का किया जाएगा प्रचार ई-संजीवनी में लापरवाही पर पांच व पांच सीएचओ काई

किशनगंज, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। डीएम कार्यालय में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक शुक्रवार को आयोजित की गयी। जिसमें एइएस व जेइ जैसी गंभीर बीमारियों से निबटने की आवश्यक तैयारी करने को कहा गया। इस दौरान डीएम विशाल राज ने स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी योजनाओं सहित अन्य बिंदुओं पर समीक्षा की। उन्होंने कहा कि एइएस व जेइ जैसे बीमारी को लेकर लोगों को जागरूक करना समय की सबसे बड़ी मांग है। बैठक में डीएम ने कहा कि जानलेवा बीमारियों की रोकथाम समय पर पहचान, इलाज और जानकारी से ही संभव है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग, कउऊर और शिक्षा विभाग को संयुक्त रूप से अभियान चलाकर जन-जागरूकता फैलाने का निर्देश दिया गया है।लोग अगर समय पर लक्षण पहचानकर अस्पताल पहुंचे तो बीमारी को गंभीर होने से रोका जा सकता है। बैठक में कहा गया कि हर व्यक्ति को यह पता होना चाहिए कि उनके नजदीकी अस्पताल में किन-किन सुविधाओं की उपलब्धता है। इसके लिए स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि गांव-गांव जाकर लोगों को बताएं कि बुखार, बीपी, शुगर, खून की जांच जैसी जरूरी सेवाएं सुबह 9 से दोपहर 2 बजे तक उपलब्ध हैं। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, उपकेंद्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को सक्रिय करते हुए, वहां की सेवाओं की जानकारी पंपलेट, माइकिंग और स्थानीय संवाद के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाई जाएगी।
चिकित्सकों की उपस्थिति और कार्य निष्पादन पर सख्त निगरानी:
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि सरकारी अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टरों द्वारा ओपीडी में पर्याप्त मरीजों का इलाज सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि यदि कोई चिकित्सक मरीजों की जांच एवं उपचार में लापरवाही करते हैं तो उस पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी। सिविल सर्जन को निर्देशित किया गया कि एक टीम बनाकर सभी अस्पतालों का औचक निरीक्षण करें और चिकित्सकों की उपस्थिति तथा प्रदर्शन पर रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
ई-संजीवनी में लापरवाही पर पांच डॉक्टरों व पांच सीएचओ का वेतन रोका गया :
ऑनलाइन परामर्श सेवा ‘ई-संजीवनी में खराब प्रदर्शन के कारण जिले के 5 चिकित्सकों और 5 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों का वेतन जिलाधिकारी द्वारा रोका गया। उन्होंने कहा कि डिजिटल प्लेटफॉर्म से स्वास्थ्य सुविधा एक बड़ा बदलाव है, इसे हल्के में लेना घातक हो सकता है। सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को भव्या कार्यक्रम के सभी विषयों पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया गया है। समीक्षा के क्रम में डीएम ने कुपोषित बच्चों को समय पर न्यूट्रिशनल रिहैबिलिटेशन सेंटर में भेजने का निर्देश दिया। स्क्रीनिंग अभियान (गैर-संचारी रोग जैसे डायबिटीज, हाई बीपी, कैंसर) को लक्ष्य आधारित तरीके से संचालित करने की बात दोहराई गई। बैठक में सिविल सर्जन डॉ. मंजर आलम, गैर संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. उर्मिला कुमारी, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. देवेंद्र कुमार, सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ अनवर हुसैन, डीपीएम डॉ. मुनाजिम, डीपीसी डॉ. सुधांशु शेखर, सभी प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी आदि मौजूद रहे।
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