204 एएनएम ने दिया है योगदान, ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा में आएगी सुधार
204 एएनएम ने दिया है योगदान, ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा में आएगी सुधार 204 एएनएम ने दिया है योगदान, ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा में आएगी सुधार

किशनगंज, एक प्रतिनिधि। जिले के ग्रामीण क्षेत्र की चिकित्सा व्यवस्थाएं अब और मजबूत होगी। जिले को 219 नवनियुक्त नियमित एएनएम मिली है। नवनियुक्त 219 एएनएम में शनिवार तक 204 एएनएम अपने अपने आवंटित ग्रामीण स्वास्थ्य संस्थान के लिए संबंधित पीएचसी-सीएचसी में योगदान दे चुकी है। सिविल सर्जन डॉ. राजकुमार चौधरी ने बताया कि राज्य में नवनियुक्त एएनएम में जिले को 219 एएनएम मिली है। इन 219 एएनएम में 204 ने योगदान दिया है। वहीं 4 एएनएम का शिक्षक में चयन होने की जानकारी मिल रही है। शेष 11 एएनएम का योगदान मंगलवार को होने की उम्मीद है। बताते चलें कि काफी समय से जिले में एएनएम का पद रिक्त था।
अब 219 एएनएम का पदस्थापना होने से एएनएम की कमी बहुत हद तक पूरी हो जाएगी। नवनियुक्त एएनएम का पदस्थापना ग्रामीण क्षेत्र में हुआ है। इतनी बड़ी संख्या में एएनएम की स्थापना से ग्रामीण स्वास्थ्य में बहुत ज्यादा सुधार होगा तथा ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण कार्य अब लगातार हो सकेगा। गौरतलब हो कि जिले में ग्रामीण एएनएम की कमी की वजह से सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के एचडब्ल्यूसी एवं एचएससी में प्रत्येक दिन स्वास्थ्य सेवा एवं टीकाकरण नहीं हो रहा था, क्योंकि एएनएम सप्ताह में दो-तीन दिन स्वास्थ्य संस्थान से बाहर गांव-गांव जाकर टीकाकरण कर रही थी। जिस वजह से पीएचसी में एएनएम नहीं मिल रही थी। अब जिले में बड़ी संख्या में एएनएम का पद स्थापना हुआ है। अब जिले के सुदूर ग्रामीण स्वास्थ्य से सप्ताह में पूरे 6 दिन खुली मिलेगी। जिससे ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा होगी और मजबूत : डीपीएम डॉ. मुनाजिम ने कहा कि जिले में पूर्व से 290 ग्रामीण एएनएम पदस्थापना है। जिसमे से 186 एएनएम एचडब्ल्यूसी में 93 एएनएम एचएससी में तथा 11 एएनएम एपीएचसी में पदस्थापित है। गौरतलब हो कि ग्रामीण क्षेत्र में पदस्थापित 290 एएनएम स्वास्थ्य संस्थान में ओपीडी में योगदान देने के अलावा सप्ताह में दो से तीन दिन गांव गांव जाकर टीकाकरण कर रही है। अब ग्रामीण क्षेत्र में नवपदस्थापित एएनएम द्वारा लगातार नियमित टीकाकरण एवं स्वास्थ्य संस्थान में नियमित ड्यूटी कर सकेगी जिससे ग्रामीणों को स्थानीय अस्पताल में स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य लाभ मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में एएनएम की संख्या बढ़ने से ग्रामीण क्षेत्र में संस्थागत प्रसव बढ़ेगी इसके अलावा राष्ट्रीय टीबी नियंत्रण कार्यक्रम व मौसमी बीमारी की रोकथाम में मजबूती मिलेगी तथा नियमित टीकाकरण भी नियमित हो सकेगा।
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