Corruption in Education Department Fake Withdrawals Attempted in Bihar Schools फर्जी हस्ताक्षर, 24 करोड़ का भुगतान रुका, Lakhisarai Hindi News - Hindustan
Hindi NewsBihar NewsLakhisarai NewsCorruption in Education Department Fake Withdrawals Attempted in Bihar Schools

फर्जी हस्ताक्षर, 24 करोड़ का भुगतान रुका

लखीसराय में शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार की एक अजीब कहानी सामने आई है। फर्जी हस्ताक्षरों के जरिए राशि निकासी का प्रयास किया गया, जबकि संबंधित विद्यालय अस्तित्व में नहीं हैं। पूर्व प्रधानाध्यापक की...

Newswrap हिन्दुस्तान, लखीसरायWed, 9 April 2025 01:27 AM
share Share
Follow Us on
फर्जी हस्ताक्षर, 24 करोड़ का भुगतान रुका

लखीसराय, हिन्दुस्तान संवाददाता। शक्षिा विभाग में भ्रष्टाचार की अजब गजब कहानी लिखी गई है। अस्तत्विहीन वद्यिालयों में फर्जी तरीके से बोरिंग करके राशि गबन करने का प्रयास किया गया है। इससे भी ताज्जुब की बात है कि वद्यिालय के पूर्व प्रभारी प्रधानाध्यापक की जनवरी महीने में ही मृत्यु हो गई जिसके हस्ताक्षर से राशि निकासी का प्रयास किया गया। न तो वद्यिालय मौजूद है और न ही प्रधानाध्यापक बावजूद फर्जीवाड़ा का खेल खेला गया। लोगों ने बताया कि शक्षिा पदाधिकारी भी सबकुछ जानने के बाद अंजान बनने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि अंदर खाने की बेचैनी चेहरे पर साफ दिखती है। वहीं कई वद्यिालयों के प्रधानाध्यापक का फर्जी हस्ताक्षर कर राशि निकालने का प्रयास किया। गनीमत रही कि डीएम मिथिलेश मश्रि ने कोषागार से राशि भुगतान पर भौतिक स्थिति के निरीक्षण बाद रिपोर्ट मिलने तक इसपर रोक लगा दी। अन्यथा लगभग 24 करोड़ रुपए के बिल भुगतान हो जाता।

फर्जी हस्ताक्षर का सहारा लिया। प्राथमिक वद्यिालय हनुमान गढ़ी वलीपुर को दो वर्ष पहले 2023 में उत्क्रमित कन्या मध्य वद्यिालय वलीपुर में मर्ज किया। 2024-25 के सत्र में वद्यिालय में न तो एक भी नामांकन हुआ और न ही वर्ग कक्ष का संचालन हुआ। जब वद्यिालय ही अस्तत्वि में नहीं है तो किस प्रधान ने कार्यादेश और कार्य पूर्णतया का प्रमाण पत्र दिया। साथ ही जानकारों की मानें तो संचिका में फरवरी 2025 में कार्य पूर्णतया का फर्जी हस्ताक्षर वद्यिालय प्रधान का किया गया है। जबकि मर्ज होने से पहले वद्यिालय की प्रधान रही शक्षिकिा गीता रानी की 29 जनवरी 2025 को ही मृत्यु हो गई है।

जांच-पड़ताल शुरू हुई तो संवेदक करने लगे कार्य: डीएम की सख्ती और शक्षिा विभाग के योजनाओं की जांच के लिए टीम गठित होने के बाद ठेकेदारों में बेचैनी देखी जा रही है। सोमवार को योजनाओं की जांच के लिए जब दूसरे दूसरे विभाग के अभियंताओं को संचिका दी गई तो ठेकेदार ने आनन-फानन में कार्य शुरू कर रहे हैं। पिपरिया प्रखंड के उत्क्रमित मध्य वद्यिालय सुरजीचक में सोमवार से जांच की प्रक्रिया शुरू होने पर ठेकेदार ने मरम्मत के लिए बालू, सीमेंट और टाइल्स लाया है।

फर्जी हस्ताक्षर के सहारे बिल समर्पित करना आम : मार्च क्लोजिंग को लेकर आनन-फानन में शक्षिा विभाग के योजना, लेखा शाखा और स्थापना शाखा ने बिल की निकासी का प्रयास किया। दोनों शाखा से लगभग 24 करोड़ रुपए के बिल भुगतान के लिए कोषागार भेजा गया। ऐसी स्थिति में संचिका तैयार करने के दौरान बिना कार्य पूर्ण किए वद्यिालय प्रधान से हस्ताक्षर कराने में मुश्किल होने की स्थिति को भांपते हुए फर्जी हस्ताक्षर का खेल खेला गया।

कोट: योजनाओं के क्रियान्वयन में अनियमितता की शिकायत मिली थी। योजनाओं की स्थलीय जांच करायी जा रही है। जांच प्रतिवेदन के आधार पर आगे की कार्रवाई नर्धिारित होगी। सभी को विभागीय नियमों और कानून के तहत कार्य करना चाहिए। कानून से इतर कार्य करने वालों को कठिनाई होगी। रिपोर्ट के आधार पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। -मिथिलेश मश्रि, डीएम, लखीसराय।

कोट: योजनाओं की राशि के भुगतान के लिए बिल कोषागार भेजा गया था। अभियंता की ओर से प्रस्तुत किए गए संचिका के आधार पर भुगतान की प्रक्रिया की गई। हरेक योजना की स्थलीय जांच करना संभव नहीं था। फिलहाल भुगतान की प्रक्रिया रुकी हुई है। जिला पदाधिकारी की ओर से योजनाओं की स्थलीय जांच करायी जा रही है। जांच रिपोर्ट के बाद आगे की प्रक्रिया का नर्णिय लिया जाएगा।-यदुवंश राम, डीईओ, लखीसराय।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।