High-Risk Pregnancies Identified in Lakhisarai Under Safe Motherhood Campaign एएनसी जांच में आठ गर्भवती में से एक पीड़िता हाई रिस्क प्रेगनेंसी चिह्नित, Lakhisarai Hindi News - Hindustan
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एएनसी जांच में आठ गर्भवती में से एक पीड़िता हाई रिस्क प्रेगनेंसी चिह्नित

एएनसी जांच में आठ गर्भवती में से एक पीड़िता हाई रिस्क प्रेगनेंसी चिह्नित

Newswrap हिन्दुस्तान, लखीसरायTue, 22 April 2025 01:50 AM
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एएनसी जांच में आठ गर्भवती में से एक पीड़िता हाई रिस्क प्रेगनेंसी चिह्नित

लखीसराय, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत सोमवार को सदर अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ रूपा सिंह के नेतृत्व में आयोजित प्रसव पूर्व स्वास्थ्य जांच में शामिल होने वाली हर आठवी गर्भवती महिला हाई रिक्स प्रेगनेंसी पीड़िता की शिकार पाई गई है। सदर अस्पताल प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य जांच शिविर में शहर सहित जिले के विभिन्न क्षेत्र की कुल 51 गर्भवती महिला शामिल हुई थी। जिसमें जांच के उपरांत छह गर्भवती महिला हाई रिस्क प्रेगनेंसी पीड़िता की शिकार पाई गई है। जबकि सात माह की अवधि पूर्ण कर चुकी छह गर्भवती महिला का अल्ट्रासाउंड स्क्रीनिंग किया गया। ज्ञात हो सदर अस्पताल सहित जिले के सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत प्रत्येक माह के 9 म 21 तारीख को गर्भवती महिला का प्रसव पूर्व स्वास्थ्य जांच शिविर के माध्यम से स्वास्थ्य जांच किया जाता है। शिविर में शामिल महिला का स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी द्वारा संस्थागत प्रसव कराने की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाती है। जांच के दौरान हाई रिस्क प्रेगनेंसी की शिकार चिन्हित पीड़िता का स्वास्थ्य विभाग द्वारा विशेष मॉनिटरिंग किया जाता है। डीएस डॉ राकेश कुमार ने बताया कि शुक्रवार को जांच में चिह्नित की गई सभी पीड़िता को प्रसव तब तक विशेष निगरानी व इलाज की सुविधा उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए सभी पीड़िता का पूरा बायोडाटा तैयार किया गया है। इधर स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ रूपा ने बताया कि शुक्रवार को एएनसी जांच में चिन्हित की गई हाई रिस्क प्रेगनेंसी पीड़िता का सदर अस्पताल में विशेष इलाज किया जाएगा। इलाज के दौरान पीड़िता को दवा की उपलब्धता के साथ प्रसव के पूर्व बरती जाने वाली सावधानी के बारे में बारीकी से बताया गया। उन्होंने बताया कि हाई रिस्क में उच्च रक्तचाप, ब्लड सुगर, खून की कमी, एड्स पीड़ित, किसी भी आसाध्य बीमारी एवं पूर्व में सिजेरियन के माध्यम से प्रसव वाली गर्भवती महिला शामिल होती है। इधर सीएस डॉ बीपी सिन्हा ने बताया कि आयोजन हर महीने के 9 एवं 21 तारीख को किया जाता है। अभियान में कुल 293 गर्भवती महिला की प्रसव पूर्व स्वास्थ्य जांच किया गया। जांच का मुख्य उद्देश्य है गर्भावस्था के दौरान महिला को समय पर और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा देखभाल सुनिश्चित करना, मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करना, उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था को पहचानना और प्रबंधित करना, प्रसव पूर्व देखभाल के लिए जागरूकता बढ़ाना है। किसी भी गर्भवती महिला का चार बार प्रसव पूर्व जांच की जाती है। अगर कोई गर्भवती महिला इस जांच में हाई -रिस्क पाई जाती है तो उसका छह बार जांच किया जाता है। हिमोग्लोबिन ,बीपी , ब्लड ग्रुप, वजन, एफएचएस जांच जिसमें बच्चे के धड़कन का पता लगाना होता है। साथ ही उनके खान -पान के बारे में भी बताया जाता है। किसी महिला में अगर किस तरह की कोई कमी पाई जाती है तो उसके इलाज के साथ उचित प्रबंधन के बारे में भी बताया जाता है। कार्यक्रम की शुरुआत इस आधार पर की गई कि यदि देशभर में हर एक गर्भवती महिला का चिकित्सा अधिकारी द्वारा परीक्षण एवं प्रसव -पूर्व जांच के दौरान उचित तरीके से जांच की जाए। इस अभियान का उचित पालन किया जाए तो यह अभियान देश में होने वाली मातृ मृत्यु की संख्या को कम करने में महत्वपूर्ण एवं निर्णायक भूमिका निभा सकता है।

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