नक्सली प्रवक्ता अरविंद यादव का इलाके में था अपना साम्राज्य
नक्सली प्रवक्ता अरविंद यादव का इलाके में था अपना सम्राज्य

चानन, निज संवाददाता। बोकारेां के ललपनिया में सोमवार की अहले सुबह नक्सलियों के साथ सुरक्षा बलों की मुठभेड़ में एक करोड़ के इनामी नक्सली विवेक दा के साथ ही 25 लाख का इनामी नक्सली प्रवक्ता अरबिंद यादव उर्फ नेता जी के मौत से नक्सली पूरी तरह बैकफूट पर चला गया है। नक्सली प्रवक्ता सह जोनजल कमांडर अरबिंद यादव उर्फ नेता जी की हनक चानन, कजरा, पीरी बाजार के साथ ही पड़ोसी जिले जमुई, बांका, मुंगेर में ज्यादा थी। पिछले दो दशक में अरविंद यादव का खौफ सिर चढ़कर बोलता था, जिसने भी इसके साथ बगावत की उसे मौत की नींद सुला दी। 29 अगस्त 2010 को लखीसराय के कवैया थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष भूलन यादव सहित सात पुलिसकर्मियों की हत्या कजरा के जंगल में मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों ने कर दी थी। उसी दौरान बीएमपी के एसआई लुकस टेटे, प्रशिक्षु एसआई रूपेश कुमार सिन्हा, एसआई अभय यादव एंव बीएमपी जवान ऐहतेशाम को अगवा किया गया था। बाद में प्रशासन पर दबाव बनाने के ख्याल से एसआई अभय यादव की जगह लुकस टेटे की हत्या कर दी। नक्सलियों ने लुकूस टेटे की हत्या के बाद बाकी तीन पदाधिकारियों को मुक्त कर दिया था। उसके बाद से अरविंद यादव का कद काफी बढ़ने लगा। उस वक्त की बड़ी घटनाओं के बाद अरविंद यादव चर्चा में आए। अरबिंद यादव पर बिहार ओर झारखंड सरकार द्वारा इनाम भी रखा गया।
इंटरसीटी कांड का लीड किया था अरबिंद
कजरा कांड के बाद 13 जून 2013 को कुंदर हॉल्ट पर धनबाद पटना इंटरसिटी एक्सप्रेस पर अरबिंद यादव उर्फ नेता जी के अगुवाई में हमला किया गया था। उस हमला में एक जवान सहित कुल तीन लोगों की मौत हुई थी। नक्सलियों द्वारा हथियार भी लूटा गया था। चानन इलाके में 2013 में पटना धनबाद इंटरसिटी कांड के बाद अरविंद यादव चर्चा में आ गए, तब से लेकर अब तक दर्जनों कांड का अंजाम इनके द्वारा दिया गया। इनके मर्जी के बिना पहाड़ी इलाके में कोई भी काम कतई संभव नहीं था। अरविंद यादव उर्फ नेता जी मूल रूप से जमुई जिले के सोनो थाना क्षेत्र के भेलवा -मोहनपुर गांव का रहने वाला था। अरबिंद यादव पूर्वी बिहार के बड़े नक्सली नेताओं में शुमार रहा है। उस पर बिहार सरकार और झारखंड सरकार द्वारा अलग-अलग इनाम रखा गया था। 19 अगस्त 2020 को अरबिंद यादव के सहयोगी द्वारा मननपुर बस्ती निवासी मदन यादव एवं भलूई निवासी छोटू साव की हत्या किया गया था। इसके पहले 03 अगस्त को भलूई मुखिया गणेा रजक को अगवा किया गया था।
संगठन को धारदार बनाने की भूमिका में रहते थे अरबिंद
चानन सहित जिले के पहाड़ी इलाके में अरबिंद यादव का सम्राज्य कायम था। एक खास जाति के होने के कारण चानन में पैठ मजबूत हो गया। बालू से लेकर जंगल, पहाड़, सड़क में लेवी तय रहता था। कोई भी संवदेक इनके मर्जी के खिलाफ एरिया में काम नहीं करवा पाते थे।
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