Traffic Jam Crisis in Barahiya Solutions and Community Concerns जाम से जूझते बड़हिया बाजार को बायपास की आश, Lakhisarai Hindi News - Hindustan
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जाम से जूझते बड़हिया बाजार को बायपास की आश

जाम से जूझते बड़हिया बाजार को बायपास की आश

Newswrap हिन्दुस्तान, लखीसरायThu, 20 March 2025 03:52 AM
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जाम से जूझते बड़हिया बाजार को बायपास की आश

प्रस्तुति : दिग्विजय कुमार, बड़हिया। मां बाला त्रिपुरसुंदरी के भव्य मंदिर के लिए विख्यात बड़हिया के बाजार का जाम शहर और शहरवासियों के लिए कृष्णपक्ष के समान है। जिससे जूझते लोगों के लिए जाम उनके जीवन की नियति बन गई है। जो आए दिन अप्रिय हादसे का कारण बनता है। संकीर्ण मार्ग से गुजर रहे एनएच 80 पर चलने वाले बड़े और भारी वाहनों की चपेट में आकर स्कूली बच्चे समेत आम राहगीर और ग्रामीण आयेदिन दुर्घटना के शिकार होते हैं। कई बार लंबे जाम में फंसे एम्बुलेंस में सवार मरीज को समय से उपचार नहीं मिलने की स्थिति में असामयिक मृत्यु भी हो जाती है। रोज रोज के इस जाम से न सिर्फ स्थानीय ग्रामीण, पैदल राहगीर, दुकानदार ही बल्कि जमुई, मुंगेर, देवघर आदि से पटना जाने वाले वाहन चालकों को भी फजीहत का सामना करना पड़ता है। जो घण्टों अपना कीमती समय बर्बाद कर व्यवस्थाओं को कोसने का काम करते हैं। ज्ञात हो कि बड़हिया बाजार के बीच से निकलने वाली मुख्य एनएच 80 सड़क काफी संकीर्ण और तीखे मोड़ से युक्त है। यहां के अतिव्यस्त और तीखे मोड़ वाले श्रीकृष्ण चौक की स्थिति यह है कि किसी बड़े वाहन को निकालने के लिए बार-बार वाहन को आगे पीछे करना पड़ता है। जिस कारण पीछे वाहनों की लंबी कतार लग जाती है। कभी कभी इस जाम के झाम लोगों को आधे से एक घंटे तक इंतजार करना पड़ता है। जिससे इस संकीर्ण सड़क पर पैदल चलना भी दूभर हो जाता है। साथ ही स्थानीय दुकानदारों को भी भारी फजीहत का सामना करना पड़ता है। बड़हिया के रास्ते वाहनों के आगमन और प्रस्थान के लिए बनाई गई अलग-अलग वन-वे व्यवस्था के बावजूद भी समस्याएं विकराल बनी हुई है।

मरांची-बड़हिया-रामपुर सड़क के पूर्ण होने से मिलेगी सुविधा

जाम की समस्याओं से निजात की दिशा में बड़हिया से (सुरजिचक) रामपुर तक बनने वाले 21 किलोमीटर लंबी सड़क के चालू होने से लोगों को काफी सुविधा मिलेगी। जिसमें मात्र 1100 मीटर की दूरी का निर्माण कार्य जमीन अधिग्रहण और मुआवजे की पेंच में फंसा हुआ है। हालांकि इस एसएच और एनएच के समानांतर सड़क की सुविधा भी तभी जाम से राहत देने में सफल होगी। जब प्रगति यात्रा के क्रम में की गई घोषणा सरजमीं पर आकार लेगी। जानकारी हो कि बीते दिनों प्रगति यात्रा के क्रम में लखीसराय पहुंचे प्रदेश के मुखिया ने बड़हिया गंगा कॉलेज घाट से मरांची तक (करीब 8 किलोमीटर) सड़क निर्माण कराये जाने की घोषणा और स्वीकृति प्रदान की है। इसके बन जाने से पटना जिला के मरांची से लखीसराय स्थित रामपुर के लिए एनएच 80 के समानांतर सड़क की सुविधा उपलब्ध होगी। जिसका उपयोग करते हुए बड़े वाहन बड़हिया बाजार के बाहर से ही आगे निकल सकेंगे। जिससे न सिर्फ बड़हिया बाजार को रोज रोज के जाम से राहत मिलेगा, बल्कि एनएच 80 पर वाहनों का दवाब भी कम हो जाएगा।

रैयतों को वर्षों से मुआवजा और बाईपास निर्माण की आश

बड़हिया के संकीर्ण मार्ग को ध्यान में रखकर डेढ़ दशक पूर्व ही बायपास निर्माण का आधार रखा गया था। परंतु कतिपय कारणों से यह पूरा नहीं हो सका है। जानकारी हो कि एनएचएआई के मोकामा मुंगेर सेक्शन (बाटामोड़ से मिर्जाचौकी) कुल 70 किलोमीटर लंबे सड़क निर्माण के लिए वर्ष 2009 और 2011 में थ्री ए गजट पब्लिश किया गया था। जिसमें (डुमरा से गंगासराय-तहदिया) के लिए आठ किलोमीटर का बायपास निर्माण भी शामिल था। परंतु भूअर्जन के दौरान भूमि के प्रकार निर्धारण में हुए गड़बड़ी के खिलाफ लोगों ने न्यायालय और सीबीआई दफ्तर तक का दरवाजा खटखटाया। समय के साथ जनहित को ध्यान में रखकर जमीन मालिकों ने न्यायालय से अपना केस वापस कर लिया। लेकिन इस बीच निर्माण एजेंसी ने बायपास के 8 किलोमीटर को छोड़ शेष 62 किलोमीटर का काम पूरा कर अपना काम खत्म कर लिया। दशकों से अधर में लटके बायपास निर्माण में शामिल भूस्वामियों (रैयतों) को न ही मुआवजा मिला, और न ही अब उन्हें उस जमीन पर किसी प्रकार का निर्माण अथवा खरीद विक्री करने की अनुमति है। जबकि वर्तमान में इस बायपास मार्ग में शामिल 90 फीसदी रैयतों की सहमति प्राप्त है। जिसके निर्माण कराये जाने को लेकर विभिन्न जन प्रतिनिधि द्वारा न सिर्फ संबंधित मंत्री, मंत्रालय और विभाग को पत्र लिखा गया है। बल्कि इसको लेकर विधानसभा में भी प्रश्न रखा गया है। बावजूद इस दिशा में कुछ भी नहीं हो सका है। दर्जनों रैयत बायपास निर्माण होने की आश में टकटकी लगाए हुए हैं।

क्या कहते है ग्रामीण

1. बड़हिया बाजार का जाम दिन प्रतिदिन विकराल हो रहा है। जिसका कारण सड़कों पर अतिक्रमण और बेतरतीब वाहनों को खरा किया जाना है। इस दिशा में प्रशासन को सजग होने की जरूरत है। तभी इससे निजात मिल सकेगा।

रविन्द्र सिंह, ग्रामीण

2. मां जगदम्बा के दर्शन पूजन को लेकर हर मंगलवार और शनिवार को दूर दराज से पहुंचने वाले सैकड़ो श्रद्धालुओं के लिए जाम परेशान करने वाला है। जिसको लेकर श्रद्धालु नगर के विधि व्यवस्था को कोसने के लिए मजबूर होते हैं।

जितेंद्र कुमार, ग्रामीण

3. जाम का समाधान बायपास का निर्माण ही है। जिसके बनने से बड़े वाहनों को शहर में घुसने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसका फायदा न सिर्फ नगरवासियों को बल्कि बड़हिया के रास्ते विभिन्न जिला तक जाने वाले वाहन और वाहन सवार को भी मिलेगा।

रघुवीर कुमार, ग्रामीण

4. रोज रोज के जाम की वजह से दुकानदारी भी प्रभावित होती है। घण्टों दुकान के आगे वाहन के खड़े रहने से ग्राहक दुकान तक नहीं आ पाते हैं। जिसका सीधा असर व्यापार और कारोबार पर पड़ता है। जाम से निजात मिलनी चाहिए।

किशोरी कुमार, दुकानदार

5. बड़हिया कॉलेज घाट के रास्ते मरांची से रामपुर तक के लिए सड़क के बन जाने से स्वतः ही जाम से निजात मिल जाएगा। हालांकि मुख्यमंत्री द्वारा घोषित इस सड़क को बनने में वर्षों लगेंगे। बायपास निर्माण ही इस समस्या का एकमात्र समाधान है।

कमल किशोर सिंह, ग्रामीण

6. नगर के मुख्य श्रीकृष्ण चौक पर ट्रैफिक पुलिस के नहीं रहने से भी समस्या बड़ी हो जाती है। पूर्व के अनुभवों को देखते हुए इस चौक पर हमेशा ही पुलिस बल की मौजूदगी होनी चाहिए। ताकि बड़े छोटे वाहनों का सुगमता से आवागमन हो सके।

बिहारी सिंह, दुकानदार

7. दशकों से प्रस्तावित डुमरा- तहदिया करीब 8 किलोमीटर लंबे बायपास पथ का निर्माण कराये जाने की जरूरत है। जिससे बाजार में होने वाले दुर्घटना पर भी अंकुश लगेगा। और यह बायपास निर्माण बड़हिया बाजार के लिए भी लाभकारी होगा।

कृष्णदेव सिंह, ग्रामीण

8. सुगम यातायात की व्यवस्था ही शहर को समृद्ध बनाती है। यहां स्थित मां गंगा और जगदम्बा मंदिर श्रद्धालुओं को बड़हिया खींच लाती है। जिसके सुविधा के लिए शहर के चारो ओर रिंग रोड का होना जरूरी है। आने वाले श्रद्धालु के बूते ही बाजार की अर्थव्यवस्था है।

डॉ आशुतोष कुमार, ग्रामीण

9. जाम हादसों का कारण बनता है। महीनों पूर्व एक छात्रा बड़े वाहन की चपेट में आकर शारीरिक रुप से दिव्यांग होकर इलाजरत है। कई मरीज जाम में फंसकर एम्बुलेंस में ही जान गंवा देते हैं। जाम से निजात जरुरी है। जो बायपास निर्माण से ही संभव है।

सुरेश प्रसाद सिंह, शिक्षक

10. आंशिक लाभ और हानि को भूलकर हर आम, खास और नगर निकाय को इस समस्या के समाधान के लिए आगे आना होगा। जिसमें पुलिस प्रशासन की भूमिका अहम है। लोगों में जागरूकता हो तो उपलब्ध सड़क पर भी सुगम यातायात संभव है।

गोपाल कुमार, ग्रामीण

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