अंडर पास के तलाश में जुटे पदाधिकारी
अंडर पास के तलाश में जुटे पदाधिकारी

बड़हिया, एक संवाददाता। देश की लाइफ लाइन कही जाने वाली रेलवे लाइन के नीचे बड़हिया नगर और प्रखंड क्षेत्र में अंडरपास की तलाश तेज हो गई है। इस कड़ी में शनिवार को सीनियर सेक्शन इंजीनियर (किउल) रंजय कुमार ने नगर और प्रखंड क्षेत्र स्थित तीन अलग अलग स्थलों का बारीकी से जायजा लिया गया। जिसमें किउल सेक्शन अंतर्गत डुमरी में स्थित रेल पुल संख्या 155 तथा मोकामा सेक्शन के अंतर्गत स्थित बड़हिया के पुल संख्या 158 और 159 शामिल हैं। ज्ञात हो कि पुल संख्या 158 प्रखंड मुख्यालय को टालक्षेत्र से जोड़ने वाले मार्ग (बिजली सब स्टेशन के समीप) तथा पुल संख्या 159 नवोदय विद्यालय को एनएच 80 से जोड़ने वाले मार्ग में स्थित है। जहां से बड़े वाहनों का आवागमन नहीं हो पाता है। जिसका खामियाजा टालक्षेत्र के बड़ी आबादी और किसानों को झेलना पड़ता है। जिसको लेकर जनप्रतिनिधियों एवं संबंधित अधिकारियों के समक्ष हमेशा से ही आरओबी (रेल ओवर ब्रिज) की मांग की जाती रही है। इस बीच मुंगेर लोकसभा क्षेत्र के सांसद सह केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने अंडरपास की संभावनाओं के तलाश हेतु रेल के संबंधित विभाग को निर्देश दिया है। ताकि किसानों और टालक्षेत्र वासियों के हित में बड़े वाहनों का रेलवे लाइन के नीचे से आवागमन उपलब्ध हो सके। जद यू नेता सुजीत कुमार के साथ निरीक्षण में पहुंचे सीनियर इंजीनियर ने रेल पुल की बनावट तथा भौगोलिक रूप से स्थल पर होने वाले जलजमाव की वस्तुस्थिति को जाना। इस दौरान उपस्थित रहे ग्रामीणों ने अंडरपास के बजाय आरओबी को ही समस्या का एकमात्र और उपयुक्त समाधान बताया। गहन निरीक्षण बाद इंजीनियर रंजय कुमार ने कहा कि वे स्थल के वस्तुस्थिति को वरीय अधिकारी एवं विभाग को उपलब्ध कराने का काम करेंगे। साथ रहे सुजीत कुमार ने कहा कि इंजीनियर का मानना है कि रेल पुल के नीचे से अंडरपास का निकाला जाना उचित नहीं है। क्योंकि इस कड़ी में पुल की बनावट में तोड़फोड़ होगा। जबकि पुल से परे मिट्टी भड़ाव से गुजर रहे रेल लाइन के नीचे से अंडरपास का निर्माण कराया जाना ही उचित है। जिसके निर्माण बाद उस अंडरपास से एप्रोच पथ को भी तैयार किये जाने की आवश्यकता होगी। हालांकि नवोदय विद्यालय के रास्ते आने वाले रेल पुल अंडरपास के एक भाग को ग्रामीणों के मांग पर पक्कीकरण से वंचित रखा गया है। जिसका कारण उक्त स्थल से किसानों के बड़े वाहनों का आना जाना ही है। जो इन दिनों जलजमाव के जद में है। पूर्व में भी इस रास्ते से वाहनों का आवागमन सफल रहा है। इंजीनियर द्वारा दिये जाने वाले रिपोर्ट बाद क्या कुछ निर्णय लिया जाता है। यह भविष्य के गर्भ में है। जबकि रेलवे लाइन पर आरओबी का बनाया जाना अतिआवश्यक है। ताकि हजारों की आबादी और किसानों को बेहतर आवागमन का लाभ मिल सके। साथ ही रेल पुल के नीचे, साल के छह महीने रहने वाले जलजमाव से निजात मिले और बड़हिया से शेखपुरा को जोड़ने वाले मुख्य सड़क का निर्बाध उपयोग संभव हो सके।
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