गर्मी शुरू होते ही खिसकने लगा जलस्तर, होगी परेशानी
गर्मी शुरू होते ही खिसकने लगा जलस्तर, होगी परेशानी

काश मंडल, चानन। चानन प्रखंड में गर्मी की तपिश के साथ ही जलस्तर गिरने लगा है। भीषण गर्मी पड़ने पर स्थिति और खराब होने की आशंका से लोग चिंतित है। जिन इलाकों में कभी कुंए और हैंडपंप से पलभर में पानी मिल जाता था, वहां अब कड़ी मेहनत के बाद भी पानी नसीब नहीं हो पा रहे है। जाहिर है यह घटते जलस्तर का परिणाम है। इसे देखते हुए सरकार द्वारा हर घर नल जल योजनाएं चलाई गई। इन योजनाओं के जरिए हर वार्ड में टंकी बैठा कर घरों तक पाइप बिछाया गया, इसके बाद भी लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है। पहाड़ी इलाके में तो स्थिति और भी खराब है। यहां गर्मी के शुरूआती दिनों से ही पानी की किल्लत शुरू हो जाती है। पहाड़ी इलाके में इस बार पिछले साल की तुलना में अधिक पानी की किल्लत होगी। इस बार तो अभी से ही पानी की समस्या उत्पन्न होने लगी है। जबकि गर्मी पड़नी बाकी है। पता नहीं मई-जून के गर्मी में पेयजल की क्या स्थिति होगी समझ में नहीं आता। सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट में शुमार हर घर नल जल योजना का हाल भी बेहाल है। ग्रामीण इलाके में घरों तक पीएचईडी के माध्यम से पाइप बिछाया गया, लेकिन काम में काफी लापरवाही बरती गई, जिस वजह से कहीं कायदे से पानी नहीं मिल पा रहा है। पीएचईडी द्वारा ग्रामीण इलाके में लगाए गए चापाकल यूं ही बेकार पड़े है। डीएम निर्देश के बावजूद चापाकल की मरम्मती नहीं हो पा रहा है। कई चापाकल ठीक है, लेकिन वहां भी मनमाफिक पानी नहीं मिल पा रहा है। चुरामन बीघा वार्ड नंबर 03 में लगा सरकारी चापाकल खुद बीमार है। चुरामन बीघा के अलावा महेशलेटा, ईटहरी, धनवह, बलेदरिया सहित प्रायः गांवों में सरकारी चापाकल की स्थिति ठीक नहीं है। ऐसा पहली बार हुआ है कि अप्रैल में भी देह जला देने वाली गर्मी से भूमिगत जल स्तर नीचे खिसक रहे है। सात निश्चय योजना के तहत प्रखंड के सभी वार्डो में चार साल पहले मुख्यमंत्री जल नल योजना के तहत बोरिंग कर टंकी बैठाकर घरों तक पाइप पहुंचाया गया, लेकिन आधे से अधिक वार्डो में अब भी पानी की किल्लत जारी है। पहाड़ी इलाके में स्थिति और भी चिंताजनक है। नल जल योजना विभागीय लापरवाही के कारण पूरी तरह फ्लॉप साबित हो रहे है। यहां साधारण बोरिंग से पानी निकलना मुश्किल हो रहा है। डीप बोरिंग साधारण परिवार के पास है ही नहीं, ऐसे में घर की महिलाएं पानी को सहेज कर रखती है। पहाड़ी इलाका कछुआ, गोबरदाहा, रेउटा मुसहरी, महजनमा, सतघरवा आदि गांवों में जिला प्रशासन की पहल पर पिछले साल टैंकर से पानी उपलब्ध कराया गया था। इस बार भी स्थिति उसी तरह की बनती जा रही है। गर्मी के कारण रोजसना पानी का लेयर खिसक रहा है। यही हाल रहा तो आने वाले दिनों में पानी की किल्लत यहां ज्यादा होगी। प्रशासन को पहाड़ी इलाके में बसे लोगों पर ध्यान देने की जरूरत है। पीएचईडी के कनीय अभियंता किरण कुमारी ने कहा कि पीएचईडी विभाग द्वारा खराब चापाकल को दुरूस्त कराया जा रहा है। चानन में कुल 562 चापाकल है, जिसमें 506 चालू अवस्था में है। 56 खराब चापाकल को मिस्त्री के टीम बनाकर इस पर काम किया जा रहा है। गर्मी के कारण पानी के लेयर रोजना खिसक रहे है। पानी के लेयर खिसने से चापाकल में मन माफिक पानी नहीं मिल रहा है। हर घर नल जल योजना की भी मॉनिटिरिंग किया जा रहा है। शुक्रवार को जानकीडीह, लाखोचक एवं कंुदर पंचायत का मुआयना किया गया। वर्तमान में जरूरी जगहों पर चापाकल गाड़ा जा रहा है। बीडीओ प्रिया कुमारी ने कहा कि गर्मी में पानी की किल्लत नहीं होगी। डी.एम सर खुद विभागीय अधिकारी को निर्देशित किया गया है। कई जगहों पर सरकारी चापाकल लगाया जा रहा है। आदिवासी इलाका गोबरदाहा, रेउटा मुसहरी सहित दर्जनों जगहों पर चापाकल को लेकर बोरिंग किया जा रहा है। सतघरवा, महजनमा, गोबरदाहा सहित अन्य जगहों पर पिछले साल टैंकर से पानी उपलब्ध कराया गया था, जरूरत पड़ने पर इस बार भी पानी उपलब्ध कराया जायेगा।
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