Kishanganj Hospital Faces Doctor Shortage Despite Investment in Health Services सदर अस्पताल : 39 डॉक्टर का पद स्वीकृत, ओपीडी में कार्यरत मात्र 13 डॉक्टर, Kishanganj Hindi News - Hindustan
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सदर अस्पताल : 39 डॉक्टर का पद स्वीकृत, ओपीडी में कार्यरत मात्र 13 डॉक्टर

किशनगंज सदर अस्पताल में चिकित्सकों की कमी है, जबकि सरकार स्वास्थ्य सेवाओं पर करोड़ों खर्च कर रही है। 25 लाख जनसंख्या वाले जिले में केवल 13 डॉक्टर मरीजों की सेवा में जुटे हैं। विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी...

Newswrap हिन्दुस्तान, किशनगंजSat, 26 April 2025 01:54 AM
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सदर अस्पताल : 39 डॉक्टर का पद स्वीकृत, ओपीडी में कार्यरत मात्र 13 डॉक्टर

किशनगंज, एक प्रतिनिधि। सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में करोड़ों रुपए खर्च कर लोगों को सुलभ चिकित्सीय सेवा के जहां दावा करत रही है। करीब 25 लाख आबादी वाले किशनगंज जिले के सदर अस्पताल में अधीक्षक-उपाधीक्षक एवं विशेषज्ञ चिकित्सक सहित 18 विभाग में 39 चिकित्सक का पद स्वीकृत है, लेकिन सदर अस्पताल शुरू से डॉक्टर की कमी रहा है,वहीं चिकित्सक अवकाश में जाने के वजह से वर्तमान में मात्र 13 डॉक्टर द्वारा ओपीडी एवं इमरजेंसी सेवा में मरीजों को बेहतर सेवा उपलब्ध कराने में सदर अस्पताल प्रशासन जुटा हुआ है। एक चौथाई चिकित्सक में जिसमे 9 पुरुष एवं 4 महिला चिकित्सक शामिल है,9 पुरुष चिकित्सकों में 1 एनेस्थीसिया एक औऱ डॉक्टर एवं 1 आयुष डॉक्टर के अलावा शेष डॉक्टर का पदस्थापना सामान्य डॉक्टर के पद पर हुआ है। वहीं चार महिला डॉक्टर में एक महिला एवं प्रसुति रोग विशेषज्ञ एवं एक आयुष डॉक्टर है शेष दो सामान्य चिकित्सक के पद पर पदस्थापना हुआ है। इस के अलावा सदर अस्पताल परिसर स्थित एसनसीयू में 3 शिशु रोग विशेषज्ञ से नवजात शिशुओं का इलाज किया जाता है। कम संख्या में चिकित्सक रहने के बावजूद सामान्य ओपीडी एवं इमरजेंसी सेवा में चिकित्सक ड्यूटी कर मरीजों को बेहतर सेवा दे रहे हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग सदर अस्पताल में सुविधा में इजाफा करते हुए बीते दो वर्ष में सदर अस्पताल में डायलिसिस यूनिट,सिटी स्कैन,डिजिटल एक्स-रे,बेहतर सुविधा से लैस लेबर रूम एवं ऑपरेशन थियेटर की उपलब्धता एवं अरटीपीसीआर लैब सभी तरह की जांच की सुविधा उपलब्ध पैथोलॉजी लैब भी चालू है। वही सदर अस्पताल भवन में 10 बेड का आईसीयू एवं 40 बेड का पीकू वार्ड चालू होने के लिए तैयार है। गौरतलब हो कि अगस्त 2023 से ऑक्सीजन प्लांट बंद पड़ा है। सदर अस्पताल में इन सुविधा उपलब्ध रहने के वावजूद डॉक्टर की कमी के वजह से जिले वासियों को सदर अस्पताल से शल्य चिकित्सा व समुचित चिकित्सीय सेवा से जिले के मरीजों को महरूम रहना पड़ रहा है, सदर अस्पताल में सर्जरी विभाग,इएनटी, चर्म रोग विशेषज्ञ, हड्डी रोग विशेषज्ञ, रेडियोलॉजिस्ट,पैथोलॉजिस्ट, आयुष फिजीशियन सहित कई विभाग में विशेषज्ञ डॉक्टर का पदस्थापना नहीं होने के वजह से मरीजों को एमजीएम मेडिकल कॉलेज या अन्य हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता है। सदर अस्पताल में समुचित चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध नहीं होने के वजह से मरीजों को आर्थिक दोहन से गुजरना पड़ रहा है। वहीं हाल के दिनों में बदलते मौसम के कारण सदर अस्पतालों में मरीजों की तादाद बढ़ने लगी है। चालू सप्ताह में मरीजों की तादाद में बढ़ोतरी देखा जा रहा है। खबर लिखे जाने तक सदर अस्पताल आने वाले अधिकतर मरीज जुकाम, खांसी, खुजली, दस्त व वायरल बुखार से पीड़ित थे। वही डॉक्टर की कमी के कारण मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। विशेषज्ञ डॉक्टर का पदस्थापना नही होने के वजह से मरीजों को एमजीएम मेडिकल कॉलेज या अन्य हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता है। सदर अस्पताल में समुचित चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध नही होने के कारण रेफर किये जा रहे मरीजों के परिवार को आर्थिक दोहन से गुजरना पड़ रहा है। आर्थिक रूप से सम्पन्न मरीज का हायर सेंटर में इलाज करवा लेते हैं तो वहीं गरीब तबके के मरीज इलाज करवाने के लिए कर्ज में डूबता जा रहा है

क्या कहते हैं उपाधीक्षक:

सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. अनवर हुसैन ने बताया कि सदर अस्पताल में डॉक्टरों की कमी है। डॉक्टर की कमी को विभाग को अवगत कराया गया है । डॉक्टर के कमी के बावजूद अस्पताल में मरीजों को बेहतर सेवा देने में सभी डॉक्टर मुस्तैदी से ड्यूटी कर रहे हैं। सुबह शाम के ओपीडी के अलावा इमरजेंसी ड्यूटी में 24 घंटा डॉक्टर उपलब्ध रहता है। वहीं नर्मल डिलीवरी नहीं होने की स्थिति में सदर अस्पताल में सिजेरियन डिलीवरी कराया जाता है।

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