घरों की छतों से गुजर रहे बिजली के तार, नहीं हो रहा समस्या का निदान
मधुबनी के गदियाना मोहल्ला, बड़ा बाजार, शंकर चौक आदि क्षेत्रों में बिजली के तारों का जाल नागरिकों के लिए खतरा बन गया है। लोग इसकी शिकायतें कर चुके हैं, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। बरसात के समय...
मधुबनी । शहर के गदियाना मोहल्ला, बड़ा बाजार, शंकर चौक, आदर्श नगर कॉलोनी, जगतपुर मोहल्ला आदि मोहल्लों के सैकड़ों के घरों की छतों और दीवारों से होकर बिजली के तार गुजर रहे हैं। यह समस्या वर्षों पुरानी है लेकिन इसका निदान नहीं हो रहा है। आंधी-बारिश के दौरान ये हादसों का कारण बनते हैं। गर्मी के मौसम में जब लोग छत पर सोने या टहलने जाते हैं, तो यह बिजली के तार खतरा बनकर उनके सिर पर मंडराता रहता है। कई बार तो लोग बच्चों और बुजुर्गों को छत पर जाने से भी रोक देते हैं। बिजली विभाग को स्थानीय लोगों ने कई बार इसकी शिकायत की है। समस्या बिजली विभाग की नजर में भी है लेकिन इसका निदान करने में लाचार बना हुआ है।
लोग कर चुके हैं लिखित शिकायत : लोगों ने लिखित और मौखिक दोनों तरह से शिकायतें दर्ज कराई हैं। अधिकारियों ने आश्वासन तो दिया, लेकिन वह आश्वासन ही रहा कोई पहल नहीं हुई। आज भी समस्या जस की तस बनी हुई है। मकड़जाल की तरह फैले इन तारों के कारण आए दिन छोटे-बड़े हादसे होते रहते हैं। बरसात के मौसम में यह खतरा और भी बढ़ जाता है, क्योंकि गीले तारों में करंट फैलने की संभावना बहुत ज़्यादा होती है। यह स्थिति न केवल नागरिकों के जीवन के लिए खतरनाक है, बल्कि आगजनी जैसी घटनाओं की संभावना को भी जन्म देती है। जब कोई बाहर से आने वाला व्यक्ति इन इलाकों से गुजरता है, तो उसे शहर की व्यवस्था अव्यवस्थित और पिछड़ी हुई लगती है।
समस्या से परेशान प्रशांत कुमार झा और रंजीत कुमार झा बताते हैं नगर निगम और बिजली विभाग को मिलकर इस दिशा में ठोस कदम उठाना चाहिए। इसके लिए जनप्रतिनिधियों को भी नागरिकों के साथ मिलकर आवाज़ उठानी चाहिए। साथ ही, स्थानीय लोगों को भी जागरूक होकर ऐसे तारों के पास न जाने और बच्चों को भी दूर रखने की जिम्मेदारी निभानी चाहिए।
तारों को खुद से व्यवस्थित करने की जिम्मेवारी : सरयुग मंडल कहते हैं कि शहर में बिजली के तारों का मकड़जाल लोगों के लिए बड़ी समस्या बनता जा रहा है। खासकर घरों की छतों और दीवारों से सटे हुए इन तारों के कारण लोगों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बिजली विभाग की लापरवाही का नतीजा यह है कि स्थानीय निवासी अपनी जान जोखिम में डालकर खुद ही इस समस्या से निपटने को मजबूर हैं। स्थानीय निवासी प्रभात शेखर का कहना है कि जब वे अपना घर बनाव रहे थे, तब बिजली के तार मकान की छत और दीवार से इतने करीब से गुजर रहे थे कि काम करना मुश्किल हो गया था। उन्होंने बताया कि इस समस्या को लेकर कई बार बिजली विभाग से संपर्क किया गया, लेकिन वहां से कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला। मजबूरी में उन्हें निजी बिजली मिस्त्री को बुलाकर तार हटवाना पड़ा और इसके लिए भारी रकम भी खर्च करनी पड़ी। यह केवल प्रभात शेखर की ही समस्या नहीं है, बल्कि शहर के कई मोहल्लों जैसे गदियाना, बड़ा बाजार, आदर्श नगर, और जगतपुर के लोगों के भी यही हालात हैं। वहां के निवासी भी इसी तरह की समस्याओं से जूझ रहे हैं। यह काम बिजली विभाग के कर्मचारियों को करना चाहिए। ऐसे कामों से लोगों पर आर्थिक बोझ बढ़ता है, साथ ही हादसों का खतरा भी बना रहता है। छतों से गुजरने वाले इन बिजली के तारों के कारण न केवल मकान बनवाने में परेशानी होती है, बल्कि बरसात और गर्मी के मौसम में यह तार दुर्घटनाओं का कारण भी बनते हैं। कई बार लोग छत पर जाते हैं और इन तारों के संपर्क में आकर घायल हो जाते हैं। जरूरत है कि बिजली विभाग अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से समझे और जल्द से जल्द ऐसे सभी स्थानों का सर्वे करवा कर तारों को सुरक्षित दूरी पर लगाए। साथ ही, स्थानीय प्रशासन को भी इस समस्या पर ध्यान देना चाहिए ताकि नागरिकों को इस तरह की असुविधा और खतरे का सामना न करना पड़े।
बोले जिम्मेदार
शहरवासियों को इस प्रकार की समस्याओं से निपटने के लिए बिजली विभाग और नगर निगम में लिखित आवेदन देना चाहिए। आवेदन मिलने के बाद संबंधित विभाग इस मुद्दे को प्राथमिकता के आधार पर देखेंगे और जल्द से जल्द समाधान किया जाएगा। नगर निगम और बिजली विभाग मिलकर इस समस्या को दूर करने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे ताकि शहरवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और उन्हें बेहतर नागरिक सुविधाएं मिल सकें।
-अरुण राय, मेयर
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