सूड़ी स्कूल के विकास में अतिक्रमण बना बाधक, लौट गए 2.56 करोड़ रुपये
मधुबनी के सूड़ी प्लस टू उच्च विद्यालय की स्थिति बेहद खराब है। यहां 2500 से अधिक छात्र 7 कक्षाओं में पढ़ाई कर रहे हैं, जबकि नए भवन का निर्माण अतिक्रमण के कारण रुका हुआ है। असामाजिक तत्वों की मौजूदगी और...

मधुबनी । शहर के सूड़ी प्लस टू उच्च विद्यालय की स्थिति बदहाल है। इसकी बदहाली अब प्रशासनिक लापरवाही और अतिक्रमण की भयावह तस्वीर पेश कर रही है। विधानसभा में सवाल उठने और सरकार द्वारा 2.56 करोड़ रुपये की स्वीकृति के बावजूद भवन निर्माण नहीं हो सका और राशि लौट गयी। विद्यालय के चारों ओर अतिक्रमण है। मैदान में ट्रकों की आवाजाही और असामाजिक तत्वों की मौजूदगी ने स्कूल की शिक्षा व्यवस्था का माहौल खराब कर दिया है। छात्राओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। शिक्षक अपने प्रयासों के बावजूद खुद को बेबस महसूस कर रहे हैं। यह विद्यालय जहां एक समय शिक्षा का आदर्श केंद्र था, अब चारों ओर से अतिक्रमणकारियों के कब्जे में है। यहां पढ़ने वाले 2500 से अधिक छात्र-छात्राएं आज मात्र 7 कक्षाओं में किसी तरह पढ़ाई पूरी कर रहे हैं। पुराने भवन जर्जर हो चुके हैं और नए भवन का निर्माण अतिक्रमण के कारण शुरू नहीं हो पा रहा है। पूर्व डिप्टी सीएम तारकेश्वर प्रसाद सिंह के स्कूल हुए कार्यक्रम के बाद सरकार ने 2.56 करोड़ रुपये भवन निर्माण के लिए स्वीकृत किए थे। राशि भी जारी हुई, लेकिन जमीन पर अवैध कब्जा के चलते निर्माण शुरू नहीं हो सका। स्कूल की जमीन पर ट्रकों की लोडिंग-अनलोडिंग, अवैध गोदाम और चाय-पान की दुकानों ने माहौल को खराब कर दिया है।
स्कूल का माहौल असुरक्षित : विद्यालय की चहादीवारी भी नहीं है, जिससे असामाजिक तत्वों, नशेड़ियों और अपराधियों ने यहां डेरा जमा लिया है। छात्रा जाह्नवी, जानकी, शालू और सोनाक्षी बताती हैं कि उन्हें रोजाना आने-जाने में शर्मनाक स्थिति से गुजरना पड़ता है। खेलकूद की सुविधा भी खत्म हो गई है, क्योंकि ग्राउंड अब पार्किंग स्थल बन गया है। छात्र पीयूष, शांतनु और अंकित ने बताया कि ग्राउंड में ट्रकों की आवाजाही होती है, जिससे न तो खेलने की जगह मिलती है और न ही शांति से पढ़ाई। एनसीसी ऑफिसर मो. शमशेर ने कहा कि विद्यालय की गरिमा और सुरक्षा के लिए चहारदीवारी बनाना जरूरी है। शिक्षक अजय कुमार ठाकुर और हरिनारायण मिश्र बताते हैं कि भूमि की पैमाइश कराकर अतिक्रमण हटाने की जरूरत है। अभिभावक उमेश प्रसाद ने कहा कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो विद्यालय का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। विद्यालय के एक हिस्से में हेडमास्टर का आवास है, जो जर्जर है और उस पर भी कब्जा कर लोग चाय की दुकान चला रहे हैं। यह मुद्दा बार-बार उठ चुका है, लेकिन आज तक जमीन की पैमाइश नहीं हो सकी। प्रशासन और शिक्षा विभाग जल्द मामले में कार्रवाई करनी चाहिए।
परिसर में नशेड़ियों का अड्डा : विद्यालय का परिसर अब नशेड़ियों और अपराधियों का ठिकाना बन चुका है। चहारदीवारी नहीं होने के कारण असामाजिक तत्व आसानी से परिसर में प्रवेश कर जाते हैं। छात्राओं ने बताया कि उन्हें आते-जाते फब्तियों का सामना करना पड़ता है। शिक्षक रोकते हैं तो ये लोग आक्रामक हो जाते हैं। पुलिस को कई बार सूचना दी गई, लेकिन कुछ नहीं हुआ। प्रशासन व शिक्षा विभाग बदहाली को दूर करने को कदम उठाएं।
अतिक्रमण के कारण योजनाएं फंसी
विद्यालय के जर्जर भवन की मरम्मत और नया भवन बनाने के लिए 2.56 करोड़ रुपये की योजना स्वीकृत हुई थी। राशि भी जारी कर दी गई, लेकिन विद्यालय की जमीन पर फैले अतिक्रमण ने पूरे निर्माण कार्य को रोक दिया। चारों तरफ से कब्जा कर लोगों ने वहां दुकानें खोल ली हैं, मैदान में ट्रक खड़े कर गोदाम बना लिया है, जिससे निर्माण कार्य की शुरुआत तक नहीं हो
सकी। शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन सभी स्थिति से अवगत हैं, लेकिन आज तक न पैमाइश हुई और न ही अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया शुरू हुई। यदि प्रशासन समय रहते सख्ती नहीं दिखाता, तो स्कूल का भविष्य अधर में लटक जायेगा।
समस्या का नहीं हो रहा निदान
प्रभारी प्राचार्य डॉ.प्रशांत कुमार ठाकुर ने बताया कि विद्यालय की वर्तमान स्थिति को लेकर उच्चाधिकारियों को लगातार जानकारी दी जाती रही है। निर्माण के लिए राशि आई थी। इसकी निविदा की प्रक्रिया भी पूरी की गयी। लेकिन अतिक्रमण नहीं हटाये जाने के कारण राशि वापस हो गयी है। चारों ओर से अतिक्रमण के कारण न केवल भवन निर्माण बाधित है, बल्कि शिक्षा व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है। असामाजिक तत्वों को लेकर भी जानकारी दी गयी है। इसका निदान नहीं हो रहा है।
-बोले जिम्मेदार-
विद्यालय की समस्या के निदान के लिए लगातार संघर्ष कर रहा हूं। यहां के लिए आयी राशि प्रशासन के द्वारा अतिक्रमण खाली नहीं कराये जाने के कारण वापस हो गयी है। मैंने फिर से भवन और अन्य सुविधाओं के लिए पहल की है। उम्मीद है, शीघ्र यहां की व्यवस्था में सुधार होगा।
-समीर कुमार महासेठ,विधायक
स्कूल एवं उसके आसपास पुलिस की गश्ती गाड़ी पेट्रोलिंग करती है। असमाजिक तत्वों पर पुलिस की पैनी नजर है। नगर थानाध्यक्ष को विशेष निर्देश दिया गया है कि शहर के स्कूलों के आसपास चौकसी बरतें। गलत गतिविधियों में शामिल लोगों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। छात्र-छात्राएं निडर होकर स्कूल जाएं असामाजिक तत्वों पर हमेशा पुलिस की नजर रहती है। बिना वर्दी के भी पुलिस कर्मियों से निगरानी करायी जाएगी।
-राजीव कुमार, सदर डीएसपी मधुबनी।
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