घर में बच्चों के अध्ययन के लिए एक शांत और प्रेरणादायक कोना सुनिश्चित किया जाए
मधुबनी जिले के सभी स्कूलों में अभिभावक-शिक्षक संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें शिक्षकों और अभिभावकों ने छात्रों की पढ़ाई और सुरक्षा पर चर्चा की। प्रधानाध्यापक ने गर्मी की छुट्टियों को रचनात्मक बनाने...
मधुबनी, निज संवाददाता। गर्मी की छुट्टियों से पहले जिले के सभी स्कूलों में शनिवार को विभागीय निर्देशानुसार अभिभावक-शिक्षक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसी क्रम में उत्कृष्ट मध्य विद्यालय, जितवारपुर, सोहुआ मवि, वाटसन मवि, वाटसन प्लस टू उवि, शिवगंगा बालिका प्लस टू उवि और अन्य विद्यालयों में इसके तहत कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इसक्रम में जितवापुर में एचएम सतीश कुमार सिंह की अध्यक्षता में बैठक सम्पन्न हुई। ‘पढ़ेंगे, बढ़ेंगे और सीखेंगे हम विषय पर आधारित इस संगोष्ठी में सभी वर्ग शिक्षक अपने-अपने कक्षा में अभिभावकों के साथ संवाद में शामिल हुए। बैठक में मासिक परीक्षा के परिणामों से अवगत कराते हुए छात्रों के सीखने की गति और सुधार की दिशा पर चर्चा की गई।
गर्मी की छुट्टियों को उपयोगी और रचनात्मक बनाने पर विशेष जोर देते हुए प्रधानाध्यापक ने बच्चों को समयबद्ध पुनरावृत्ति और नियमित अध्ययन की सलाह दी। इस दौरान एचएम ने बताया कि सभी विषयों का गृहकार्य छात्रों को दे दिया गया है, जिसे अभिभावकों की निगरानी में पूरा कराया जाना चाहिए। उन्होंने हर घर एक पाठशाला पहल के तहत अभिभावकों से अपील की कि घर में बच्चों के अध्ययन के लिए एक शांत और प्रेरणादायक कोना सुनिश्चित किया जाए। संगोष्ठी में उपस्थित शिक्षकों ने अभिभावकों को यह भी समझाया कि बच्चों को गर्मी में अनावश्यक बाहर न निकलने दें और उनकी सुरक्षा पर विशेष ध्यान दें। विद्यालय की शिक्षिका रेणु कुमारी, चंद्रलता कुमारी, प्रियंका कुमारी, संगीता कुमारी रजक, शिक्षक मो. रुहुल्ला, भूपेंद्र प्रताप सिंह, उम्मे हबीबा, जीनत परवीन सहित अन्य शिक्षकों ने संगोष्ठी में सहभागिता निभाई। हर स्कूलों में बैठक में हुई चर्चा जिले में शहरी और ग्रामीण इलाकों की शैक्षणिक स्थितियों में अंतर साफ नजर आ रहा है। ग्रामीण स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति में तेजी के कारण पठन-पाठन अपेक्षाकृत बेहतर हो रहा है, वहीं शहरी क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी बनी हुई है। उदाहरणस्वरूप, गांधी बाजार के एक स्कूल में जहाँ 22 शिक्षक पदस्थापित होने चाहिए, वहां मात्र 7 शिक्षक ही कार्यरत हैं। वाटसन प्लस उच्च विद्यालय, शिवगंगा प्लस उच्च विद्यालय और सूड़ी प्लस टू उवि जैसे कई संस्थानों में भी यही स्थिति है, जिससे शहरी छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। माताओं की उपस्थिति रही अधिकाधिक स्कूल के एचएम और अन्य शिक्षकों ने बताया कि अभिभावकों की भागीदारी से छात्रों के प्रदर्शन में सकारात्मक सुधार की उम्मीद है। मौसम खराब रहने के बावजूद माताओं की उपस्थिति इस बात का प्रमाण है कि अब अभिभावक भी अपने बच्चों के भविष्य को लेकर गंभीर हैं। डीईओ जावेद आलम ने जानकारी दी कि जिले भर में सभी विद्यालयों में यह बैठक सफलतापूर्वक संपन्न हुई, जिसमें शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और छुट्टियों को उपयोगी बनाने की रणनीति पर व्यापक मंथन हुआ।
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